जलमंडल और मानव स्वास्थ्य (Hydrosphere and Human Health)
जल जनित रोग और स्वच्छता (Waterborne Diseases and Sanitation)
जल जनित रोग (Waterborne Diseases) उन बीमारियों को कहते हैं, जो दूषित जल के माध्यम से फैलती हैं। स्वच्छता (Sanitation) की कमी और असुरक्षित जल का उपयोग इनके प्रमुख कारण हैं।
- प्रमुख जल जनित रोग:
- डायरिया: दूषित जल पीने से होता है।
- हैजा (Cholera): संक्रमित जल में जीवाणुओं की उपस्थिति।
- टायफॉइड: दूषित जल और भोजन के माध्यम से फैलता है।
- हेपेटाइटिस ए: वायरस संक्रमित जल पीने से होता है।
- स्वच्छता की कमी के प्रभाव:
- स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि।
- बच्चों में कुपोषण।
- सामाजिक और आर्थिक नुकसान।
महत्त्वपूर्ण आँकड़ा:
हर साल 8 लाख से अधिक लोग दूषित जल के कारण मरते हैं, जिनमें से अधिकांश बच्चे हैं।
रोग | कारण | प्रभाव |
---|---|---|
डायरिया | दूषित जल | पानी की कमी और कुपोषण। |
हैजा | संक्रमित जल | तेज डिहाइड्रेशन। |
टायफॉइड | दूषित भोजन और जल | तेज बुखार और कमजोरी। |
सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता (Access to Safe Drinking Water)
सुरक्षित पेयजल (Safe Drinking Water) की उपलब्धता मानव स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है। विश्व के लाखों लोग अभी भी साफ और सुरक्षित पेयजल से वंचित हैं।
- सुरक्षित पेयजल की आवश्यकता:
- संक्रामक रोगों को रोकना।
- स्वास्थ्य और पोषण में सुधार।
- आर्थिक उत्पादकता बढ़ाना।
- प्रमुख चुनौतियाँ:
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में असमानता।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव।
- प्रदूषण और अपर्याप्त बुनियादी ढांचा।
महत्त्वपूर्ण आँकड़ा:
विश्व में लगभग 2.2 अरब लोग अभी भी सुरक्षित पेयजल से वंचित हैं।
चुनौती | प्रभाव |
---|---|
जल प्रदूषण | पीने योग्य जल में कमी। |
जलवायु परिवर्तन | जल स्रोतों की कमी। |
अपर्याप्त बुनियादी ढांचा | ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट। |