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हिंदी साहित्य का इतिहास: रीतिकाल – मेरे नोट्स

हिंदी साहित्य का इतिहास: रीतिकाल

1. रीतिकाल का परिचय

रीतिकाल (17वीं से 18वीं शताब्दी) हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण कालखंड है, जो मुख्यतः शृंगारिक काव्य और नायिका-भेद पर केंद्रित था। इस काल में हिंदी काव्यशास्त्र का विकास हुआ और काव्य कला के नियमों के पालन पर विशेष ध्यान दिया गया। रीतिकाल का साहित्य दरबारी संस्कृति और शृंगार रस के चित्रण से प्रभावित था।

  • कालावधि: 17वीं से 18वीं शताब्दी
  • प्रमुख विशेषता: शृंगारिक काव्य और दरबारी जीवन का चित्रण।
  • मुख्य उद्देश्य: काव्यशास्त्र के नियमों के आधार पर साहित्य सृजन और नायिका भेद का विस्तृत वर्णन।
  • धार्मिक एवं सांस्कृतिक प्रभाव: इस काल का साहित्य मुख्यतः दरबारी संस्कृति से प्रभावित था, जिसमें राजाओं और नवाबों के दरबारों का महत्त्वपूर्ण योगदान था।

2. रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ

  • काव्यशास्त्र और अलंकारवाद: रीतिकाल के कवियों ने काव्यशास्त्र और अलंकारों पर विशेष ध्यान दिया। इस काल में काव्य कला को नियमबद्ध ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया।
  • शृंगार रस की प्रधानता: इस युग में शृंगार रस की प्रधानता रही, जो संयोग और वियोग दोनों रूपों में व्यक्त किया गया।
  • नायिका भेद: नायिकाओं के विभिन्न प्रकारों (स्वाधीनपतिका, अभिसारिका, आदि) का वर्णन करते हुए कवियों ने काव्य में विविधता लाई।
  • राजा और दरबारी संस्कृति का प्रभाव: अधिकांश कवियों ने राजाओं के दरबार में रहकर काव्य रचना की। उनके साहित्य में दरबारी जीवन और विलासिता का चित्रण प्रमुखता से हुआ।
  • भाषा: ब्रज भाषा का प्रयोग मुख्य रूप से हुआ, जो शृंगार और प्रेम के चित्रण के लिए उपयुक्त थी।

3. रीतिकाल के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ

  • भूषण: वे वीर रस और शृंगार रस दोनों के कवि थे। उनकी प्रमुख रचनाएँ ‘शिवराज भूषण’ और ‘छत्रसाल दशक’ हैं। भूषण ने छत्रपति शिवाजी और बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल की वीरता का वर्णन किया है।
  • बिहारी: वे ‘सतसई’ के रचनाकार हैं, जिसमें 700 दोहों का संकलन है। बिहारी ने शृंगार और प्रेम के संयोग और वियोग पक्षों का सुंदर चित्रण किया।
  • केशवदास: उन्होंने ‘रसिकप्रिया’ और ‘कविप्रिया’ जैसे ग्रंथ लिखे। केशवदास ने काव्यशास्त्र को विस्तार से समझाया और नायिका भेद का विश्लेषण किया।
  • रायप्रवीण: वे एक प्रतिभाशाली कवयित्री और नर्तकी थीं। रायप्रवीण ने अपने काव्य में प्रेम और शृंगार का सुंदर वर्णन किया।
  • घनानंद: उनके काव्य में प्रेम का वियोग पक्ष अधिक दिखाई देता है। घनानंद की शैली में भावुकता और सरलता का अद्भुत समन्वय है।

4. रीतिकाल की काव्य शैलियाँ

  • अलंकारिक काव्य: रीतिकाल में अलंकारों का व्यापक प्रयोग हुआ। कवियों ने शब्दालंकार और अर्थालंकार दोनों का कुशलता से प्रयोग किया।
  • शृंगारिक काव्य: शृंगार रस का चित्रण संयोग (प्रेम मिलन) और वियोग (प्रेम की पीड़ा) दोनों रूपों में हुआ। बिहारी के ‘सतसई’ में इसका सुंदर उदाहरण मिलता है।
  • वीर रस: भूषण और अन्य कवियों ने वीर रस का प्रयोग कर शौर्य और वीरता को दर्शाया। यह विशेष रूप से शिवाजी और छत्रसाल जैसे राजाओं के जीवन पर आधारित था।
  • नायिका भेद: रीतिकाल में नायिकाओं के विभिन्न रूपों का विस्तृत वर्णन हुआ। उदाहरणस्वरूप:
    • स्वाधीनपतिका: जो अपने पति से स्वतंत्रता का अनुभव करती है।
    • अभिसारिका: जो अपने प्रिय से मिलने के लिए जाती है।
    • विप्रलब्धा: जिसे अपने प्रिय का मिलन नहीं हो पाता।

5. रीतिकाल के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

  • दरबारी संस्कृति: रीतिकाल का साहित्य मुख्यतः दरबारी संस्कृति से प्रभावित था। कवियों ने राजाओं और दरबारियों की विलासिता और शृंगारिक जीवन का वर्णन किया।
  • स्त्रियों का चित्रण: रीतिकाल के साहित्य में नायिकाओं के विभिन्न रूपों और उनकी भावनाओं को प्रमुखता से चित्रित किया गया। इसमें स्त्रियों की सुंदरता, प्रेम और भावनाओं का उत्कृष्ट चित्रण है।
  • भाषा का प्रयोग: इस काल में ब्रज भाषा का प्रचलन हुआ, जो प्रेम और शृंगार के चित्रण के लिए उपयुक्त मानी गई। कवियों ने इसे सजावटी और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।

6. रीतिकाल का वर्गीकरण

रीतिकाल को प्रमुख रूप से तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है:

  • a) प्रारंभिक रीतिकाल:
    • इस काल में अलंकार और शृंगारिकता की प्रधानता थी।
    • केशवदास और उनके जैसे कवियों ने काव्यशास्त्र के नियमों का पालन करते हुए साहित्य रचना की।
  • b) मध्य रीतिकाल:
    • इस काल में बिहारी और भूषण जैसे कवियों ने शृंगार और वीर रस पर ध्यान केंद्रित किया।
    • बिहारी का ‘सतसई’ और भूषण का वीर काव्य इस काल की प्रमुख रचनाएँ हैं।
  • c) उत्तर रीतिकाल:
    • इस समय में कवियों ने दरबारी संस्कृति और प्रेम के वियोग पक्ष पर ध्यान दिया।
    • घनानंद और अन्य कवियों ने प्रेम की पीड़ा और दरबारी जीवन का वर्णन किया।

7. रीतिकाल के महत्वपूर्ण तथ्य (MCQ में पूछे जा सकने वाले)

  • रीतिकाल का समय 17वीं से 18वीं शताब्दी तक फैला है।
  • बिहारी ने ‘सतसई’ की रचना की, जिसमें 700 दोहे संकलित हैं।
  • भूषण ने ‘शिवराज भूषण’ की रचना की और शिवाजी की वीरता का वर्णन किया।
  • घनानंद ने प्रेम के वियोग पक्ष पर ध्यान दिया, और उनके काव्य में भावुकता प्रमुख है।
  • केशवदास ने ‘रसिकप्रिया’ में नायिका भेद का विस्तार से वर्णन किया।
  • रीतिकाल के साहित्य में मुख्यतः ब्रज भाषा का प्रयोग हुआ।
  • रीतिकाल के साहित्य में शृंगार रस की प्रधानता है।

8. रीतिकाल की काव्य शैलियाँ (संक्षिप्त विवरण)

  • अलंकारिक काव्य:
    • कवि: केशवदास
    • विषय: नायिका भेद, अलंकार
  • वीर रस:
    • कवि: भूषण
    • विषय: शौर्य, वीरता
  • शृंगारिक काव्य:
    • कवि: बिहारी
    • विषय: प्रेम का संयोग और वियोग
  • वियोग काव्य:
    • कवि: घनानंद
    • विषय: प्रेम की पीड़ा और दरबारी जीवन

9. निष्कर्ष

रीतिकाल हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण काल है, जिसने शृंगार और अलंकारों के माध्यम से काव्य कला को ऊँचाई दी। इस युग के कवियों ने प्रेम, शृंगार, और दरबारी जीवन को प्रमुखता से चित्रित किया। रीतिकाल का साहित्य आज भी हिंदी काव्यशास्त्र में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है और इसकी रचनाएँ साहित्य प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हैं।

हिंदी साहित्य का इतिहास: रीतिकाल – क्विज़

हिंदी साहित्य का इतिहास: रीतिकाल – क्विज़

अपनी तैयारी परखें

रीतिकाल से संबंधित इन प्रश्नों के उत्तर देकर अपनी समझ को मजबूत करें। प्रत्येक प्रश्न के बाद सही उत्तर दिया गया है।

  1. रीतिकाल का समयकाल क्या है?

    1. A) 10वीं से 14वीं शताब्दी
    2. B) 14वीं से 17वीं शताब्दी
    3. C) 17वीं से 19वीं शताब्दी
    4. D) 19वीं से 20वीं शताब्दी

    उत्तर: C) 17वीं से 19वीं शताब्दी

  2. रीतिकाल की प्रमुख विशेषता क्या थी?

    1. A) भक्ति भावना
    2. B) राष्ट्रीय चेतना
    3. C) शृंगारिक काव्य और नायिका-भेद
    4. D) सामाजिक सुधार

    उत्तर: C) शृंगारिक काव्य और नायिका-भेद

  3. ‘बिहारी सतसई’ के रचयिता कौन हैं?

    1. A) केशवदास
    2. B) भूषण
    3. C) बिहारी
    4. D) घनानंद

    उत्तर: C) बिहारी

  4. ‘शिवराज भूषण’ किसकी रचना है?

    1. A) केशवदास
    2. B) भूषण
    3. C) बिहारी
    4. D) घनानंद

    उत्तर: B) भूषण

  5. केशवदास की प्रमुख रचना कौन सी है?

    1. A) सतसई
    2. B) कविप्रिया
    3. C) छत्रसाल दशक
    4. D) सुजान हित

    उत्तर: B) कविप्रिया

  6. रीतिकाल में किस भाषा का प्रमुखता से प्रयोग हुआ?

    1. A) अवधी
    2. B) खड़ी बोली
    3. C) ब्रज भाषा
    4. D) संस्कृत

    उत्तर: C) ब्रज भाषा

  7. घनानंद किस प्रकार के कवि थे?

    1. A) रीतिबद्ध
    2. B) रीतिसिद्ध
    3. C) रीतिमुक्त
    4. D) वीर रस के कवि

    उत्तर: C) रीतिमुक्त

  8. ‘छत्रसाल दशक’ किसकी रचना है?

    1. A) बिहारी
    2. B) केशवदास
    3. C) भूषण
    4. D) मतिराम

    उत्तर: C) भूषण

  9. रीतिकाल में किस रस की प्रधानता रही?

    1. A) वीर रस
    2. B) करुण रस
    3. C) शांत रस
    4. D) शृंगार रस

    उत्तर: D) शृंगार रस

  10. ‘रसिकप्रिया’ का संबंध किससे है?

    1. A) वीर रस
    2. B) नायिका-भेद
    3. C) भक्ति भावना
    4. D) समाज सुधार

    उत्तर: B) नायिका-भेद

  11. रीतिकाल के कवियों ने काव्यशास्त्र पर विशेष ध्यान क्यों दिया?

    1. A) धार्मिक उपदेश देने के लिए
    2. B) काव्य कला को नियमबद्ध करने के लिए
    3. C) सामाजिक सुधार के लिए
    4. D) राजाओं को प्रसन्न करने के लिए

    उत्तर: B) काव्य कला को नियमबद्ध करने के लिए

  12. ‘बिहारी सतसई’ में कितने दोहे संकलित हैं?

    1. A) लगभग 500
    2. B) लगभग 700
    3. C) लगभग 1000
    4. D) लगभग 1200

    उत्तर: B) लगभग 700

  13. किस कवि ने छत्रपति शिवाजी और छत्रसाल की वीरता का वर्णन किया?

    1. A) बिहारी
    2. B) केशवदास
    3. C) भूषण
    4. D) घनानंद

    उत्तर: C) भूषण

  14. रीतिकाल में ‘नायिका-भेद’ का क्या अर्थ था?

    1. A) नायिकाओं के बीच भेद करना
    2. B) नायिकाओं के विभिन्न प्रकारों का वर्णन
    3. C) नायिकाओं को अपमानित करना
    4. D) नायिकाओं की स्वतंत्रता का वर्णन

    उत्तर: B) नायिकाओं के विभिन्न प्रकारों का वर्णन

  15. घनानंद के काव्य में किस पक्ष की प्रधानता है?

    1. A) संयोग पक्ष
    2. B) वियोग पक्ष
    3. C) भक्ति पक्ष
    4. D) वीर पक्ष

    उत्तर: B) वियोग पक्ष

  16. रीतिकाल के कवियों ने मुख्यतः कहाँ रहकर काव्य रचना की?

    1. A) जंगलों में
    2. B) मंदिरों में
    3. C) राजाओं के दरबार में
    4. D) गुरुकुलों में

    उत्तर: C) राजाओं के दरबार में

  17. रीतिकाल को कितने भागों में विभाजित किया गया है?

    1. A) दो
    2. B) तीन
    3. C) चार
    4. D) पाँच

    उत्तर: B) तीन

  18. ‘रीतिबद्ध’ काव्यधारा के प्रमुख कवि कौन हैं?

    1. A) घनानंद
    2. B) बिहारी
    3. C) केशवदास
    4. D) भूषण

    उत्तर: C) केशवदास

  19. ‘रीतिसिद्ध’ काव्यधारा के प्रमुख कवि कौन हैं?

    1. A) केशवदास
    2. B) भूषण
    3. C) बिहारी
    4. D) घनानंद

    उत्तर: C) बिहारी

  20. ‘रीतिमुक्त’ काव्यधारा के प्रमुख कवि कौन हैं?

    1. A) केशवदास
    2. B) बिहारी
    3. C) भूषण
    4. D) घनानंद

    उत्तर: D) घनानंद

  21. रीतिकाल का दूसरा नाम क्या है?

    1. A) भक्ति काल
    2. B) श्रृंगार काल
    3. C) वीरगाथा काल
    4. D) आधुनिक काल

    उत्तर: B) श्रृंगार काल

  22. किस कवि ने वीर रस का प्रयोग कर शौर्य और वीरता को दर्शाया?

    1. A) बिहारी
    2. B) घनानंद
    3. C) भूषण
    4. D) केशवदास

    उत्तर: C) भूषण

  23. ‘कविप्रिया’ किसकी रचना है?

    1. A) बिहारी
    2. B) भूषण
    3. C) केशवदास
    4. D) घनानंद

    उत्तर: C) केशवदास

  24. रीतिकाल के साहित्य में स्त्रियों का चित्रण किस प्रकार हुआ है?

    1. A) केवल देवी रूप में
    2. B) सुंदरता और भावनाओं का उत्कृष्ट चित्रण
    3. C) केवल गृहणी के रूप में
    4. D) उपेक्षित रूप में

    उत्तर: B) सुंदरता और भावनाओं का उत्कृष्ट चित्रण

  25. रीतिकाल के कवियों ने किस भाषा को शृंगार और प्रेम के चित्रण के लिए उपयुक्त माना?

    1. A) अवधी
    2. B) खड़ी बोली
    3. C) ब्रज भाषा
    4. D) संस्कृत

    उत्तर: C) ब्रज भाषा

  26. ‘स्वाधीनपतिका’ किस प्रकार की नायिका है?

    1. A) जो अपने प्रिय से मिलने के लिए जाती है
    2. B) जिसे अपने प्रिय का मिलन नहीं हो पाता
    3. C) जो अपने पति से स्वतंत्रता का अनुभव करती है
    4. D) जो अपने पति से रूठी हुई है

    उत्तर: C) जो अपने पति से स्वतंत्रता का अनुभव करती है

  27. ‘अभिसारिका’ किस प्रकार की नायिका है?

    1. A) जो अपने प्रिय से मिलने के लिए जाती है
    2. B) जिसे अपने प्रिय का मिलन नहीं हो पाता
    3. C) जो अपने पति से स्वतंत्रता का अनुभव करती है
    4. D) जो अपने पति से रूठी हुई है

    उत्तर: A) जो अपने प्रिय से मिलने के लिए जाती है

  28. ‘विप्रलब्धा’ किस प्रकार की नायिका है?

    1. A) जो अपने प्रिय से मिलने के लिए जाती है
    2. B) जिसे अपने प्रिय का मिलन नहीं हो पाता
    3. C) जो अपने पति से स्वतंत्रता का अनुभव करती है
    4. D) जो अपने पति से रूठी हुई है

    उत्तर: B) जिसे अपने प्रिय का मिलन नहीं हो पाता

  29. रीतिकाल में काव्य कला को नियमबद्ध ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास किस पर केंद्रित था?

    1. A) केवल भक्ति
    2. B) केवल वीरता
    3. C) काव्यशास्त्र और अलंकारों पर
    4. D) सामाजिक संदेशों पर

    उत्तर: C) काव्यशास्त्र और अलंकारों पर

  30. रीतिकाल का साहित्य मुख्यतः किससे प्रभावित था?

    1. A) धार्मिक आंदोलन
    2. B) दरबारी संस्कृति
    3. C) स्वतंत्रता संग्राम
    4. D) लोक जीवन

    उत्तर: B) दरबारी संस्कृति

  31. रीतिकाल में प्रेम के वियोग पक्ष का चित्रण किस कवि ने प्रमुखता से किया?

    1. A) बिहारी
    2. B) भूषण
    3. C) केशवदास
    4. D) घनानंद

    उत्तर: D) घनानंद

  32. ‘बिहारी’ किस काव्यधारा के कवि थे?

    1. A) रीतिबद्ध
    2. B) रीतिसिद्ध
    3. C) रीतिमुक्त
    4. D) भक्ति

    उत्तर: B) रीतिसिद्ध

  33. रीतिकाल में ‘अलंकारिक काव्य’ का क्या अर्थ है?

    1. A) केवल शब्दों का प्रयोग
    2. B) अलंकारों का व्यापक प्रयोग
    3. C) केवल अर्थ का प्रयोग
    4. D) बिना अलंकारों के काव्य

    उत्तर: B) अलंकारों का व्यापक प्रयोग

  34. रीतिकाल की कौन सी शाखा में कवि ने काव्यशास्त्र के नियमों का पालन करते हुए साहित्य रचना की?

    1. A) रीतिमुक्त
    2. B) रीतिसिद्ध
    3. C) रीतिबद्ध
    4. D) भक्ति

    उत्तर: C) रीतिबद्ध

  35. रीतिकाल में ‘शृंगारिक काव्य’ का क्या अर्थ है?

    1. A) केवल भक्ति का वर्णन
    2. B) केवल वीरता का वर्णन
    3. C) प्रेम और सौंदर्य का चित्रण
    4. D) सामाजिक समस्याओं का वर्णन

    उत्तर: C) प्रेम और सौंदर्य का चित्रण

  36. रीतिकाल में ‘वीर रस’ का प्रयोग किस प्रकार के कवियों ने किया?

    1. A) शृंगारिक कवि
    2. B) भक्ति कवि
    3. C) दरबारी कवि (जिन्होंने राजाओं की प्रशंसा की)
    4. D) समाज सुधारक कवि

    उत्तर: C) दरबारी कवि (जिन्होंने राजाओं की प्रशंसा की)

  37. रीतिकाल के किस कवि को ‘कठिन काव्य का प्रेत’ कहा जाता है?

    1. A) बिहारी
    2. B) भूषण
    3. C) केशवदास
    4. D) घनानंद

    उत्तर: C) केशवदास

  38. ‘सुजान हित’ किसकी रचना है?

    1. A) बिहारी
    2. B) भूषण
    3. C) केशवदास
    4. D) घनानंद

    उत्तर: D) घनानंद

  39. रीतिकाल का साहित्य मुख्यतः किस प्रकार के जीवन से प्रभावित था?

    1. A) ग्रामीण जीवन
    2. B) धार्मिक जीवन
    3. C) दरबारी जीवन
    4. D) साधारण जनजीवन

    उत्तर: C) दरबारी जीवन

  40. रीतिकाल में ‘अलंकार’ का क्या महत्व था?

    1. A) केवल धार्मिक संदेश देना
    2. B) काव्य को सजाना और प्रभावशाली बनाना
    3. C) सामाजिक बुराइयों को दूर करना
    4. D) केवल मनोरंजन करना

    उत्तर: B) काव्य को सजाना और प्रभावशाली बनाना

  41. रीतिकाल की ‘मध्य रीतिकाल’ शाखा में कौन से कवि प्रमुख थे?

    1. A) केशवदास
    2. B) घनानंद
    3. C) बिहारी और भूषण
    4. D) रायप्रवीण

    उत्तर: C) बिहारी और भूषण

  42. रीतिकाल की ‘उत्तर रीतिकाल’ शाखा में कौन से कवि प्रमुख थे?

    1. A) केशवदास
    2. B) बिहारी
    3. C) भूषण
    4. D) घनानंद

    उत्तर: D) घनानंद

  43. रीतिकाल में ‘काव्यशास्त्र’ का क्या अर्थ था?

    1. A) कविता लिखने के नियम
    2. B) काव्य का इतिहास
    3. C) काव्य का अर्थ
    4. D) काव्य का महत्व

    उत्तर: A) कविता लिखने के नियम

  44. किस कवि ने अपनी रचनाओं में प्रेम के संयोग और वियोग दोनों पक्षों का सुंदर चित्रण किया?

    1. A) केशवदास
    2. B) भूषण
    3. C) बिहारी
    4. D) घनानंद

    उत्तर: C) बिहारी

  45. रीतिकाल में ‘दरबारी कवि’ किसे कहते थे?

    1. A) जो राजाओं के दरबार में रहकर कविता लिखते थे
    2. B) जो केवल धार्मिक कविता लिखते थे
    3. C) जो समाज सुधार पर कविता लिखते थे
    4. D) जो प्रेम कहानियाँ लिखते थे

    उत्तर: A) जो राजाओं के दरबार में रहकर कविता लिखते थे

  46. रीतिकाल में ‘शृंगार रस’ का क्या महत्व था?

    1. A) यह केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए था
    2. B) यह प्रेम और सौंदर्य का प्रमुख रस था
    3. C) यह युद्ध और वीरता का रस था
    4. D) यह समाज सुधार का रस था

    उत्तर: B) यह प्रेम और सौंदर्य का प्रमुख रस था

  47. ‘रीतिबद्ध’ काव्यधारा में किस प्रकार के काव्य की रचना की गई?

    1. A) मुक्तक काव्य
    2. B) नियमबद्ध काव्य
    3. C) भक्ति काव्य
    4. D) वीर काव्य

    उत्तर: B) नियमबद्ध काव्य

  48. रीतिकाल का साहित्य किस प्रकार की संस्कृति से प्रभावित था?

    1. A) ग्रामीण संस्कृति
    2. B) धार्मिक संस्कृति
    3. C) दरबारी संस्कृति
    4. D) लोक संस्कृति

    उत्तर: C) दरबारी संस्कृति

  49. रायप्रवीण कौन थीं?

    1. A) एक प्रसिद्ध रानी
    2. B) एक प्रतिभाशाली कवयित्री और नर्तकी
    3. C) एक समाज सुधारक
    4. D) एक धार्मिक नेता

    उत्तर: B) एक प्रतिभाशाली कवयित्री और नर्तकी

  50. रीतिकाल में ‘शृंगार’ के कितने पक्ष थे?

    1. A) 1
    2. B) 2
    3. C) 3
    4. D) 4

    उत्तर: B) 2 (संयोग और वियोग)

  51. रीतिकाल के साहित्य का मुख्य उद्देश्य क्या था?

    1. A) धार्मिक उपदेश देना
    2. B) समाज सुधार करना
    3. C) काव्यशास्त्र के नियमों के आधार पर साहित्य सृजन करना
    4. D) केवल मनोरंजन करना

    उत्तर: C) काव्यशास्त्र के नियमों के आधार पर साहित्य सृजन करना

  52. ‘छत्रसाल दशक’ में किसका वर्णन है?

    1. A) प्रेम कथा
    2. B) धार्मिक उपदेश
    3. C) छत्रसाल की वीरता
    4. D) सामाजिक समस्याओं

    उत्तर: C) छत्रसाल की वीरता

  53. रीतिकाल में अलंकारों का प्रयोग किस प्रकार किया गया?

    1. A) कम
    2. B) व्यापक
    3. C) केवल धार्मिक
    4. D) केवल सामाजिक

    उत्तर: B) व्यापक

  54. रीतिकाल के साहित्य में किस प्रकार की विलासिता का चित्रण मिलता है?

    1. A) धार्मिक
    2. B) सामाजिक
    3. C) दरबारी
    4. D) ग्रामीण

    उत्तर: C) दरबारी

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