प्रकाश का परावर्तन (Reflection of Light)
जब प्रकाश की किरण किसी सतह से टकराकर वापस उसी माध्यम में लौट आती है, तो इस घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
परावर्तन के नियम
- प्रथम नियम: आपतित किरण, परावर्तित किरण और आपतन बिंदु पर अभिलंब, तीनों एक ही तल में होते हैं।
- द्वितीय नियम: आपतन कोण (i) सदैव परावर्तन कोण (r) के बराबर होता है। (∠i = ∠r)
प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of Light)
जब प्रकाश की किरण एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करती है, तो वह अपने मार्ग से विचलित हो जाती है। इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं। ऐसा माध्यम बदलने पर प्रकाश की चाल में परिवर्तन के कारण होता है।
अपवर्तन के नियम
- प्रथम नियम: आपतित किरण, अपवर्तित किरण और आपतन बिंदु पर अभिलंब, तीनों एक ही तल में होते हैं।
- द्वितीय नियम (स्नेल का नियम): किन्हीं दो माध्यमों के लिए, आपतन कोण की ज्या (sin i) और अपवर्तन कोण की ज्या (sin r) का अनुपात एक नियतांक होता है, जिसे पहले माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक (refractive index) कहते हैं।
स्नेल का नियम (Snell’s Law)
sin i / sin r = n₂ / n₁ = नियतांक
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण (अपवर्तन)
प्रश्न: प्रकाश की एक किरण हवा से कांच में प्रवेश करती है। यदि आपतन कोण 30° है और कांच का अपवर्तनांक 1.5 है, तो अपवर्तन कोण ज्ञात कीजिए। (sin 30° = 0.5)
हल:
दिया है:
आपतन कोण (i) = 30°
पहला माध्यम हवा है, तो n₁ ≈ 1
दूसरा माध्यम कांच है, तो n₂ = 1.5
स्नेल के नियम से: n₁ sin i = n₂ sin r
1 × sin 30° = 1.5 × sin r
0.5 = 1.5 × sin r
sin r = 0.5 / 1.5 = 1/3 ≈ 0.333
r = sin⁻¹(0.333)
r ≈ 19.47°