धातुओं से संबंधित परीक्षा-उपयोगी तथ्य (भाग 2)
- पीतल (Brass): यह तांबा (Cu) और जिंक (Zn) की मिश्रधातु है।
- कांसा (Bronze): यह तांबा (Cu) और टिन (Sn) की मिश्रधातु है। कांस्य युग इसी धातु के नाम पर है।
- स्टेनलेस स्टील: यह लोहा (Fe), क्रोमियम (Cr), और निकल (Ni) की मिश्रधातु है। क्रोमियम इसे जंग प्रतिरोधी बनाता है।
- मैग्नेलियम (Magnalium): यह एल्युमिनियम (Al) और मैग्नीशियम (Mg) की एक हल्की और मजबूत मिश्रधातु है।
- ड्यूरालुमिन (Duralumin): यह एल्युमिनियम, तांबा, मैग्नीशियम और मैंगनीज की मिश्रधातु है, जिसका उपयोग हवाई जहाज के पुर्जे बनाने में होता है।
- टाइपराइटर की धातु: टाइपराइटर में उपयोग होने वाली धातु एंटीमनी (Sb) और सीसा (Pb) की मिश्रधातु होती है।
- फ्यूज तार: फ्यूज का तार सीसा (Pb) और टिन (Sn) की मिश्रधातु से बना होता है, जिसका गलनांक कम होता है।
- चांदी का संक्षारण: चांदी हवा में हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) से अभिक्रिया करके काली पड़ जाती है, जिससे सिल्वर सल्फाइड (Ag2S) बनता है।
- तांबे का संक्षारण: नम हवा में तांबे पर बेसिक कॉपर कार्बोनेट (CuCO3·Cu(OH)2) की हरी परत जम जाती है।
- पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO4): इसे ‘लाल दवा’ भी कहते हैं और इसका उपयोग कीटाणुनाशक के रूप में होता है।
- जिंक फॉस्फाइड (Zn3P2): इसका उपयोग चूहे मारने की दवा (Rodenticide) के रूप में किया जाता है।
- जिंक ऑक्साइड (ZnO): इसे ‘फिलॉस्फर वूल’ (Philosopher’s Wool) या यशद पुष्प कहते हैं।
- धातुओं का निष्कर्षण: अत्यधिक अभिक्रियाशील धातुओं का निष्कर्षण विद्युत-अपघटन द्वारा, मध्यम का कार्बन अपचयन द्वारा और कम अभिक्रियाशील धातुएँ स्वतंत्र अवस्था में पाई जाती हैं।
- थर्मिट अभिक्रिया: आयरन ऑक्साइड (Fe2O3) और एल्युमिनियम (Al) के बीच की अभिक्रिया, जिसका उपयोग रेलवे पटरियों को जोड़ने में होता है।
- एक्वा रेजिया (अम्लराज): यह 1 भाग सांद्र नाइट्रिक एसिड और 3 भाग सांद्र हाइड्रोक्लोरिक एसिड का मिश्रण है, जो सोना और प्लैटिनम को घोल सकता है।
- बेबिट मेटल: यह टिन, एंटीमनी और तांबे की मिश्रधातु है, जिसका उपयोग बियरिंग बनाने में होता है।
- विद्युत चुंबक: अस्थायी चुंबक बनाने के लिए नरम लोहे (Soft Iron) का उपयोग किया जाता है।
- स्थायी चुंबक: स्थायी चुंबक बनाने के लिए इस्पात (Steel) या एल्निको (Alnico) का उपयोग होता है।
- वुड्स मेटल: यह बिस्मथ, सीसा, टिन और कैडमियम की मिश्रधातु है, जिसका गलनांक बहुत कम (70°C) होता है।
- लिथियम एल्युमिनियम हाइड्राइड (LiAlH4): यह एक शक्तिशाली अपचायक (reducing agent) है।
- कैलोमेल: मरक्यूरस क्लोराइड (Hg2Cl2) को कैलोमेल कहा जाता है।
- कोरोसिव सब्लीमेट: मरक्यूरिक क्लोराइड (HgCl2) एक तीव्र विष है।
- सिंदूर (Vermilion): यह मरक्यूरिक सल्फाइड (HgS) होता है।
- लूनर कास्टिक: सिल्वर नाइट्रेट (AgNO3) को लूनर कास्टिक कहते हैं।
- हॉर्न सिल्वर: सिल्वर क्लोराइड (AgCl) को हॉर्न सिल्वर कहते हैं।
- सबसे भारी तरल धातु: पारा (Hg) सबसे भारी तरल धातु है।
- टंगस्टन का गलनांक: टंगस्टन (W) का गलनांक सभी धातुओं में उच्चतम (लगभग 3422°C) होता है।
- कैल्शियम कार्बाइड (CaC2): इस पर पानी की अभिक्रिया से एसिटिलीन गैस (C2H2) बनती है, जिसका उपयोग फलों को पकाने में होता है।
- ब्लू विट्रियल (नीला थोथा): कॉपर सल्फेट (CuSO4·5H2O) को नीला थोथा कहते हैं।
- व्हाइट विट्रियल (सफेद थोथा): जिंक सल्फेट (ZnSO4·7H2O) को सफेद थोथा कहते हैं।
- ग्रीन विट्रियल (हरा थोथा): फेरस सल्फेट (FeSO4·7H2O) को हरा थोथा कहते हैं।
- सोडियम बेंजोएट: यह एक खाद्य परिरक्षक (food preservative) है।
- सोडियम थायोसल्फेट (हाइपो): इसका उपयोग फोटोग्राफी में फिक्सर के रूप में होता है।
- सोडियम कार्बोनेट (धावन सोडा): $Na_2CO_3 \cdot 10H_2O$ का उपयोग कांच, साबुन और कागज उद्योगों में होता है।
- सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा): $NaHCO_3$ का उपयोग बेकिंग और एंटासिड के रूप में होता है।
- कास्टिक सोडा: सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) को कास्टिक सोडा कहते हैं।
- पोटाश एलम (फिटकरी): $K_2SO_4 \cdot Al_2(SO_4)_3 \cdot 24H_2O$ एक द्विक लवण है।
- गन मेटल: यह तांबा, टिन और जिंक की मिश्रधातु है।
- डेल्टा मेटल: यह तांबा, जिंक और लोहे की मिश्रधातु है, जिसका उपयोग जहाज के प्रोपेलर बनाने में होता है।
- मोनेल मेटल: यह तांबा और निकल की मिश्रधातु है जो क्षार प्रतिरोधी होती है।
- रोल्ड गोल्ड (कृत्रिम सोना): यह तांबा और एल्युमिनियम की मिश्रधातु है।
- डच मेटल: यह तांबा और जिंक की मिश्रधातु है, जिसका उपयोग पतली चादरें बनाने में होता है।
- मैंगनीज स्टील: इसका उपयोग हेलमेट और तिजोरियाँ बनाने में होता है।
- इन्वार (Invar): यह लोहा और निकल की मिश्रधातु है, जिसका तापीय प्रसार बहुत कम होता है।
- टंगस्टन स्टील: यह बहुत कठोर होता है और इसका उपयोग काटने वाले उपकरणों में होता है।
- लिथोपोन: यह बेरियम सल्फेट और जिंक सल्फाइड का मिश्रण है, जिसे सफेद पेंट के रूप में उपयोग किया जाता है।
- बेरियम मील: बेरियम सल्फेट (BaSO4) का उपयोग पेट के एक्स-रे के लिए किया जाता है।
- मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड [Mg(OH)2]: इसे ‘मिल्क ऑफ मैग्नीशिया’ कहते हैं और यह एक एंटासिड है।
- सीसा (Lead): यह ऊष्मा का सबसे खराब सुचालक धातु है।
अभ्यास प्रश्न (MCQs)
1. ‘मिल्क ऑफ मैग्नीशिया’ का रासायनिक नाम क्या है?
2. कांसा (Bronze) किन धातुओं की मिश्रधातु है?
3. ‘फिलॉस्फर वूल’ (Philosopher’s Wool) किसे कहा जाता है?
4. थर्मिट अभिक्रिया में आयरन ऑक्साइड के साथ किस धातु का उपयोग अपचायक के रूप में किया जाता है?
5. पेट के एक्स-रे से पहले रोगी को ‘बेरियम मील’ के रूप में क्या दिया जाता है?
6. फ्यूज तार बनाने के लिए सीसा और टिन की मिश्रधातु का उपयोग क्यों किया जाता है?
7. ‘लाल दवा’ के नाम से प्रसिद्ध कीटाणुनाशक यौगिक कौन सा है?
8. निम्नलिखित में से कौन सी धातु ऊष्मा की सबसे खराब सुचालक है?