परिचय: अवस्था समीकरण (Equation of State)
एक अवस्था समीकरण एक ऊष्मागतिक समीकरण है जो किसी पदार्थ की अवस्था के चरों (state variables) के बीच गणितीय संबंध का वर्णन करता है। गैसों के लिए, ये चर मुख्य रूप से दाब (P), आयतन (V), तापमान (T), और मोलों की संख्या (n) होते हैं। यह समीकरण हमें बताता है कि यदि हम इनमें से कुछ चरों को बदलते हैं तो अन्य चर कैसे प्रभावित होंगे।
आदर्श गैस समीकरण (Ideal Gas Equation)
आदर्श गैस एक काल्पनिक गैस है जिसके अणु बिंदु द्रव्यमान होते हैं और उनके बीच कोई अंतराआण्विक बल नहीं होता है। आदर्श गैस समीकरण बॉयल के नियम, चार्ल्स के नियम और आवोगाद्रो के नियम को मिलाकर बनाया गया है।
PV = nRT
जहाँ:
- P = गैस का दाब
- V = गैस का आयतन
- n = गैस के मोलों की संख्या
- R = सार्वत्रिक गैस नियतांक (≈ 8.314 J/mol·K)
- T = परम तापमान (केल्विन में)
वास्तविक गैसें और वान डर वाल्स समीकरण
वास्तविक गैसें आदर्श गैस की तरह व्यवहार नहीं करती हैं, खासकर उच्च दाब और निम्न तापमान पर। ऐसा इसलिए है क्योंकि वास्तविक गैस के अणुओं का अपना आयतन होता है और उनके बीच अंतराआण्विक आकर्षण बल भी होते हैं। इन दो कारकों को ध्यान में रखने के लिए, वान डर वाल्स ने आदर्श गैस समीकरण में संशोधन किया।
(P + an²/V²)(V – nb) = nRT
जहाँ:
- an²/V² पद अंतराआण्विक आकर्षण बलों के लिए दाब में सुधार है।
- nb पद अणुओं द्वारा घेरे गए आयतन के लिए आयतन में सुधार है।
- ‘a’ और ‘b’ वान डर वाल्स नियतांक हैं जो प्रत्येक गैस के लिए विशिष्ट होते हैं।
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण 1 (आदर्श गैस समीकरण)
प्रश्न: 27°C तापमान और 2 atm दाब पर 4 मोल आदर्श गैस द्वारा घेरा गया आयतन कितना होगा? (R = 0.0821 L·atm/mol·K)
हल:
दिया है: n = 4 mol, P = 2 atm, T = 27°C = 27 + 273 = 300 K
सूत्र: PV = nRT => V = nRT / P
V = (4 mol × 0.0821 L·atm/mol·K × 300 K) / 2 atm
V = (98.52 L·atm) / 2 atm
V = 49.26 L
उदाहरण 2 (संयुक्त गैस नियम)
प्रश्न: एक गैस का नमूना 27°C पर 2 लीटर का आयतन घेरता है। यदि दाब को स्थिर रखते हुए तापमान को 127°C तक बढ़ा दिया जाए तो नया आयतन क्या होगा?
हल:
यह चार्ल्स के नियम का एक अनुप्रयोग है (P और n स्थिर हैं)।
दिया है: V₁ = 2 L, T₁ = 27°C = 300 K, T₂ = 127°C = 400 K
सूत्र: V₁/T₁ = V₂/T₂ => V₂ = V₁T₂ / T₁
V₂ = (2 L × 400 K) / 300 K
V₂ = 800 / 300 L
V₂ ≈ 2.67 L