1. परिचय (Introduction)
ज्वालामुखी पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली भूवैज्ञानिक घटनाओं में से एक हैं। उनका वर्गीकरण उनकी गतिविधि की आवृत्ति और उनके विस्फोट की प्रकृति तथा संरचना के आधार पर किया जाता है। यह वर्गीकरण हमें उनके व्यवहार और उनसे उत्पन्न होने वाले खतरों को समझने में मदद करता है।
2. गतिविधि की आवृत्ति के आधार पर वर्गीकरण
A. सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcano)
- ये वे ज्वालामुखी हैं जिनसे वर्तमान में या हाल के भूवैज्ञानिक अतीत में लावा, गैसें या राख निकल रही है।
- इनके भविष्य में भी फटने की प्रबल संभावना होती है।
- उदाहरण: स्ट्रोमबोली (इटली), जिसे ‘भूमध्य सागर का प्रकाश स्तंभ’ कहा जाता है; माउंट एटना (इटली); बैरन द्वीप (अंडमान, भारत) जो भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
B. प्रसुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcano)
- ये वे ज्वालामुखी हैं जो लंबे समय से निष्क्रिय हैं, लेकिन उनके नीचे अभी भी मैग्मा की गतिविधि के संकेत मिलते हैं, और वे भविष्य में फिर से सक्रिय हो सकते हैं।
- ये सबसे खतरनाक हो सकते हैं क्योंकि उनके आसपास के लोग उन्हें सुरक्षित मान लेते हैं।
- उदाहरण: माउंट फुजी (जापान); माउंट विसुवियस (इटली); नारकोंडम द्वीप (अंडमान, भारत)।
C. विलुप्त ज्वालामुखी (Extinct Volcano)
- ये वे ज्वालामुखी हैं जिनके बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि उनके भविष्य में फटने की कोई संभावना नहीं है क्योंकि उनके नीचे मैग्मा की आपूर्ति समाप्त हो चुकी है।
- समय के साथ, इनके क्रेटर में पानी भर जाने से क्रेटर झील (Crater Lake) बन सकती है।
- उदाहरण: माउंट किलिमंजारो (तंजानिया); एडिनबर्ग कैसल (स्कॉटलैंड) एक विलुप्त ज्वालामुखी की चोटी पर बना है।
3. विस्फोट की प्रकृति और संरचना के आधार पर वर्गीकरण
A. शील्ड ज्वालामुखी (Shield Volcanoes)
- लावा का प्रकार: कम चिपचिपा, पतला और तरल क्षारीय लावा (Basic Lava)।
- विस्फोट की प्रकृति: शांत और गैर-विस्फोटक (Quiet and Non-explosive)।
- संरचना: लावा दूर तक फैलता है, जिससे कम ढलान वाले, चौड़े और गुंबद के आकार के ज्वालामुखी बनते हैं जो ढाल (shield) की तरह दिखते हैं।
- उदाहरण: हवाई द्वीप के ज्वालामुखी, जैसे मौना लोआ और किलाऊआ।
B. मिश्रित या स्तरित ज्वालामुखी (Composite or Stratovolcanoes)
- लावा का प्रकार: अधिक चिपचिपा, गाढ़ा और अम्लीय लावा (Acidic Lava)।
- विस्फोट की प्रकृति: अत्यधिक विस्फोटक और विनाशकारी, क्योंकि गाढ़ा लावा वेंट को बंद कर देता है, जिससे दबाव बनता है।
- संरचना: ये लावा, राख, और पाइरोक्लास्टिक पदार्थों की वैकल्पिक परतों से बने होते हैं। ये क्लासिक, खड़ी ढलान वाले, शंक्वाकार ज्वालामुखी होते हैं।
- उदाहरण: दुनिया के अधिकांश प्रसिद्ध ज्वालामुखी इसी प्रकार के हैं, जैसे माउंट सेंट हेलेंस (यूएसए), माउंट रेनियर (यूएसए), और माउंट पिनाटुबो (फिलीपींस)।
C. काल्डेरा (Caldera)
- ये पृथ्वी पर सबसे विस्फोटक ज्वालामुखी हैं।
- ये इतने विस्फोटक होते हैं कि वे स्वयं को ऊपर उठाने के बजाय, विस्फोट के दौरान अपने ऊपर की संरचना को ध्वस्त कर देते हैं, जिससे एक विशाल, धँसा हुआ गड्ढा या काल्डेरा बन जाता है।
- उदाहरण: क्रेटोपारी झील (इंडोनेशिया), क्रेटर लेक (यूएसए)।
D. बाढ़ बेसाल्ट प्रांत (Flood Basalt Provinces) / दरारी उद्भेदन
- ये ज्वालामुखी किसी एक शंकु से फटने के बजाय, पृथ्वी की सतह पर लंबी दरारों (Fissures) से अत्यधिक तरल लावा उगलते हैं।
- समय के साथ, लावा की कई परतें जमा होकर एक मोटा लावा पठार बनाती हैं।
- उदाहरण: भारत का दक्कन ट्रैप (Deccan Traps), जो क्रिटेशियस काल के अंत में बना था।