उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विख्यात है, और इसके विविध परिदृश्यों में कई महत्वपूर्ण कुण्ड (तालाब/झरने) और प्रपात (झरने) शामिल हैं। ये जल निकाय न केवल दर्शनीय हैं बल्कि कई का धार्मिक और औषधीय महत्व भी है।
उत्तराखंड के प्रमुख कुण्ड और प्रपात
- उत्तराखंड में कई गर्म पानी के कुण्ड पाए जाते हैं, जिनका पानी गंधक युक्त होता है और त्वचा रोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है, जैसे यमुनोत्री का सूर्यकुण्ड, गौरीकुण्ड, गंगनानी।
- पंच केदार और चार धाम यात्रा मार्गों पर कई पवित्र कुण्ड स्थित हैं, जहाँ श्रद्धालु स्नान करते हैं।
- सहस्त्रधारा (देहरादून) अपने गंधक युक्त जल प्रपातों और गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है।
- कई प्रपात, जैसे वसुधारा प्रपात और कैम्पटी फॉल, लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं।
- कुण्डों को अक्सर धार्मिक कथाओं और देवी-देवताओं से जोड़ा जाता है।
चमोली जनपद के प्रमुख कुण्ड एवं प्रपात
कुण्ड (Ponds/Springs)
हेमकुण्ड, होमकुण्ड, गौरीकुण्ड (बद्रीनाथ के पास, गर्म जल), नंदीकुण्ड, सूर्यकुण्ड (बद्रीनाथ, गर्म जल), तप्तकुण्ड (बद्रीनाथ, गर्म जल, स्नान हेतु प्रसिद्ध), ऋषि कुण्ड, वैतरणी कुण्ड, सत्यपथ कुण्ड, त्रिकोण कुण्ड, मानस कुण्ड, ब्रह्म कुण्ड (ब्रह्मकपाल के नीचे)।
जल प्रपात (Waterfalls)
वसुधारा प्रपात (माणा गाँव के पास, अलकनंदा नदी पर, लगभग 121 मीटर ऊँचा), कल्पेश्वर प्रपात (उर्गम घाटी में)।
उत्तरकाशी जनपद के प्रमुख कुण्ड
गर्म जल कुण्ड
सूर्यकुण्ड (यमुनोत्री मंदिर के पास, यहाँ आलू-चावल पकाए जाते हैं), गंगनानी/गंगानी (गंधक युक्त गर्म पानी का झरना)।
ठंडे जल कुण्ड
देवकुण्ड (भागीरथी उद्गम के पास), सप्तर्षि कुण्ड (यमुनोत्री के पास, यहाँ सात ऋषियों ने तपस्या की थी)।
रुद्रप्रयाग जनपद के प्रमुख कुण्ड
गौरीकुण्ड (केदारनाथ मार्ग पर, गर्म जल), नंदीकुण्ड (मद्महेश्वर के पास), सरस्वती कुण्ड (त्रियुगीनारायण के पास), अमृत कुण्ड, रेतस कुण्ड (गर्म जल, गौरीकुंड के पास), हंस कुण्ड, उदक कुण्ड, रुधिर कुण्ड (रक्तवर्ण जल)।
(इनमें से कई कुण्ड केदारनाथ क्षेत्र में स्थित हैं।)
पिथौरागढ़ जनपद के प्रमुख कुण्ड एवं प्रपात
कुण्ड (Ponds/Springs)
सूर्यकुण्ड (मिलम मार्ग पर, गर्म जल), नंदाकुण्ड (नंदा देवी पर्वत के पास), मैसर कुण्ड, थामरी कुण्ड (प्रसिद्ध, मुनस्यारी), पार्वती कुण्ड, बालचिन कुण्ड।
जल प्रपात (Waterfalls)
भुरमुनी प्रपात, बिर्थी प्रपात (मुनस्यारी के पास, लगभग 126 मीटर ऊँचा), हरकोट प्रपात, गरौंधा प्रपात, रांथी प्रपात।
देहरादून जनपद के प्रमुख प्रपात
सहस्त्रधारा (बाल्दी नदी पर, गंधक युक्त जल), टाइगर फॉल (चकराता के पास, ऊँचा), हार्डी प्रपात (मसूरी-देहरादून मार्ग पर), भट्टा प्रपात (मसूरी), शिखर फॉल (राजपुर), गरुड़चट्टी प्रपात, फूलचट्टी प्रपात, पटना प्रपात (लक्ष्मण सिद्ध के पास)।
(देहरादून में प्रसिद्ध गर्म पानी के कुण्ड कम हैं, यह मुख्यतः अपने प्रपातों के लिए जाना जाता है।)
नैनीताल जनपद के प्रमुख प्रपात
कॉर्बेट फॉल (कालाढूंगी के पास), भालूगाड़ प्रपात (मुक्तेश्वर के पास), वुडलैंड वाटरफॉल (नैनीताल), मुक्तेश्वर फॉल।
टिहरी गढ़वाल जनपद के प्रमुख कुण्ड
वशिष्ट कुण्ड (विसोन पर्वत पर, वशिष्ट गुफा के पास)।
(टिहरी में अन्य प्रसिद्ध कुण्डों और प्रपातों का उल्लेख सीमित है, लेकिन छोटे स्थानीय जलस्रोत हो सकते हैं।)
अन्य जनपदों में उल्लेखनीय कुण्ड/प्रपात
कुछ अन्य जनपदों में भी स्थानीय महत्व के कुण्ड और प्रपात हो सकते हैं, हालांकि उनका व्यापक उल्लेख प्रमुख पर्यटन या धार्मिक स्थलों के रूप में कम मिलता है। उदाहरण के लिए, विभिन्न नदियों के किनारे छोटे-छोटे जलस्रोत और झरने पाए जाते हैं।
- अल्मोड़ा: यहाँ प्राकृतिक झरने और नौले (जल स्रोत) अधिक प्रसिद्ध हैं।
- पौड़ी: यहाँ भी कई छोटे झरने और जलधाराएँ हैं, जैसे चौमासू फॉल।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तराखंड के कुण्ड और प्रपात राज्य की प्राकृतिक संपदा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये न केवल जल के स्रोत हैं बल्कि पर्यटन, धार्मिक आस्था और स्थानीय पारिस्थितिकी के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनके संरक्षण और सतत विकास पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि इनकी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व को भविष्य की पीढ़ियों के लिए सहेज कर रखा जा सके।