1. परिचय (Introduction)
ज्वालामुखी गतिविधि पृथ्वी की सतह पर होने वाली एक शक्तिशाली घटना है, लेकिन इसकी जड़ें पृथ्वी के भीतर गहराई में होती हैं। ज्वालामुखी विस्फोट का मूल कारण पृथ्वी के मेंटल में मैग्मा (Magma) का बनना और उसका सतह की ओर बढ़ना है। प्लेट विवर्तनिकी का सिद्धांत (Theory of Plate Tectonics) ज्वालामुखी गतिविधि के वैश्विक वितरण और कारणों की सबसे अच्छी व्याख्या करता है।
2. मैग्मा का निर्माण: ज्वालामुखी का मूल कारण (Magma Formation: The Root Cause)
पृथ्वी का मेंटल ज्यादातर ठोस है। मैग्मा केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में बनता है, जिन्हें तीन प्रक्रियाओं द्वारा समझाया जा सकता है:
- डीकंप्रेसन मेल्टिंग (Decompression Melting): जब मेंटल की चट्टानें ऊपर उठती हैं, तो उन पर दबाव कम हो जाता है। दबाव में कमी से चट्टानों का गलनांक (melting point) कम हो जाता है, और वे पिघलकर मैग्मा बन जाती हैं। यह प्रक्रिया अपसारी प्लेट सीमाओं पर होती है।
- फ्लक्स मेल्टिंग (Flux Melting): जब पानी जैसे वाष्पशील पदार्थ (volatiles) गर्म मेंटल चट्टानों में मिलते हैं, तो वे चट्टानों के गलनांक को कम कर देते हैं, जिससे वे कम तापमान पर भी पिघल जाती हैं। यह प्रक्रिया प्रविष्ठन क्षेत्रों (Subduction Zones) में होती है।
- हीट ट्रांसफर मेल्टिंग (Heat Transfer Melting): जब मौजूदा मैग्मा ऊपर उठता है, तो यह अपनी गर्मी को आसपास की ठंडी भूपर्पटी की चट्टानों में स्थानांतरित करता है। यदि तापमान पर्याप्त रूप से बढ़ जाता है, तो यह भूपर्पटी की चट्टानों को पिघला सकता है। यह प्रक्रिया हॉटस्पॉट पर होती है।
3. प्लेट विवर्तनिकी सेटिंग्स में ज्वालामुखी गतिविधि (Volcanic Activity in Plate Tectonic Settings)
A. अपसारी प्लेट सीमाएँ (Divergent Plate Boundaries)
- प्रक्रिया: यहाँ, दो प्लेटें एक-दूसरे से दूर जाती हैं, जिससे मेंटल का पदार्थ ऊपर उठता है और डीकंप्रेसन मेल्टिंग के कारण पिघल जाता है।
- परिणाम: इससे शांत, तरल बेसाल्टिक लावा का विस्फोट होता है जो नई महासागरीय भूपर्पटी का निर्माण करता है।
- उदाहरण: मध्य-अटलांटिक कटक (Mid-Atlantic Ridge) और पूर्वी अफ्रीकी रिफ्ट घाटी (East African Rift Valley)।
B. अभिसारी प्लेट सीमाएँ (Convergent Plate Boundaries)
- प्रक्रिया: जब एक सघन महासागरीय प्लेट एक कम सघन प्लेट के नीचे खिसकती है (प्रविष्ठन), तो यह अपने साथ पानी और अवसाद ले जाती है। यह पानी मेंटल में प्रवेश करता है और फ्लक्स मेल्टिंग का कारण बनता है।
- परिणाम: यह प्रक्रिया गाढ़े, चिपचिपे और गैस युक्त अम्लीय मैग्मा (Andesitic/Rhyolitic Magma) का निर्माण करती है, जो अत्यधिक विस्फोटक विस्फोटों का कारण बनता है।
- उदाहरण: प्रशांत महासागर का रिंग ऑफ फायर (Pacific Ring of Fire), जिसमें एंडीज पर्वत और जापान के ज्वालामुखी शामिल हैं। दुनिया के अधिकांश विस्फोटक ज्वालामुखी यहीं पाए जाते हैं।
C. हॉटस्पॉट ज्वालामुखी (Hotspot Volcanism)
- प्रक्रिया: ये ज्वालामुखी प्लेट सीमाओं से दूर होते हैं। ये तब बनते हैं जब मेंटल के भीतर से मैंटल प्लम (Mantle Plume) नामक गर्म पदार्थ का एक स्तंभ ऊपर उठता है और हीट ट्रांसफर मेल्टिंग के माध्यम से ऊपर की प्लेट को पिघला देता है।
- परिणाम: जैसे ही टेक्टोनिक प्लेट हॉटस्पॉट के ऊपर से गुजरती है, ज्वालामुखियों की एक श्रृंखला बन जाती है।
- उदाहरण: हवाई द्वीप (Hawaiian Islands), येलोस्टोन काल्डेरा (Yellowstone Caldera)।