परिचय: विशिष्ट ऊष्मा धारिता (Specific Heat Capacity)
विशिष्ट ऊष्मा धारिता, जिसे प्रायः केवल विशिष्ट ऊष्मा कहा जाता है, किसी पदार्थ का एक ऊष्मीय गुण है। यह ऊष्मा की वह मात्रा है जो उस पदार्थ के इकाई द्रव्यमान का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस (या 1 केल्विन) बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है।
- इसे ‘c’ या ‘s’ से दर्शाया जाता है।
- इसका SI मात्रक जूल प्रति किलोग्राम-केल्विन (J/kg·K) है।
- पानी की विशिष्ट ऊष्मा धारिता बहुत अधिक (4186 J/kg·K) होती है, जिसका अर्थ है कि इसका तापमान बढ़ाने के लिए बहुत अधिक ऊष्मा की आवश्यकता होती है।
विशिष्ट ऊष्मा का सूत्र
किसी वस्तु को दी गई ऊष्मा (Q), उसके द्रव्यमान (m), विशिष्ट ऊष्मा (c), और तापमान में परिवर्तन (ΔT) पर निर्भर करती है।
सूत्र
Q = mcΔT
जहाँ:
- Q = दी गई या ली गई ऊष्मा (Joule)
- m = वस्तु का द्रव्यमान (kg)
- c = पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा धारिता (J/kg·K)
- ΔT = तापमान में परिवर्तन (K or °C)
मोलर विशिष्ट ऊष्मा (Molar Specific Heat)
गैसों के लिए, विशिष्ट ऊष्मा को प्रति मोल के रूप में परिभाषित करना अधिक सुविधाजनक होता है।
- नियत आयतन पर मोलर विशिष्ट ऊष्मा (Cᵥ): नियत आयतन पर गैस के एक मोल का तापमान 1 K बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा।
- नियत दाब पर मोलर विशिष्ट ऊष्मा (Cₚ): नियत दाब पर गैस के एक मोल का तापमान 1 K बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा।
- हमेशा Cₚ > Cᵥ होता है क्योंकि नियत दाब पर गैस को गर्म करने पर प्रसार में भी कुछ कार्य करना पड़ता है।
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: 500 ग्राम पानी का तापमान 20°C से 80°C तक बढ़ाने के लिए कितनी ऊष्मा की आवश्यकता होगी? (पानी की विशिष्ट ऊष्मा c = 4186 J/kg·K)
हल:
दिया है:
m = 500 g = 0.5 kg
c = 4186 J/kg·K
प्रारंभिक ताप (T₁) = 20°C
अंतिम ताप (T₂) = 80°C
तापमान में परिवर्तन (ΔT) = T₂ – T₁ = 80 – 20 = 60°C (या 60 K)
सूत्र: Q = mcΔT
Q = 0.5 kg × 4186 J/kg·K × 60 K
Q = 2093 × 60
Q = 125580 J या 125.58 kJ