1. परिचय (Introduction)
ब्रह्मांड विशाल है और यह आकाशगंगाओं (Galaxies) से बना है। प्रत्येक आकाशगंगा में अरबों तारे (Stars), गैस, धूल और डार्क मैटर होते हैं, जो सभी गुरुत्वाकर्षण (Gravity) द्वारा एक साथ बंधे होते हैं। तारे आकाशगंगाओं के मूलभूत निर्माण खंड हैं।
2. तारे (Stars)
तारे गर्म, चमकते हुए गैस के विशाल गोले होते हैं जो अपने स्वयं के गुरुत्वाकर्षण द्वारा एक साथ टिके रहते हैं। वे अपने कोर में होने वाली परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) की प्रक्रिया के कारण प्रकाश और ऊष्मा उत्पन्न करते हैं। हमारा सूर्य भी एक तारा है।
तारों का निर्माण और जीवन चक्र (Stellar Formation and Life Cycle)
- नेबुला (Nebula): तारों का जन्म नेबुला नामक धूल और गैस के विशाल बादलों में होता है।
- प्रोटोस्टार (Protostar): गुरुत्वाकर्षण के कारण नेबुला का पदार्थ ढहने लगता है और एक गर्म, घने कोर का निर्माण करता है जिसे प्रोटोस्टार कहते हैं।
- मुख्य अनुक्रम तारा (Main Sequence Star): जब कोर पर्याप्त गर्म हो जाता है, तो परमाणु संलयन शुरू हो जाता है, और एक तारा पैदा होता है। हमारा सूर्य वर्तमान में एक मुख्य अनुक्रम तारा है।
- तारों का अंत: जब एक तारे का हाइड्रोजन ईंधन समाप्त हो जाता है, तो उसका अंत उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है:
- औसत तारे (सूर्य जैसे): ये फूलकर एक लाल दानव (Red Giant) बन जाते हैं, फिर अपनी बाहरी परतों को त्याग देते हैं और अंत में एक छोटे, घने श्वेत वामन (White Dwarf) के रूप में समाप्त हो जाते हैं।
- विशाल तारे: ये एक लाल सुपरजायंट (Red Supergiant) बन जाते हैं और फिर एक सुपरनोवा (Supernova) नामक एक विशाल विस्फोट में फट जाते हैं। सुपरनोवा के बाद बचा हुआ कोर या तो एक न्यूट्रॉन तारा (Neutron Star) बन सकता है या, यदि तारा बहुत विशाल था, तो एक ब्लैक होल (Black Hole) बन सकता है।
3. आकाशगंगाएँ (Galaxies)
आकाशगंगा तारों, तारकीय अवशेषों, अंतरतारकीय गैस, धूल और डार्क मैटर का एक विशाल, गुरुत्वाकर्षण रूप से बंधी हुई प्रणाली है।
आकाशगंगाओं के प्रकार (Types of Galaxies)
- सर्पिल आकाशगंगा (Spiral Galaxy): इनमें एक केंद्रीय उभार होता है और उससे निकलती हुई सर्पिल भुजाएँ होती हैं। हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे (Milky Way), और हमारी निकटतम प्रमुख आकाशगंगा, एंड्रोमेडा (Andromeda), सर्पिल आकाशगंगाएँ हैं।
- दीर्घवृत्ताकार आकाशगंगा (Elliptical Galaxy): ये अंडाकार आकार की होती हैं और इनमें ज्यादातर पुराने तारे होते हैं।
- अनियमित आकाशगंगा (Irregular Galaxy): इनका कोई निश्चित आकार नहीं होता है।
हमारी आकाशगंगा: मिल्की वे (Our Galaxy: The Milky Way)
- हमारा सौर मंडल मिल्की वे नामक एक सर्पिल आकाशगंगा में स्थित है, जिसे हिंदी में आकाशगंगा कहते हैं।
- हमारा सूर्य आकाशगंगा के केंद्र से लगभग 27,000 प्रकाश वर्ष दूर एक सर्पिल भुजा में स्थित है।
4. अन्य अवधारणाएँ (Other Concepts)
- प्रकाश वर्ष (Light Year): यह दूरी की एक इकाई है, समय की नहीं। यह वह दूरी है जो प्रकाश एक वर्ष में तय करता है (लगभग 9.46 ट्रिलियन किलोमीटर)।
- नक्षत्रमंडल (Constellations): ये आकाश में तारों के पहचानने योग्य पैटर्न हैं, जिन्हें प्राचीन लोगों ने आकृतियों या पात्रों के रूप में देखा था। उदाहरण: उर्सा मेजर (सप्तर्षि), ओरियन (शिकारी)।
- प्रॉक्सिमा सेंटॉरी (Proxima Centauri): यह सूर्य के बाद पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा है।