परिचय: पदार्थ का अवस्था परिवर्तन
अवस्था परिवर्तन (State Change) वह भौतिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ एक अवस्था (जैसे ठोस, द्रव, गैस) से दूसरी अवस्था में परिवर्तित होता है। यह परिवर्तन ऊष्मा ऊर्जा के अवशोषण या उत्सर्जन के कारण होता है, जो पदार्थ के कणों की गतिज ऊर्जा और उनके बीच के अंतराआण्विक बलों को प्रभावित करता है। एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि अवस्था परिवर्तन के दौरान, जब तक पूरा पदार्थ परिवर्तित नहीं हो जाता, तब तक उसका तापमान स्थिर रहता है।
अवस्था परिवर्तन की प्रक्रियाएं
गलनांक (Melting) और हिमांक (Freezing)
गलनांक (Melting): वह प्रक्रिया है जिसमें कोई ठोस पदार्थ ऊष्मा पाकर द्रव अवस्था में परिवर्तित होता है। जिस निश्चित तापमान पर यह होता है, उसे उस पदार्थ का गलनांक बिंदु (Melting Point) कहते हैं।
हिमांक (Freezing): यह गलनांक की विपरीत प्रक्रिया है, जिसमें कोई द्रव पदार्थ ऊष्मा खोकर ठोस अवस्था में परिवर्तित होता है। जिस निश्चित तापमान पर यह होता है, उसे हिमांक बिंदु (Freezing Point) कहते हैं। शुद्ध क्रिस्टलीय पदार्थों के लिए, गलनांक और हिमांक बिंदु समान होते हैं।
क्वथन (Boiling) और संघनन (Condensation)
क्वथन (Boiling): वह प्रक्रिया है जिसमें कोई द्रव ऊष्मा पाकर तेजी से गैस अवस्था में परिवर्तित होता है। जिस निश्चित तापमान पर यह होता है, उसे क्वथनांक (Boiling Point) कहते हैं।
संघनन (Condensation): यह क्वथन की विपरीत प्रक्रिया है, जिसमें कोई पदार्थ गैस अवस्था से ऊष्मा खोकर द्रव अवस्था में परिवर्तित होता है।
ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
ऊर्ध्वपातन वह प्रक्रिया है जिसमें कोई ठोस पदार्थ गर्म करने पर बिना द्रव अवस्था में आए सीधे गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। उदाहरण: कपूर, नैफ्थलीन, अमोनियम क्लोराइड, शुष्क बर्फ (ठोस CO₂)।
गुप्त ऊष्मा (Latent Heat)
अवस्था परिवर्तन के दौरान, दी गई ऊष्मा पदार्थ का तापमान नहीं बढ़ाती, बल्कि कणों के बीच के अंतराआण्विक बलों को तोड़ने या बनाने में खर्च होती है। इस “छिपी हुई” ऊष्मा को गुप्त ऊष्मा (Latent Heat) कहते हैं।
- गलन की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of Fusion): 1 kg ठोस को उसके गलनांक पर पूरी तरह से द्रव में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा। पानी के लिए यह लगभग 3.34 × 10⁵ J/kg है।
- वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of Vaporization): 1 kg द्रव को उसके क्वथनांक पर पूरी तरह से गैस में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा। पानी के लिए यह लगभग 22.6 × 10⁵ J/kg है।
अवस्था परिवर्तन पर दाब का प्रभाव
बाहरी दाब का अवस्था परिवर्तन के तापमान पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
- क्वथनांक पर: दाब बढ़ाने पर द्रवों का क्वथनांक बढ़ जाता है। यही सिद्धांत प्रेशर कुकर में उपयोग होता है, जहाँ उच्च दाब के कारण पानी 100°C से अधिक तापमान पर उबलता है, जिससे खाना जल्दी पकता है। इसके विपरीत, पहाड़ों पर वायुमंडलीय दाब कम होने के कारण क्वथनांक घट जाता है, जिससे खाना पकाने में अधिक समय लगता है।
- गलनांक पर: जो पदार्थ पिघलने पर फैलते हैं (अधिकांश पदार्थ), उनका गलनांक दाब बढ़ाने पर बढ़ता है। लेकिन, जो पदार्थ पिघलने पर सिकुड़ते हैं (जैसे बर्फ), उनका गलनांक दाब बढ़ाने पर घट जाता है।
जल का असंगत प्रसार (Anomalous Expansion of Water)
अधिकांश द्रवों के विपरीत, पानी 0°C से 4°C तक गर्म करने पर सिकुड़ता है। इसका अर्थ है कि पानी का घनत्व 4°C पर अधिकतम होता है। 4°C से अधिक गर्म करने पर यह सामान्य रूप से फैलता है। इसी गुण के कारण ठंडे मौसम में झीलें और तालाब ऊपर से नीचे की ओर जमते हैं, जिससे जलीय जीवन जीवित रह पाता है।