भारत का प्रायद्वीपीय पठार (Peninsular Plateau of India)
🗻 1. परिचय (Introduction)
प्रायद्वीपीय पठार एक विशाल मेजभूमि है, जो पुरानी क्रिस्टलीय, आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों से बनी है। इसके बाहरी क्षेत्र में दिल्ली रिज (उत्तर-पश्चिम), राजमहल हिल्स (पूर्व), गिर पर्वत श्रृंखला (पश्चिम) और इलायची हिल्स (दक्षिण) स्थित हैं। यह पठार गोंडवाना भूमि के टूटने और बहने के कारण बना था।
🏞️ 2. मुख्य विशेषताएँ और भौगोलिक विभाजन (Key Features and Divisions)
प्रायद्वीपीय पठार को इसकी स्थलाकृतिक विशेषताओं के आधार पर दो भागों में विभाजित किया गया है:
- मध्य उच्चभूमि (Central Highlands): यह नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है और इसका मुख्य भाग मालवा पठार है। यह क्षेत्र विंध्याचल पर्वत (दक्षिण में) और अरावली पर्वत (उत्तर-पश्चिम में) से घिरा है।
- दक्कन पठार (Deccan Plateau): यह नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित एक त्रिकोणीय भूमि है, जो पश्चिमी घाट (पश्चिम), पूर्वी घाट (पूर्व), और सतपुड़ा (उत्तर) से घिरी हुई है।
🌋 3. मध्य उच्चभूमि (Central Highlands)
- मालवा पठार: यह अरावली और विंध्याचल पहाड़ों के बीच स्थित है और लगभग 150,000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है।
- अरावली पर्वत: यह प्राचीन पर्वतमाला है जो 800 किमी लंबी है और इसका सबसे ऊँचा शिखर गुरु शिखर (1722 मीटर) है।
- चोटानागपुर पठार: यह झारखंड से पश्चिम बंगाल तक फैला है और खनिज संपदा से समृद्ध है।
⛰️ 4. दक्कन पठार (Deccan Plateau)
यह पठार भारत के दक्षिणी भाग में स्थित एक विशाल त्रिकोणीय क्षेत्र है। इसकी विशेषताएँ:
- सतपुड़ा पर्वतमाला: दक्कन पठार के उत्तरी भाग में स्थित यह पर्वतमाला नर्मदा और तापी नदियों के बीच फैली है।
- पश्चिमी घाट: इसे सह्याद्री भी कहा जाता है, और इसकी औसत ऊँचाई लगभग 1200 मीटर है। यहाँ पर आनाइमुड़ी (2695 मीटर) और डोडाबेट्टा (2637 मीटर) जैसे शिखर स्थित हैं।
- पूर्वी घाट: यह घाट दक्षिण भारत में स्थित है और नल्लमल्ला हिल्स, शवरॉय हिल्स, और रामगिरि हिल्स जैसे पर्वत श्रेणियाँ शामिल हैं।
🌄 5. प्रमुख पहाड़ियाँ और शिखर (Key Hills and Peaks)
हिल्स/श्रेणी | विशेषताएँ |
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अरावली पर्वत | गुरु शिखर (1722 मीटर) अरावली का सबसे ऊँचा शिखर है; यह अवशेष पर्वत का उदाहरण है। |
निलगिरी हिल्स | पूर्वी और पश्चिमी घाट का संगम; डोडाबेट्टा इसका सबसे ऊँचा शिखर है। |
आनाइमलाई हिल्स | केरल और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित; यहाँ का सबसे ऊँचा शिखर आनाइमुड़ी (2695 मीटर) है। |
सतपुड़ा पर्वतमाला | धूपगढ़ (1350 मीटर) सतपुड़ा का सबसे ऊँचा शिखर है, जो मध्य प्रदेश में स्थित है। |
🗺️ 6. भूवैज्ञानिक महत्त्व (Geological Significance)
- गोंडवाना भूमि: प्रायद्वीपीय पठार गोंडवाना भूमि के टूटने से बना है, जो एक प्राचीन महाद्वीपीय भूभाग था।
- दक्कन ट्रैप: काले मिट्टी वाले क्षेत्र, जो ज्वालामुखीय उद्गारों के कारण बने हैं। ये क्षेत्र 66 मिलियन वर्ष पहले बने थे।
🌏 7. उत्तर-पूर्वी पठार (Northeastern Plateau)
प्रायद्वीपीय पठार का उत्तर-पूर्वी भाग मेघालय पठार, करबी आंगलोंग और उत्तर कछार हिल्स से बना है। यह मुख्य भूभाग से मालदा गैप द्वारा अलग हो गया था।
- गारो, खासी और जैंतिया हिल्स: ये स्थानीय जनजातियों के नाम पर रखे गए हैं और खनिज संसाधनों से समृद्ध हैं।
- चेरापूंजी: यह भारी वर्षा वाला क्षेत्र है, जिसके कारण यहाँ की सतह अत्यधिक अपरदित है।
🌐 8. नदियाँ और जलनिकासी (Rivers and Drainage)
प्रायद्वीपीय पठार में विभिन्न नदियाँ बहती हैं, जो कृषि और जलनिकासी के लिए महत्त्वपूर्ण हैं:
- दामोदर नदी: यह छोटानागपुर पठार को जलनिकासी प्रदान करती है।
- चंबल, सिंध, बेतवा और केन: ये नदियाँ मध्य उच्चभूमि से निकलती हैं और उत्तर-पूर्व की ओर बहती हैं।