लिंग (Gender) – व्यापक नोट्स
परिभाषा
लिंग शब्द का अर्थ है चिह्न या निशान। हिंदी व्याकरण में, शब्द के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं।
उदाहरण: लड़का (पुरुष जाति), लड़की (स्त्री जाति)
लिंग के प्रकार
हिंदी में लिंग दो प्रकार के होते हैं:
- पुल्लिंग (Masculine Gender)
- स्त्रीलिंग (Feminine Gender)
1. पुल्लिंग
शब्द के जिस रूप से पुरुष जाति का बोध हो, उसे पुल्लिंग कहते हैं। इसमें पुरुष वर्ग के सभी प्राणी और वस्तुएँ शामिल होती हैं।
पुल्लिंग की पहचान के नियम:
- प्राणियों के नाम: पुरुष जाति के सभी प्राणी जैसे – पिता, भाई, शेर, हाथी, कुत्ता, बालक, पुरुष, लेखक, अध्यापक आदि।
- दिनों के नाम: सभी दिनों के नाम पुल्लिंग होते हैं – सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि।
- महीनों के नाम: कुछ अपवादों को छोड़कर अधिकतर महीनों के नाम – जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर। (कुछ मतभेद भी हैं, जैसे ‘जनवरी, फरवरी, मई, जुलाई’ को स्त्रीलिंग माना जाता है, लेकिन सामान्यतः हिंदी में इन्हें पुल्लिंग ही प्रयोग किया जाता है।)
- पहाड़ों के नाम: सभी पहाड़ों के नाम – हिमालय, अरावली, विंध्याचल आदि।
- वृक्षों के नाम: सभी वृक्षों के नाम – आम, नीम, पीपल, बरगद आदि।
- अनाजों के नाम: सभी अनाजों के नाम – गेहूं, चावल, बाजरा, चना आदि। (अपवाद: मक्का, ज्वार, अरहर – स्त्रीलिंग)
- धातुओं के नाम: सभी धातुओं के नाम – सोना, चांदी, लोहा, तांबा आदि। (अपवाद: चांदी – स्त्रीलिंग)
- द्रवों के नाम: सभी द्रवों के नाम – पानी, तेल, दूध, शरबत आदि। (अपवाद: चाय, कॉफी, लस्सी, शराब – स्त्रीलिंग)
- रत्नों के नाम: सभी रत्नों के नाम – हीरा, मोती, पन्ना, नीलम आदि।
- द्वीप, समुद्र, देश के नाम: अधिकांश द्वीप, समुद्र और देशों के नाम – भारत, प्रशांत महासागर, श्रीलंका आदि।
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कुछ प्रत्यय वाले शब्द: जिन शब्दों के अंत में -आ, -आव, -पन, -पा, -ना, -वास आदि प्रत्यय लगें, वे प्रायः पुल्लिंग होते हैं।
उदाहरण: लड़का, बुढ़ापा, बहाव, बचपन, आना, पहनावा।
2. स्त्रीलिंग
शब्द के जिस रूप से स्त्री जाति का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। इसमें स्त्री वर्ग के सभी प्राणी और वस्तुएँ शामिल होती हैं।
स्त्रीलिंग की पहचान के नियम:
- प्राणियों के नाम: स्त्री जाति के सभी प्राणी जैसे – माता, बहन, शेरनी, हथिनी, कुतिया, बालिका, स्त्री, लेखिका, अध्यापिका आदि।
- नदियों के नाम: सभी नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं – गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी आदि। (अपवाद: ब्रह्मपुत्र – पुल्लिंग)
- भाषाओं के नाम: सभी भाषाओं के नाम – हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, गुजराती आदि।
- बोलियों के नाम: सभी बोलियों के नाम – अवधी, ब्रजभाषा, खड़ी बोली आदि।
- लिपियों के नाम: सभी लिपियों के नाम – देवनागरी, रोमन, गुरुमुखी आदि।
- तिथियों के नाम: सभी तिथियों के नाम – प्रथमा, द्वितीया, पूर्णिमा, अमावस्या आदि।
- नक्षत्रों के नाम: सभी नक्षत्रों के नाम – रोहिणी, भरणी, अश्विनी आदि।
- पुस्तकों के नाम: अधिकांश धार्मिक या प्रसिद्ध पुस्तकों के नाम – रामायण, गीता, कुरान, बाइबिल आदि।
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कुछ प्रत्यय वाले शब्द: जिन शब्दों के अंत में -ई, -इया, -आई, -आवट, -ता, -वट, -हट, -नी आदि प्रत्यय लगें, वे प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: नदी, गुड़िया, लिखाई, मिलावट, सुंदरता, बनावट, चिकनाहट, शेरनी।
लिंग-परिवर्तन के नियम (पुल्लिंग से स्त्रीलिंग)
कई शब्दों के लिंग परिवर्तन के लिए कुछ सामान्य नियम होते हैं:
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अ को आ में बदलकर:
उदाहरण: छात्र – छात्रा, शिष्य – शिष्या, पूज्य – पूज्या -
अ को ई में बदलकर:
उदाहरण: बेटा – बेटी, लड़का – लड़की, दादा – दादी -
अ को इया में बदलकर:
उदाहरण: बूढ़ा – बुढ़िया, डिब्बा – डिबिया, चूहा – चूहिया -
आनी/आइन लगाकर:
उदाहरण: देवर – देवरानी, नौकर – नौकरानी, ठाकुर – ठकुराइन -
नी लगाकर:
उदाहरण: शेर – शेरनी, मोर – मोरनी, ऊँट – ऊँटनी -
इनी लगाकर:
उदाहरण: तपस्वी – तपस्विनी, हाथी – हथिनी -
का को की में बदलकर (व्यवसायवाची/जातिवाची):
उदाहरण: लेखक – लेखिका, पाठक – पाठिका, अध्यापक – अध्यापिका -
पूरे शब्द को बदलकर:
उदाहरण: राजा – रानी, कवि – कवयित्री, वर – वधू, पिता – माता
लिंग निर्धारण में कठिनाइयाँ और समाधान
हिंदी में अकारांत (जिनके अंत में ‘अ’ हो) शब्दों के लिंग निर्धारण में अक्सर भ्रम होता है, क्योंकि उनका लिंग निश्चित नहीं होता। ऐसे शब्दों का लिंग पहचानने के लिए निम्नलिखित विधियों का प्रयोग किया जा सकता है:
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क्रिया का प्रयोग: शब्द के साथ क्रिया का प्रयोग करके देखें।
उदाहरण:- सूर्य उगता है (पुल्लिंग)
- नदी बहती है (स्त्रीलिंग)
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विशेषण का प्रयोग: शब्द के साथ उचित विशेषण लगाकर देखें।
उदाहरण:- अच्छा लड़का (पुल्लिंग)
- अच्छी लड़की (स्त्रीलिंग)
- बड़ा घर (पुल्लिंग)
- बड़ी किताब (स्त्रीलिंग)
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संज्ञा के साथ संबंध बोधक शब्दों का प्रयोग: ‘मेरा/मेरी’, ‘अपना/अपनी’ जैसे शब्दों का प्रयोग करें।
उदाहरण:- मेरा घर (पुल्लिंग)
- मेरी किताब (स्त्रीलिंग)
निष्कर्ष
लिंग हिंदी व्याकरण का एक मौलिक हिस्सा है जो संज्ञाओं और सर्वनामों के वर्गीकरण में मदद करता है। इसके नियमों को समझना भाषा को सही ढंग से प्रयोग करने के लिए आवश्यक है। यद्यपि कुछ अपवाद मौजूद हैं, फिर भी सामान्य नियमों और व्यवहारिक प्रयोग के माध्यम से लिंग की पहचान और प्रयोग में दक्षता प्राप्त की जा सकती है।
लिंग (Gender) – क्विज़
अपनी तैयारी परखें
लिंग से संबंधित इन प्रश्नों के उत्तर देकर अपनी समझ को मजबूत करें। प्रत्येक प्रश्न के बाद सही उत्तर दिया गया है।
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लिंग शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
उत्तर: B) चिह्न या निशान
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हिंदी व्याकरण में लिंग के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर: B) दो
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इनमें से कौन सा शब्द पुल्लिंग है?
उत्तर: C) घर
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इनमें से कौन सा शब्द स्त्रीलिंग है?
उत्तर: C) सड़क
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‘बालक’ का स्त्रीलिंग रूप क्या है?
उत्तर: C) बालिका
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‘अध्यापक’ का स्त्रीलिंग रूप क्या है?
उत्तर: B) अध्यापिका
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‘हाथी’ शब्द का स्त्रीलिंग क्या है?
उत्तर: A) हथिनी
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निम्न में से कौन सा शब्द सदैव पुल्लिंग रहता है?
उत्तर: C) खरगोश
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‘चाय’ शब्द का लिंग क्या है?
उत्तर: B) स्त्रीलिंग
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‘मक्खन’ शब्द का लिंग क्या है?
उत्तर: A) पुल्लिंग
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‘नदी’ शब्द किस लिंग का उदाहरण है?
उत्तर: B) स्त्रीलिंग
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‘समुद्र’ शब्द किस लिंग का उदाहरण है?
उत्तर: A) पुल्लिंग
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‘कवि’ का स्त्रीलिंग रूप क्या है?
उत्तर: B) कवयित्री
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‘अभिनेता’ का स्त्रीलिंग रूप क्या है?
उत्तर: C) अभिनेत्री
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किस शब्द में ‘आवट’ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जा सकता है?
उत्तर: D) ये सभी (लिखावट, मिलावट, सजावट)
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‘राजा’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या है?
उत्तर: A) रानी
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निम्न में से कौन सा शब्द सदैव स्त्रीलिंग रहता है?
उत्तर: C) मछली
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‘घी’ शब्द का लिंग क्या है?
उत्तर: A) पुल्लिंग
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किस विकल्प में लिंग परिवर्तन सही नहीं है?
उत्तर: D) साधु – साधी (सही रूप साध्वी है)
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‘सोना’ धातु किस लिंग का उदाहरण है?
उत्तर: A) पुल्लिंग