Gyan Pragya
No Result
View All Result
BPSC: 71st Combined Pre Exam - Last Date: 30-06-2025 | SSC: Combined Graduate Level (CGL) - 14582 Posts - Last Date: 04-07-2025
  • Current Affairs
  • Quiz
  • History
  • Geography
  • Polity
  • Hindi
  • Economics
  • General Science
  • Environment
  • Static Gk
  • Uttarakhand
Gyan Pragya
No Result
View All Result

स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda)

स्वामी विवेकानंद (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

स्वामी विवेकानंद (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

स्वामी विवेकानंद, जिनका मूल नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में जन्मे एक महान भारतीय संत, दार्शनिक और समाज सुधारक थे। वे श्री रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे और उन्होंने भारतीय आध्यात्मिकता को पश्चिमी दुनिया में फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें भारत में नव-हिंदू धर्म के प्रमुख प्रचारक के रूप में जाना जाता है।

1. पृष्ठभूमि और प्रारंभिक जीवन (Background and Early Life)

स्वामी विवेकानंद का जन्म एक संपन्न परिवार में हुआ था और उन्होंने बचपन से ही गहन बौद्धिक जिज्ञासा और आध्यात्मिक झुकाव दिखाया।

  • जन्म और परिवार: नरेंद्रनाथ दत्त का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता, विश्वनाथ दत्त, एक प्रसिद्ध वकील थे, और उनकी माता, भुवनेश्वरी देवी, एक धर्मपरायण महिला थीं।
  • शिक्षा: उन्होंने कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की। वे पश्चिमी दर्शन, इतिहास और विज्ञान में गहन रुचि रखते थे।
  • रामकृष्ण परमहंस से भेंट: अपनी आध्यात्मिक खोज के दौरान, वे श्री रामकृष्ण परमहंस से मिले, जो दक्षिणेश्वर काली मंदिर के पुजारी थे। रामकृष्ण ने नरेंद्रनाथ को ईश्वर-अनुभूति का मार्ग दिखाया और उन्हें अपना प्रमुख शिष्य बनाया।
  • संन्यासी जीवन: रामकृष्ण के निधन के बाद, नरेंद्रनाथ ने संन्यास धारण किया और स्वामी विवेकानंद का नाम अपनाया। उन्होंने पूरे भारत की यात्रा की, विभिन्न सामाजिक और धार्मिक समस्याओं का अनुभव किया।

2. प्रमुख सिद्धांत और दर्शन (Key Principles and Philosophy)

स्वामी विवेकानंद का दर्शन वेदांत, मानवतावाद और राष्ट्रवाद का एक अनूठा मिश्रण था।

  • व्यावहारिक वेदांत: विवेकानंद ने वेदांत दर्शन को आम लोगों के लिए सुलभ बनाया। उनका मानना था कि वेदांत के सिद्धांतों को दैनिक जीवन में लागू किया जा सकता है।
  • मानवता की सेवा: उन्होंने ‘दरिद्र नारायण’ (गरीबों में ईश्वर) की सेवा पर जोर दिया। उनका मानना था कि मानवता की सेवा ही ईश्वर की सच्ची पूजा है।
  • आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान: उन्होंने युवाओं को आत्म-विश्वास, आत्म-निर्भरता और आत्म-सम्मान विकसित करने के लिए प्रेरित किया। उनका प्रसिद्ध नारा था, “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”
  • धार्मिक सहिष्णुता और सार्वभौमिकता: उन्होंने सभी धर्मों की एकता और सार्वभौमिक भाईचारे का प्रचार किया। उनका मानना था कि सभी धर्म एक ही सत्य की ओर ले जाते हैं।
  • शिक्षा का महत्व: उन्होंने शिक्षा को मनुष्य के भीतर निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति के रूप में देखा। उनका मानना था कि शिक्षा चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व विकास पर केंद्रित होनी चाहिए।
  • शक्ति और निर्भयता: उन्होंने भारतीयों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनने, भय को त्यागने और अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने का आह्वान किया।

3. रामकृष्ण मिशन की स्थापना (Establishment of Ramakrishna Mission)

स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु के नाम पर एक संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य आध्यात्मिक विकास और सामाजिक सेवा था।

  • स्थापना: 1 मई, 1897 को, स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
  • उद्देश्य: मिशन का मुख्य उद्देश्य श्री रामकृष्ण परमहंस के जीवन और शिक्षाओं का प्रचार करना और विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक और परोपकारी गतिविधियों के माध्यम से मानवता की सेवा करना था।
  • गतिविधियाँ: रामकृष्ण मिशन ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आपदा राहत और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किए। इसने कई स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और अनाथालय स्थापित किए।
  • रामकृष्ण मठ: मिशन के साथ-साथ, उन्होंने रामकृष्ण मठ की भी स्थापना की, जो एक monastic संगठन है और आध्यात्मिक प्रशिक्षण पर केंद्रित है।

4. शिकागो विश्व धर्म संसद (Chicago Parliament of World Religions)

स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए गए भाषण ने उन्हें विश्व स्तर पर पहचान दिलाई और भारतीय आध्यात्मिकता को पश्चिमी दुनिया से परिचित कराया।

  • यात्रा: स्वामी विवेकानंद 1893 में शिकागो, अमेरिका गए, जहाँ उन्हें विश्व धर्म संसद में भाग लेने का अवसर मिला।
  • ऐतिहासिक भाषण: 11 सितंबर, 1893 को, उन्होंने विश्व धर्म संसद में अपना प्रसिद्ध भाषण दिया, जिसकी शुरुआत “अमेरिका के मेरे भाइयों और बहनों!” कहकर की। इस संबोधन ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
  • संदेश: उनके भाषण में धार्मिक सहिष्णुता, सार्वभौमिक स्वीकृति और सभी धर्मों की एकता का संदेश था। उन्होंने हिंदू धर्म के वेदांत दर्शन को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
  • विश्वव्यापी पहचान: इस भाषण ने उन्हें विश्व स्तर पर एक प्रमुख आध्यात्मिक नेता के रूप में स्थापित किया और भारतीय आध्यात्मिकता और दर्शन को पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय बनाया।
  • पश्चिमी देशों में प्रचार: शिकागो के बाद, उन्होंने अमेरिका और यूरोप के विभिन्न हिस्सों में वेदांत और योग का प्रचार किया, कई वेदांत सोसायटियों की स्थापना की।

5. प्रभाव और महत्व (Impact and Significance)

स्वामी विवेकानंद का भारतीय समाज और विश्व पर गहरा और स्थायी प्रभाव पड़ा।

  • भारतीय राष्ट्रवाद के जनक: उन्हें ‘आधुनिक भारतीय राष्ट्रवाद के आध्यात्मिक जनक’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारतीयों में आत्म-गौरव और राष्ट्रीय चेतना की भावना जगाई।
  • युवाओं के लिए प्रेरणा: उनके विचार और आदर्श आज भी भारतीय युवाओं को प्रेरित करते हैं। उनका जन्मदिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • हिंदू धर्म का पुनरुत्थान: उन्होंने हिंदू धर्म को एक गतिशील और सार्वभौमिक धर्म के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे इसका पुनरुत्थान हुआ।
  • सामाजिक सुधार: उन्होंने जाति व्यवस्था, अस्पृश्यता और धार्मिक कट्टरता का विरोध किया और सामाजिक समानता पर जोर दिया।
  • शिक्षा और सेवा: रामकृष्ण मिशन के माध्यम से उन्होंने शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • पूर्व और पश्चिम का मिलन: उन्होंने पूर्वी आध्यात्मिकता और पश्चिमी विज्ञान के बीच एक सेतु का काम किया।

6. निष्कर्ष (Conclusion)

स्वामी विवेकानंद एक असाधारण व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपने अल्प जीवनकाल में भारतीय समाज और विश्व पर एक अमिट छाप छोड़ी। अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, उन्होंने वेदांत दर्शन को एक व्यावहारिक रूप दिया और मानवता की सेवा को ईश्वर की सच्ची पूजा के रूप में प्रतिपादित किया। शिकागो में उनके ऐतिहासिक भाषण ने भारतीय आध्यात्मिकता को वैश्विक मंच पर स्थापित किया और उन्हें ‘विश्व गुरु’ के रूप में पहचान दिलाई। उन्होंने भारतीयों में आत्म-विश्वास और राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाई, जिससे भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा मिली। स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और वे युवाओं को सशक्त बनाने, सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने और एक मजबूत, नैतिक राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

SendShare
Previous Post

प्रार्थना समाज (Prarthana Samaj)

Next Post

दयानंद सरस्वती (Swami Dayanand Saraswati)

Related Posts

Hindi

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग

May 24, 2025

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग - लोकोक्तियाँ (या कहावतें) ऐसे पूर्ण वाक्य होते हैं जो किसी समाज के अनुभव, ज्ञान...

Hindi

मुहावरे और उनके अर्थ

May 24, 2025

मुहावरे और उनके अर्थ मुहावरे ऐसे वाक्यांश होते हैं जो अपने शाब्दिक अर्थ से हटकर कोई विशेष या लाक्षणिक अर्थ...

Hindi

Hindi to English and English to Hindi translation

May 24, 2025

हिंदी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद के सिद्धांत - परिष्कृत नोट्स हिंदी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिंदी...

Next Post

दयानंद सरस्वती (Swami Dayanand Saraswati)

राजा राममोहन राय (Raja Rammohan Roy)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (Formation of Indian National Congress)

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhnd

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025
Polity

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025
Quiz

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025
uncategorized

Protected: test

May 25, 2025
Placeholder Square Image

Visit Google.com for more information.

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025

Protected: test

May 25, 2025

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग

May 24, 2025

मुहावरे और उनके अर्थ

May 24, 2025
  • Contact us
  • Disclaimer
  • Register
  • Login
  • Privacy Policy
: whatsapp us on +918057391081 E-mail: setupragya@gmail.com
No Result
View All Result
  • Home
  • Hindi
  • History
  • Geography
  • General Science
  • Uttarakhand
  • Economics
  • Environment
  • Static Gk
  • Quiz
  • Polity
  • Computer
  • Login
  • Contact us
  • Privacy Policy

© 2024 GyanPragya - ArchnaChaudhary.