उत्तराखंड राज्य, अपनी जटिल भूवैज्ञानिक संरचना के कारण, विभिन्न प्रकार की खनिज संपदाओं से संपन्न है। हालांकि, अधिकांश खनिज भंडार अल्प मात्रा में और बिखरे हुए हैं, फिर भी ये राज्य की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उत्तराखंड में खनिज संपदा
- उत्तराखंड सरकार ने 4 अप्रैल 2001 को राज्य खनन नीति की घोषणा की।
- खनन नीति के तहत, वन क्षेत्र में खनन का कार्य उत्तरांचल वन विकास निगम और राजस्व क्षेत्रों में गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) एवं कुमाऊँ मंडल विकास निगम (KMVN) द्वारा किया जाता है।
- खनिज खनन से प्राप्त राजस्व हेतु खनिज निधि की स्थापना की गई है।
- राज्य में भूतत्त्व एवं खनिकर्म इकाई (उद्योग निदेशालय) का मुख्यालय भोपालपानी, देहरादून में है।
- भारत में भारतीय खनन ब्यूरो की स्थापना 1948 में हुई, जिसका मुख्यालय नागपुर में है।
प्रमुख अधात्विक खनिज (Major Non-Metallic Minerals)
चूना-पत्थर (Limestone)
यह एक अवसादी चट्टान है, जो मुख्यतः कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती है। इसका उपयोग सीमेंट उद्योग, लौह-इस्पात उद्योग और रासायनिक उद्योगों में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र:
- देहरादून: कालसी के निकट मंदारम एवं बारकोट क्षेत्र (उत्तम किस्म), मसूरी की पहाड़ियाँ (क्रीम रंग का सख्त चूना पत्थर)।
- टिहरी गढ़वाल: नागिनी, आगराखाल, नरेन्द्रनगर।
- अल्मोड़ा: दानापानी, चौखुटिया।
- अन्य क्षेत्र: पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर।
मैग्नेसाइट (Magnesite)
यह मैग्नीशियम कार्बोनेट (MgCO3) का खनिज है। इसका उपयोग तापसह ईंटों, सीमेंट, कागज और रासायनिक उद्योगों में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र:
- अल्मोड़ा: झिरौली क्षेत्र (सर्वाधिक भंडार), मटिला।
- पिथौरागढ़: चण्डाक क्षेत्र, देवलथल, नाचनी।
- बागेश्वर: पोखरी, खरी।
- चमोली: पोखरी, जोशीमठ, मंदोली।
डोलोमाइट (Dolomite)
यह कैल्शियम मैग्नीशियम कार्बोनेट [CaMg(CO3)2] का खनिज है। इसका उपयोग इस्पात, उर्वरक, सीमेंट और कांच उद्योगों में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र: देहरादून (विशेषकर मसूरी क्षेत्र), पिथौरागढ़ (विशेषकर गंगोलीहाट), टिहरी, नैनीताल (बजून-खुरपाताल)।
सोपस्टोन / टैल्क (Soapstone / Talc)
यह मैग्नीशियम सिलिकेट का नरम खनिज है। इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन, कागज, पेंट, रबर और सिरेमिक उद्योगों में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र: अल्मोड़ा (झिरौली, बसभीड़ा), बागेश्वर (कमलछीना, हरप), पिथौरागढ़ (चण्डाक, देवलथल, नौलापानी), चमोली।
रॉक फॉस्फेट (Rock Phosphate)
इसका उपयोग मुख्यतः उर्वरक उद्योग में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र: देहरादून (मसूरी के पास मालदेवता, किमोई, चामासारी क्षेत्र), टिहरी, नैनीताल।
खड़िया (Chalk)
यह कैल्शियम कार्बोनेट का एक नरम, सफेद, छिद्रपूर्ण रूप है।
- प्रमुख क्षेत्र: देहरादून (मसूरी के कियारकुली एवं महागाँव क्षेत्र), नैनीताल, टिहरी, पौड़ी।
जिप्सम (Gypsum)
इसका उपयोग सीमेंट, प्लास्टर ऑफ पेरिस और उर्वरक बनाने में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र: देहरादून (घपीला क्षेत्र, सहस्त्रधारा, कालसी), पौड़ी (खरारी घाटी), नैनीताल, टिहरी।
संगमरमर (Marble)
यह रूपांतरित चूना-पत्थर है, जिसका उपयोग भवन निर्माण और मूर्तिकला में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र: देहरादून (विशेषकर मसूरी क्षेत्र), टिहरी, नैनीताल।
एस्बेस्टस (Asbestos)
यह रेशेदार सिलिकेट खनिज है, जिसका उपयोग तापरोधी सामग्री बनाने में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र: पौड़ी (कांधेरा), अल्मोड़ा, चमोली, नैनीताल।
गंधक (Sulphur)
राज्य में गंधक के स्वतंत्र भंडार नहीं हैं, लेकिन यह कुछ जल स्रोतों में पाया जाता है।
- प्रमुख क्षेत्र: चमोली (रूपगंगा घाटी – 1957 में सर्वप्रथम प्रमाण), देहरादून (सहस्त्रधारा का गंधक युक्त जल)।
अन्य अधात्विक खनिज
- पटाल (Slate): अल्मोड़ा (उत्तम प्रकार), उत्तरकाशी, नैनीताल। उपयोग: छतों और फर्श बनाने में।
- बेराइट्स (Barytes): देहरादून। उपयोग: पेंट, कागज, रबर उद्योग में।
- सेलखड़ी (Steatite): देहरादून, टिहरी, पौड़ी।
प्रमुख धात्विक खनिज (Major Metallic Minerals)
लौह अयस्क (Iron Ore)
राज्य में हेमेटाइट और मैग्नेटाइट किस्म का लौह अयस्क पाया जाता है।
- प्रमुख क्षेत्र: नैनीताल (कालाढूंगी, रामगढ़), चमोली (लोहाब पट्टी), पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा।
ताँबा (Copper)
इसका उपयोग बिजली के तार, बर्तन और मिश्र धातु बनाने में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र:
- अल्मोड़ा: झिरौली गाँव के समीप फलमती पहाड़ी (प्रमुख), बागेश्वर के थैलीपाटन।
- चमोली: मोहनखाल, पोखरी, नागनाथ।
- पौड़ी: धनपुर-डोबरी क्षेत्र।
- अन्य क्षेत्र: टिहरी, पिथौरागढ़, देहरादून।
सीसा (Lead)
इसका उपयोग बैटरी, केबल और पेंट उद्योग में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र: पिथौरागढ़ (रालम, चण्डाक, भैंसवाल), अल्मोड़ा (राई, चैनापानी, विलौन), देहरादून (टोंस घाटी का कुमा-बुरैला क्षेत्र), उत्तरकाशी, टिहरी।
सोना (Gold)
राज्य में सोना अल्प मात्रा में नदी बालू में पाया जाता है।
- प्रमुख क्षेत्र: शारदा नदी, रामगंगा, अलकनंदा एवं पिंडर नदी की बालू में।
चाँदी (Silver)
राज्य में चाँदी के भंडार सीमित हैं।
- प्रमुख क्षेत्र: अल्मोड़ा (एकमात्र जनपद जहाँ उल्लेख मिलता है)।
टिन (Tin)
राज्य में टिन के भंडार भी सीमित हैं।
- प्रमुख क्षेत्र: चमोली (एकमात्र जनपद जहाँ उल्लेख मिलता है)।
यूरेनियम (Uranium)
इसके संकेत मिले हैं, लेकिन व्यावसायिक खनन नहीं होता।
- संभावित क्षेत्र: टिहरी गढ़वाल।
ईंधन खनिज (Fuel Minerals)
ग्रेफाइट (Graphite)
यह कार्बन का अपरूप है, जिसका उपयोग पेंसिल, स्नेहक और बैटरियों में होता है।
- प्रमुख क्षेत्र: अल्मोड़ा (प्रमुख), पौड़ी, नैनीताल।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तराखंड की खनिज संपदा, यद्यपि व्यापक रूप से वितरित और कुछ मामलों में सीमित है, फिर भी राज्य के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है। इन संसाधनों का सतत और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से विदोहन राज्य के विकास के लिए आवश्यक है।