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सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम

परिचय: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम

सर आइजैक न्यूटन ने 1687 में गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का प्रतिपादन किया। यह नियम ब्रह्मांड में किन्हीं भी दो पिंडों के बीच लगने वाले आकर्षण बल का वर्णन करता है। यह वही बल है जो ग्रहों को सूर्य के चारों ओर और चंद्रमा को पृथ्वी के चारों ओर अपनी कक्षाओं में बनाए रखता है।

नियम का कथन और सूत्र

कथन: “ब्रह्मांड में प्रत्येक कण प्रत्येक दूसरे कण को एक बल से आकर्षित करता है, जो उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।”

सूत्र

F = G (m₁m₂) / r²

जहाँ:

  • F = दो पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल
  • G = सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक
  • m₁ और m₂ = दो पिंडों के द्रव्यमान
  • r = दोनों पिंडों के केंद्रों के बीच की दूरी

सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G)

  • G एक समानुपातिक नियतांक है जिसका मान पूरे ब्रह्मांड में हर जगह समान रहता है।
  • इसका मान माध्यम की प्रकृति, तापमान या पिंडों के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है।
  • G का मान: 6.674 × 10⁻¹¹ N·m²/kg²
  • विमीय सूत्र: [M⁻¹L³T⁻²]

गुरुत्वाकर्षण बल के गुण

  • सार्वत्रिक आकर्षण: यह बल हमेशा आकर्षण प्रकृति का होता है।
  • व्युत्क्रम वर्ग नियम: यह बल दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है (F ∝ 1/r²)।
  • केंद्रीय बल: यह बल दोनों पिंडों के केंद्रों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश कार्य करता है।
  • सबसे कमजोर बल: यह प्रकृति में पाए जाने वाले चार मौलिक बलों (गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुम्बकीय, प्रबल नाभिकीय, दुर्बल नाभिकीय) में सबसे कमजोर है।

गुरुत्वीय त्वरण (g) और गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G) में संबंध

गुरुत्वीय त्वरण (g) वह त्वरण है जिससे कोई वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी की ओर गिरती है। इसका मान G पर निर्भर करता है।

सूत्र की व्युत्पत्ति: g = GM/R²

मान लीजिए पृथ्वी का द्रव्यमान M और त्रिज्या R है। पृथ्वी की सतह पर m द्रव्यमान की एक वस्तु रखी है।

न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार, वस्तु पर पृथ्वी द्वारा लगाया गया बल:
F = G (Mm) / R² —(1)

न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार, वस्तु का भार (जो गुरुत्वाकर्षण बल ही है):
F = mg —(2)

समीकरण (1) और (2) की तुलना करने पर:
mg = G (Mm) / R²
दोनों तरफ से ‘m’ को काटने पर:
g = GM / R²

यह संबंध दर्शाता है कि ‘g’ का मान वस्तु के द्रव्यमान ‘m’ पर निर्भर नहीं करता है।

संख्यात्मक उदाहरण

उदाहरण

प्रश्न: पृथ्वी (द्रव्यमान = 6 × 10²⁴ kg) और चंद्रमा (द्रव्यमान = 7.4 × 10²² kg) के बीच गुरुत्वाकर्षण बल की गणना करें। उनके बीच की औसत दूरी 3.84 × 10⁸ m है।

हल:
दिया है:
m₁ = 6 × 10²⁴ kg
m₂ = 7.4 × 10²² kg
r = 3.84 × 10⁸ m
G = 6.67 × 10⁻¹¹ N·m²/kg²

सूत्र: F = G (m₁m₂) / r²
F = (6.67 × 10⁻¹¹) × (6 × 10²⁴) × (7.4 × 10²²) / (3.84 × 10⁸)²
F = (6.67 × 6 × 7.4 × 10³⁵) / (14.7456 × 10¹⁶)
F = (296.148 × 10³⁵) / (14.7456 × 10¹⁶)
F ≈ 20.08 × 10¹⁹ N
F ≈ 2.01 × 10²⁰ N

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