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लोकपाल और लोकायुक्त (Lokpal and Lokayukta)

लोकपाल और लोकायुक्त (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

लोकपाल और लोकायुक्त (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

लोकपाल और लोकायुक्त भारत में भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल (Ombudsman) संस्थाएँ हैं। इनका उद्देश्य सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना और सुशासन को बढ़ावा देना है। लोकपाल केंद्र स्तर पर कार्य करता है, जबकि लोकायुक्त राज्य स्तर पर कार्य करते हैं। इन संस्थाओं की स्थापना का विचार स्वीडन में ‘ओम्बुड्समैन’ की अवधारणा से प्रेरित है।

1. पृष्ठभूमि और विकास (Background and Evolution)

भारत में लोकपाल जैसी संस्था की मांग दशकों से चली आ रही है।

  • ‘ओम्बुड्समैन’ की अवधारणा: यह अवधारणा स्वीडन में 1809 में शुरू हुई थी, जहाँ ‘ओम्बुड्समैन’ एक ऐसा अधिकारी होता है जो नागरिकों की शिकायतों की जांच करता है।
  • भारत में मांग: भारत में लोकपाल जैसी संस्था की मांग पहली बार 1960 के दशक में हुई थी।
  • प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) – 1966:
    • मोरारजी देसाई की अध्यक्षता में गठित इस आयोग ने केंद्र में ‘लोकपाल’ और राज्यों में ‘लोकायुक्त’ की स्थापना की सिफारिश की थी।
    • इसका उद्देश्य मंत्रियों, सांसदों और लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार और कुप्रशासन के आरोपों की जांच करना था।
  • लोकपाल विधेयक का इतिहास: लोकपाल विधेयक को पहली बार 1968 में संसद में पेश किया गया था, लेकिन यह कई बार पारित नहीं हो सका।
  • अन्ना हजारे आंदोलन (2011): अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने ‘जन लोकपाल विधेयक’ की मांग को प्रमुखता से उठाया, जिससे सरकार पर दबाव पड़ा।

2. लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 (Lokpal and Lokayuktas Act, 2013)

अन्ना हजारे आंदोलन के बाद, संसद ने अंततः लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम पारित किया।

  • पारित होना: यह अधिनियम 18 दिसंबर, 2013 को संसद द्वारा पारित किया गया और 1 जनवरी, 2014 को लागू हुआ।
  • लोकपाल की संरचना:
    • एक अध्यक्ष और अधिकतम 8 सदस्य होते हैं।
    • अध्यक्ष या तो भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश या असाधारण क्षमता वाले प्रतिष्ठित व्यक्ति होने चाहिए।
    • सदस्यों में से कम से कम आधे न्यायिक सदस्य होने चाहिए, और कम से कम 50% सदस्य SC/ST/OBC/अल्पसंख्यक/महिला वर्ग से होने चाहिए।
  • चयन समिति: लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रधान मंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता, भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, और एक प्रख्यात न्यायविद् शामिल होते हैं।
  • कार्यकाल: अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता है।

3. लोकपाल का क्षेत्राधिकार और शक्तियाँ (Jurisdiction and Powers of Lokpal)

लोकपाल का क्षेत्राधिकार व्यापक है और इसमें प्रधान मंत्री भी शामिल हैं।

  • क्षेत्राधिकार:
    • भारत के प्रधान मंत्री (कुछ अपवादों के साथ)।
    • केंद्रीय मंत्री, सांसद।
    • समूह A, B, C और D के सभी केंद्रीय सरकारी अधिकारी।
    • किसी भी निकाय या प्राधिकरण का अध्यक्ष, निदेशक या प्रबंधक जो केंद्र सरकार द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्तपोषित या नियंत्रित हो।
  • प्रधान मंत्री पर जांच: लोकपाल प्रधान मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर सकता है, लेकिन कुछ सुरक्षा उपायों के साथ (जैसे अंतर्राष्ट्रीय संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष से संबंधित मामले जांच के दायरे से बाहर हैं)।
  • जांच की शक्तियाँ:
    • लोकपाल के पास सिविल कोर्ट की शक्तियाँ होती हैं, जैसे गवाहों को बुलाना, दस्तावेजों की मांग करना।
    • यह भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच (Preliminary Inquiry) और विस्तृत जांच (Investigation) कर सकता है।
    • यह भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त संपत्ति को जब्त करने का आदेश दे सकता है।
    • यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराधों की जांच कर सकता है।
  • केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) पर नियंत्रण: लोकपाल को CBI के उन मामलों पर पर्यवेक्षण और निर्देश देने की शक्ति है जो लोकपाल द्वारा संदर्भित किए जाते हैं।

4. लोकायुक्त (Lokayuktas)

लोकायुक्त राज्य स्तर पर लोकपाल के समकक्ष संस्थाएँ हैं।

  • स्थापना: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत राज्यों को एक वर्ष के भीतर लोकायुक्त की स्थापना करना अनिवार्य किया गया था।
  • पहला राज्य: महाराष्ट्र पहला राज्य था जिसने 1971 में लोकायुक्त की स्थापना की थी।
  • संरचना और क्षेत्राधिकार: लोकायुक्त की संरचना, क्षेत्राधिकार और शक्तियाँ राज्य-दर-राज्य भिन्न होती हैं।
  • कार्य: राज्य के मंत्रियों, विधायकों और लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार और कुप्रशासन के आरोपों की जांच करना।
  • चुनौतियाँ: कई राज्यों में लोकायुक्त कार्यालय अभी भी कमजोर हैं, उनके पास पर्याप्त शक्तियाँ या स्वायत्तता नहीं है।

5. लोकपाल और लोकायुक्त के समक्ष चुनौतियाँ (Challenges to Lokpal and Lokayuktas)

इन संस्थाओं को अपने प्रभावी कामकाज में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

  • कार्यान्वयन में देरी: अधिनियम पारित होने के बाद भी लोकपाल की नियुक्ति में काफी देरी हुई।
  • सीमित स्वायत्तता: कुछ आलोचकों का तर्क है कि लोकपाल की स्वतंत्रता और स्वायत्तता सीमित है, खासकर इसके चयन और हटाने की प्रक्रिया में।
  • जांच की प्रक्रिया: जांच की प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है।
  • संसाधनों का अभाव: पर्याप्त मानव संसाधन और वित्तीय संसाधनों की कमी।
  • राजनीतिक हस्तक्षेप: राजनीतिक हस्तक्षेप की संभावना।
  • क्षेत्राधिकार की सीमाएँ: प्रधान मंत्री के क्षेत्राधिकार में कुछ अपवाद।
  • दोषी ठहराने की शक्ति का अभाव: लोकपाल के पास सीधे दोषी ठहराने की शक्ति नहीं है, बल्कि वह केवल सिफारिशें कर सकता है।
  • जन जागरूकता का अभाव: आम जनता में इन संस्थाओं के बारे में पर्याप्त जागरूकता की कमी।

6. निष्कर्ष (Conclusion)

लोकपाल और लोकायुक्त भारत में भ्रष्टाचार विरोधी शासन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण संस्थाएँ हैं। प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों और अन्ना हजारे आंदोलन के बाद, लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 को पारित किया गया, जिसने इन संस्थाओं को कानूनी आधार प्रदान किया। यद्यपि इनके पास भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने की व्यापक शक्तियाँ हैं और इनका क्षेत्राधिकार प्रधान मंत्री तक फैला हुआ है, कार्यान्वयन में देरी, सीमित स्वायत्तता और संसाधनों का अभाव जैसी चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं। इन संस्थाओं को प्रभावी बनाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति, पर्याप्त संसाधनों और जनता के समर्थन की आवश्यकता है, ताकि वे भारत में सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।

Lokpal and Lokayukta Quiz

Lokpal and Lokayukta Quiz: लोकपाल और लोकायुक्त

1. लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम किस वर्ष में पारित किया गया था?
  • a) 2008
  • b) 2013
  • c) 2015
  • d) 2018
2. लोकपाल की अध्यक्षता कौन करता है?
  • a) राज्यपाल
  • b) केंद्रीय गृह मंत्री
  • c) एक पूर्व या वर्तमान मुख्य न्यायाधीश
  • d) कोई भी राज्यपाल
3. लोकपाल में कुल कितने सदस्य हो सकते हैं?
  • a) अधिकतम 5
  • b) अधिकतम 6
  • c) अधिकतम 8
  • d) अधिकतम 10
4. लोकपाल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
  • a) रक्षा प्रणाली को मजबूत करना
  • b) भ्रष्टाचार को समाप्त करना और शिकायतों का निवारण करना
  • c) सिर्फ न्यायिक मामले सुलझाना
  • d) शिक्षा सुधार
5. लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत कौन सा संगठन राज्य स्तर पर स्थापित किया जाता है?
  • a) जिला पंचायत
  • b) राज्य पुलिस
  • c) लोकायुक्त
  • d) नगर निगम
6. केंद्र स्तर पर लोकपाल की स्थापना कब हुई?
  • a) 2017
  • b) 2019
  • c) 2015
  • d) 2012
7. लोकायुक्त का प्रमुख कार्य क्या है?
  • a) केंद्रीय विधायकों की नियुक्ति
  • b) राज्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच करना
  • c) विदेशी नीति बनाना
  • d) राज्य बजट का निर्माण
8. लोकपाल के सदस्यों में कितने प्रतिशत न्यायिक सदस्य होने चाहिए?
  • a) 25%
  • b) 50%
  • c) 75%
  • d) 100%
9. लोकपाल किस अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करता है?
  • a) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988
  • b) भारतीय दंड संहिता
  • c) आपराधिक प्रक्रिया संहिता
  • d) कंपनियों का अधिनियम
10. प्रधानमंत्री के खिलाफ लोकपाल की जांच की शर्तें किस अधिनियम में दी गई हैं?
  • a) लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013
  • b) सूचना का अधिकार अधिनियम
  • c) भारतीय संविधान
  • d) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम
11. लोकपाल के सदस्यों में से कितने प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति, OBC, अल्पसंख्यकों और महिलाओं से होने चाहिए?
  • a) 25%
  • b) 33%
  • c) 50%
  • d) 75%
12. लोकायुक्त की नियुक्ति किस स्तर पर की जाती है?
  • a) राज्य स्तर पर
  • b) राष्ट्रीय स्तर पर
  • c) जिला स्तर पर
  • d) नगरपालिका स्तर पर
13. लोकपाल को भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच में किस प्रकार की शक्ति प्राप्त है?
  • a) किसी भी दस्तावेज या गवाह को बुलाने का अधिकार
  • b) सिर्फ अभियोजन का अधिकार
  • c) विधायकों को हटाने का अधिकार
  • d) विदेश नीति बनाने का अधिकार
14. लोकायुक्त किसके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करता है?
  • a) केवल विधायक
  • b) राज्य के सरकारी अधिकारी
  • c) केवल न्यायपालिका
  • d) केवल राज्यपाल
15. लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच की सीमा क्या है?
  • a) किसी भी मामले में
  • b) राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों में
  • c) विदेश मामलों से संबंधित मामलों में
  • d) केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों को छोड़कर
16. किस अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार के मामलों की लोकपाल द्वारा जांच की जाती है?
  • a) कंपनी अधिनियम
  • b) भारतीय दंड संहिता
  • c) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988
  • d) प्रशासनिक सुधार अधिनियम
17. लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
  • a) राष्ट्रपति
  • b) प्रधानमंत्री
  • c) संसद
  • d) सर्वोच्च न्यायालय
18. लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के अंतर्गत कौन सा राज्य सबसे पहले लोकायुक्त की स्थापना करता है?
  • a) गुजरात
  • b) महाराष्ट्र
  • c) ओडिशा
  • d) बिहार
19. लोकपाल का कार्यकाल कितना होता है?
  • a) 5 साल
  • b) 4 साल
  • c) 3 साल
  • d) 6 साल
20. लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 में संशोधन कब किया गया था?
  • a) 2016
  • b) 2018
  • c) 2019
  • d) 2020

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