उत्तराखंड सरकार अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। इन पहलों का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाना, गुणवत्ता में सुधार करना और समाज के कमजोर वर्गों को विशेष सहायता प्रदान करना है।
उत्तराखंड में स्वास्थ्य और कल्याण योजनाएँ
- राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का त्रिस्तरीय ढाँचा (प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक) मौजूद है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत कई केंद्रीय और राज्य-विशिष्ट योजनाएँ संचालित हैं।
- मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, गैर-संचारी रोग नियंत्रण और आयुर्वेद और योग को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा राज्य में महत्वपूर्ण जीवन रक्षक सेवा है।
प्रमुख स्वास्थ्य योजनाएँ
1. अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (2018)
- विवरण: यह केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) का राज्य-विस्तारित रूप है।
- उद्देश्य: राज्य के सभी पात्र परिवारों को प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करना।
- लाभार्थी: राज्य के लगभग 23 लाख परिवार (सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना और अन्य मानदंडों के आधार पर)।
- सेवाएँ: सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में कैशलेस उपचार की सुविधा।
2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission – NHM)
- विवरण: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसके दो उप-मिशन हैं: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NUHM)।
- उद्देश्य: सभी के लिए सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करना।
- प्रमुख घटक:
- मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ (जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम)।
- टीकाकरण कार्यक्रम (मिशन इंद्रधनुष)।
- परिवार नियोजन सेवाएँ।
- संचारी और गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण।
- आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाएँ।
3. 108 आपातकालीन चिकित्सा सेवा (108 Emergency Medical Service)
- विवरण: यह एक टोल-फ्री आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा है, जो चिकित्सा आपात स्थितियों में त्वरित सहायता प्रदान करती है।
- प्रारंभ: 15 मई 2008 को पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर।
- सेवाएँ: एम्बुलेंस सेवा, प्राथमिक उपचार और अस्पताल तक परिवहन।
4. खुशियों की सवारी (डोली सेवा)
- विवरण: यह गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य केंद्रों तक और घर वापस पहुँचाने के लिए निःशुल्क परिवहन सेवा है।
- उद्देश्य: संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना।
5. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (MSBY) – (अब अटल आयुष्मान योजना में समाहित)
- विवरण: यह राज्य सरकार की एक पूर्व स्वास्थ्य बीमा योजना थी, जिसे बाद में अटल आयुष्मान योजना के साथ एकीकृत कर दिया गया।
6. वैष्णवी सुरक्षा योजना (2011-12)
- उद्देश्य: नवजात बालिकाओं के बेहतर भविष्य और स्वास्थ्य के लिए वित्तीय सहायता।
- प्रावधान: बालिका के जन्म पर एक निश्चित राशि का फिक्स्ड डिपॉजिट, जो बालिका के 18 वर्ष की होने पर मिलता है।
कल्याणकारी योजनाएँ (Welfare Schemes)
राज्य सरकार विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए भी अनेक योजनाएँ संचालित कर रही है, जिनमें स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण घटक होता है।
1. वृद्धावस्था पेंशन योजना
- उद्देश्य: वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- प्रावधान: पात्र वरिष्ठ नागरिकों को मासिक पेंशन।
2. विधवा पेंशन योजना
- उद्देश्य: निराश्रित विधवा महिलाओं को आर्थिक संबल प्रदान करना।
3. दिव्यांग पेंशन योजना
- उद्देश्य: दिव्यांगजनों को आर्थिक सहायता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।
4. नंदा गौरा योजना (पूर्व में गौरा देवी कन्याधन योजना और नंदा देवी योजना का एकीकरण)
- उद्देश्य: बालिकाओं के जन्म, शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना, लिंगानुपात में सुधार।
- प्रावधान: बालिका के जन्म से लेकर स्नातक तक विभिन्न चरणों में वित्तीय सहायता।
5. मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना (2021)
- उद्देश्य: कोविड-19 महामारी में अपने माता-पिता या अभिभावक को खोने वाले अनाथ बच्चों को वित्तीय सहायता, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करना।
- प्रावधान: मासिक भत्ता, शिक्षा और स्वास्थ्य बीमा कवर।
6. मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना (2019)
- उद्देश्य: आंगनवाड़ी केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में दो दिन निःशुल्क दूध उपलब्ध कराना, कुपोषण को दूर करना।
7. आपातकालीन स्थिति में चिकित्सा सहायता
- गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष और अन्य योजनाओं के माध्यम से आर्थिक सहायता।
आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी) को बढ़ावा
- उत्तराखंड सरकार पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों, विशेषकर आयुर्वेद और योग को बढ़ावा दे रही है।
- राज्य में कई आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सालय तथा औषधालय कार्यरत हैं।
- योग को स्वास्थ्य और कल्याण के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऋषिकेश को “विश्व की योग राजधानी” के रूप में जाना जाता है।
- उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्थापना।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तराखंड में स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार द्वारा बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल बीमारियों का उपचार करना है, बल्कि निवारक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर और वंचित समुदायों, तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना है। इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन और जनभागीदारी से राज्य के स्वास्थ्य सूचकांकों में निरंतर सुधार की उम्मीद है।