परिचय: सूक्ष्मदर्शी (Microscope)
सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा प्रकाशिक यंत्र है जिसका उपयोग बहुत छोटी वस्तुओं को आवर्धित (magnify) करके देखने के लिए किया जाता है, जिन्हें नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता।
सरल सूक्ष्मदर्शी (Simple Microscope)
यह मूल रूप से एक कम फोकस दूरी वाला उत्तल लेंस होता है, जिसे आवर्धक लेंस (magnifying glass) भी कहते हैं।
सिद्धांत
जब किसी वस्तु को उत्तल लेंस के प्रकाशिक केंद्र और फोकस के बीच रखा जाता है, तो लेंस उसका एक सीधा, आभासी और आवर्धित प्रतिबिंब बनाता है।
आवर्धन क्षमता का सूत्र
1. जब अंतिम प्रतिबिंब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी (D) पर बने:
M = 1 + (D/f)
2. जब अंतिम प्रतिबिंब अनंत पर बने (शांत आँख के लिए):
M = D/f
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope)
अत्यधिक आवर्धन प्राप्त करने के लिए इसमें दो उत्तल लेंसों का उपयोग किया जाता है।
- अभिदृश्यक लेंस (Objective Lens): वस्तु के पास वाला कम फोकस दूरी और छोटे द्वारक का लेंस।
- नेत्रिका (Eyepiece): आँख के पास वाला अपेक्षाकृत अधिक फोकस दूरी और बड़े द्वारक का लेंस।
कार्यप्रणाली
अभिदृश्यक लेंस वस्तु का एक वास्तविक, उल्टा और आवर्धित प्रतिबिंब बनाता है। यह प्रतिबिंब नेत्रिका के लिए वस्तु का कार्य करता है, जो इसका एक अंतिम, अत्यधिक आवर्धित और आभासी प्रतिबिंब बनाती है।
आवर्धन क्षमता का सूत्र
M = mₒ × mₑ
जहाँ mₒ अभिदृश्यक का रैखिक आवर्धन और mₑ नेत्रिका का कोणीय आवर्धन है।
M ≈ -(L/fₒ) × (D/fₑ) (जब अंतिम प्रतिबिंब अनंत पर बने)
जहाँ L सूक्ष्मदर्शी की नली की लंबाई है।
सूक्ष्मदर्शी के प्रकारों का सारांश
सूक्ष्मदर्शी का प्रकार | सिद्धांत | उपयोग |
---|---|---|
सरल सूक्ष्मदर्शी (Simple Microscope) | एक उत्तल लेंस का उपयोग करता है। | प्राकृतिक विज्ञान और छोटी वस्तुओं को देखने में। |
यौगिक सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope) | दो या अधिक लेंस का उपयोग करता है। | जैविक कोशिकाओं और ऊतकों का अध्ययन करने में। |
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी (Electron Microscope) | इलेक्ट्रॉनों की किरणों का उपयोग करता है। | अणुओं और परमाणुओं के अध्ययन में। |
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण 1 (सरल सूक्ष्मदर्शी)
प्रश्न: एक सरल सूक्ष्मदर्शी में 5 cm फोकस दूरी का उत्तल लेंस उपयोग किया गया है। यदि अंतिम प्रतिबिंब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी (25 cm) पर बनता है तो आवर्धन क्षमता क्या होगी?
हल:
दिया है: f = 5 cm, D = 25 cm
सूत्र: M = 1 + (D/f)
M = 1 + (25 / 5) = 1 + 5
M = 6
उदाहरण 2 (सरल सूक्ष्मदर्शी)
प्रश्न: यदि उपरोक्त उदाहरण में, अंतिम प्रतिबिंब अनंत पर बनता है (शांत आँख के लिए), तो आवर्धन क्षमता क्या होगी?
हल:
दिया है: f = 5 cm, D = 25 cm
सूत्र: M = D/f
M = 25 / 5
M = 5
उदाहरण 3 (संयुक्त सूक्ष्मदर्शी)
प्रश्न: एक संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में अभिदृश्यक लेंस की फोकस दूरी 2 cm और नेत्रिका की फोकस दूरी 5 cm है। यदि नली की लंबाई 20 cm है, तो शांत आँख के लिए आवर्धन क्षमता ज्ञात कीजिए। (D = 25 cm)
हल:
दिया है:
fₒ = 2 cm
fₑ = 5 cm
L = 20 cm
D = 25 cm
सूत्र: M ≈ -(L/fₒ) × (D/fₑ)
M ≈ -(20 / 2) × (25 / 5)
M ≈ -10 × 5
M = -50
(ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि अंतिम प्रतिबिंब उल्टा है)।