जब भी भारत के प्रतिष्ठित और सम्मानित उद्योगपतियों की बात होती है तो रतन टाटा का नाम सबसे पहले आता है उनकी सादगी उनकी उदारता और उनकी दूरदर्शिता ने उन्हें देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में एक अनमोल स्थान दिलाया है लेकिन हाल ही में उनकी सेहत को लेकर जो अफवाहें उड़ी उन्होंने लोगों के दिलों में चिंता की लहर पैदा कर दी खबर आई कि 86 वर्षीय रतन टाटा को आईसीयू में भर्ती कराया गया है और वह ब्लड प्रेशर से संबंधित समस्याओं से जूट रहे हैं कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर ये अफवाहें तेजी से फैलने लगी अचानक लोग उनकी सेहत को लेकर चिंतित हो गए
हर जगह बस एक ही सवाल था रतन टाटा की तबीयत कैसी है लेकिन यहां कहानी में एक ट्विस्ट आया खुद रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया और सभी गलतफहमियां को दूर कर दिया रतन टाटा ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए स्पष्ट किया कि यह सारी खबरें अफवा है और उन्हें कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है उन्होंने कहा कि वह केवल रेगुलर मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल गए थे जो उनकी उम्र से जुड़ी सामान्य प्रक्रिया हैं उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी हालत ठीक है और चिंता की कोई बात नहीं है रतन टाटा ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि मैं इन अफवाहों से अनजान नहीं हूं मैं बस सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मेरी तबीयत ठीक है और मीडिया से विनम्र अनुरोध है कि वह इस तरह की गलत खबरें से बचे।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह अफवाहें फैली कैसे दरअसल रतन टाटा अब अपने स्वार्थ स्वास्थ को देखते हुए सार्वजनिक जगहों पर कम ही नजर आते हैं वह एक प्राइवेट जीवन बिता रहे हैं और उनकी सीमित सार्वजनिक उपस्थिति ने लोगों को इस सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं उनकी तबीयत ठीक नहीं जैसे ही कुछ खबरों में उनकी हॉस्पिटल विजिट की बात सामने आई लोगों ने इसे एक बड़ी समस्या के रूप में देखना शुरू कर दिया बिना पुष्टि के यह खबर आग की तरह फैल गई और लोगों में चिंता बढ़ने लगी रतन टाटा ने मीडिया से खास अपील की कि ऐसी अफवाहों को फैल लाने से बचा जाए उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि उनकी सेहत को लेकर फैलाई गई गलत खबरें पूरी तरह से बेबुनियाद है इस पूरी खबर से हमें यह सीखने को मिलता है कि जब किसी सार्वजनिक व्यक्ति के स्वास्थ्य या व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी कोई खबर सामने आए तो उसे बिना पुष्टि के फैलाना कितना खतरनाक हो सकता है रतन टाटा एक ऐसा नाम है जिसने अपने जीवन में ना सिर्फ बिजनेस में नई ऊंचाइयां छुई बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी अद्वितीय योगदान दिया उम्र के इस पड़ाव पर
उन्होंने अपने काम से थोड़ी दूरी बनाई है और एक शांतिपूर्ण निजी जीवन जी रहे हैं टाटा समूह से रिटायर होने के बाद रतन टाटा ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि उनका जीवन सादगी और शांति से भरा रहे और जब बात आती है उनके स्वास्थ्य की तो वह नियमित चेकअप पर भरोसा करते हैं ताकि किसी भी संभावित समस्या का समय रहते पता लगाया जा सके रतन टाटा का यह संदेश केवल उनकी सेहत की अफवाहों को खारिज करना नहीं था बल्कि उन सभी के लिए एक प्रेरणा थी जो कि हमें बिना सत्यता को किसी भी खबर पर यकीन नहीं करना चाहिए उन्होंने अपने फॉलोअर्स और मीडिया को आश्वस्त किया कि उन्हें कोई गंभीर समस्या नहीं है और वह केवल रेगुलर चेकअप के लिए अस्पताल गए थे इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि रतन टाटा कितने ग्राउंडेड और जिम्मेदार इंसान हैं उनका जीवन और उनके आदर्श हमेशा हमें प्रेरित करते रहेंगे तो अगली बार जब आप किसी बड़े व्यक्ति के बारे में कोई खबर सुने तो उसे जांचे बिना उस पर यकीन ना करें खुद रतन टाटा ने हमें ने यही सिखाया है। हम सब उनके अच्छे स्वास्थय की कामना करते हैं।