उत्तराखंड, अपनी विविध जलवायु और स्थलाकृति के कारण, वन्यजीवों की एक समृद्ध विविधता का घर है। राज्य के घने जंगल, ऊँचे पहाड़ और अल्पाइन घास के मैदान विभिन्न प्रकार के स्तनधारियों, पक्षियों, सरीसृपों और कीड़ों के लिए आदर्श निवास स्थान प्रदान करते हैं।
उत्तराखंड के प्रमुख वन्य जीव
- उत्तराखंड में भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का केवल 1.63% हिस्सा है, लेकिन यहाँ भारत की लगभग 12% स्तनपायी प्रजातियाँ और 25% पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- राज्य में कई स्थानिक (Endemic) और संकटग्रस्त (Endangered) प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- वन्यजीव संरक्षण के लिए राज्य में राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव विहार और संरक्षण आरक्षित क्षेत्र स्थापित किए गए हैं।
- कस्तूरी मृग और हिम तेंदुआ राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्रों के महत्वपूर्ण जीव हैं।
उत्तराखंड के राज्य प्रतीक जीव
राज्य पशु: कस्तूरी मृग (Alpine Musk Deer)
वैज्ञानिक नाम: Moschus chrysogaster
आवास: राज्य के 3600 मीटर से 4400 मीटर की ऊँचाई वाले हिमालयी क्षेत्रों में, जैसे केदारनाथ, फूलों की घाटी, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी।
विशेषताएँ:
- इसे “हिमालयन मस्क डियर” भी कहा जाता है।
- नर मृग में कस्तूरी ग्रंथि पाई जाती है, जिसका उपयोग सुगंध और औषधि निर्माण में होता है। एक मृग से 3-3 वर्ष के अंतराल में 30 से 45 ग्राम तक कस्तूरी प्राप्त होती है।
- औसत आयु लगभग 20 वर्ष। गर्भधारण अवधि 6 माह।
- मुख्य भोजन: केदारपाती।
- सींग नहीं होते; आत्मरक्षा के लिए दो नुकीले दाँत होते हैं।
- IUCN स्थिति: संकटग्रस्त (Endangered)।
- संरक्षण हेतु प्रयास: केदारनाथ वन्यजीव विहार (1972) के अंतर्गत कस्तूरी मृग विहार, महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र (1977, बागेश्वर), कांचुला खर्क (1982, चमोली) में कस्तूरी मृग प्रजनन एवं संरक्षण केंद्र।
राज्य पक्षी: हिमालयी मोनाल (Himalayan Monal)
वैज्ञानिक नाम: Lophophorus impejanus
आवास: राज्य के 2500 मीटर से 5000 मीटर की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में। सर्वाधिक मात्रा में केदारघाटी में।
विशेषताएँ:
- इसे “हिमालय का मयूर” कहा जाता है। यह नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी भी है।
- नर मोनाल के सिर पर मोर की भांति रंगीन कलगी होती है।
- प्रिय भोजन: आलू की फसल।
- यह घोंसला नहीं बनाती, चट्टानों या पेड़ के छेदों में अंडे देती है।
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित।
- IUCN स्थिति: कम चिंताजनक (Least Concern)।
राज्य तितली: वूली वैंडेड पीकॉक (Woolly-banded Peacock / Common Peacock)
वैज्ञानिक नाम: Papilio polyctor
घोषणा: 7 नवंबर 2016 (पहले कॉमन पीकॉक, संशोधित नाम वूली वैंडेड पीकॉक)।
विशेषताएँ: यह सुंदर और आकर्षक तितली है जो हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है।
प्रमुख स्तनधारी जीव (Major Mammals)
बाघ (Tiger)
वैज्ञानिक नाम: Panthera tigris
आवास: कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (प्रमुख), राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, नंधौर वन्यजीव विहार।
विशेषताएँ: भारत का राष्ट्रीय पशु। कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का पहला टाइगर रिजर्व है।
IUCN स्थिति: संकटग्रस्त (Endangered)।
हिम तेंदुआ (Snow Leopard)
वैज्ञानिक नाम: Panthera uncia
आवास: उच्च हिमालयी क्षेत्र (3000-4500 मीटर), जैसे गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान, नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान, गोविन्द वन्यजीव विहार।
विशेषताएँ: अत्यंत दुर्लभ और शर्मीला जीव। राज्य में इसके संरक्षण के लिए हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र (उत्तरकाशी) प्रस्तावित है।
IUCN स्थिति: असुरक्षित (Vulnerable)।
एशियाई हाथी (Asiatic Elephant)
वैज्ञानिक नाम: Elephas maximus
आवास: कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, सोनानदी वन्यजीव विहार (तराई और भाबर क्षेत्र)।
विशेषताएँ: शिवालिक हाथी रिजर्व (2002) इनके संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
IUCN स्थिति: संकटग्रस्त (Endangered)।
भालू (Bear)
उत्तराखंड में भालू की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं:
- हिमालयी काला भालू (Asiatic Black Bear): Ursus thibetanus। असुरक्षित (Vulnerable)।
- भूरा भालू (Himalayan Brown Bear): Ursus arctos isabellinus। संकटग्रस्त (Endangered) (कुछ क्षेत्रों में)।
आवास: मध्य और उच्च हिमालयी वन क्षेत्र।
भरल (Blue Sheep / Bharal)
वैज्ञानिक नाम: Pseudois nayaur
आवास: उच्च हिमालयी घास के मैदान (बुग्याल) और चट्टानी इलाके।
विशेषताएँ: हिम तेंदुए का मुख्य शिकार।
IUCN स्थिति: कम चिंताजनक (Least Concern)।
हिमालयी ताहर (Himalayan Tahr)
वैज्ञानिक नाम: Hemitragus jemlahicus
आवास: चट्टानी ढलानों और अल्पाइन चरागाहों में।
IUCN स्थिति: निकट-संकट (Near Threatened)।
घुरड़ (Himalayan Goral)
वैज्ञानिक नाम: Naemorhedus goral
आवास: पर्वतीय वन और चट्टानी क्षेत्र।
IUCN स्थिति: निकट-संकट (Near Threatened)।
काकड़ (Barking Deer / Indian Muntjac)
वैज्ञानिक नाम: Muntiacus muntjak
आवास: घने जंगल और झाड़ीदार क्षेत्र।
IUCN स्थिति: कम चिंताजनक (Least Concern)।
सांभर (Sambar Deer)
वैज्ञानिक नाम: Rusa unicolor
आवास: तराई-भाबर और निचले पर्वतीय वन।
IUCN स्थिति: असुरक्षित (Vulnerable)।
बारहसिंगा (Swamp Deer)
वैज्ञानिक नाम: Rucervus duvaucelii
आवास: मुख्य रूप से झिलमिल झील संरक्षण आरक्षिति (हरिद्वार) के दलदली घास के मैदानों में।
IUCN स्थिति: असुरक्षित (Vulnerable)।
प्रमुख पक्षी (Major Birds)
उत्तराखंड पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, यहाँ पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- हिमालयी मोनाल (Himalayan Monal): राज्य पक्षी (विवरण ऊपर दिया गया है)।
- दाढ़ी वाले गिद्ध (Bearded Vulture / Lammergeier): उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाने वाला विशाल शिकारी पक्षी।
- विभिन्न प्रकार के तीतर (Pheasants): जैसे कलीज तीतर, कोकलास तीतर, चीड़ तीतर।
- अन्य महत्वपूर्ण पक्षी: हिमालयी बुलबुल, विभिन्न प्रकार के कठफोड़वा, फ्लाईकैचर, थ्रश, सनबर्ड, और प्रवासी पक्षी।
अन्य महत्वपूर्ण जीव
- मगरमच्छ (Crocodile) और घड़ियाल (Gharial): कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान की रामगंगा नदी और अन्य तराई नदियों में।
- किंग कोबरा (King Cobra): तराई और भाबर क्षेत्रों में।
- विभिन्न प्रकार की मछलियाँ: जैसे ट्राउट (डोडीताल में), महाशीर।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तराखंड की समृद्ध वन्यजीव संपदा राज्य की एक अनमोल धरोहर है। इसके संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है ताकि यह अद्भुत जैव विविधता आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित रह सके।