परिचय: अर्थव्यवस्था के प्रकार
विश्व के विभिन्न देशों में आर्थिक गतिविधियों को संचालित करने और संसाधनों का आवंटन करने के लिए अलग-अलग प्रणालियाँ अपनाई जाती हैं। इन्हीं प्रणालियों के आधार पर अर्थव्यवस्थाओं को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है। यह वर्गीकरण मुख्य रूप से उत्पादन के साधनों पर नियंत्रण, विकास की अवस्था, और वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ संबंधों जैसे कारकों पर आधारित होता है।
नियंत्रण के आधार पर वर्गीकरण
यह वर्गीकरण इस बात पर आधारित है कि उत्पादन और वितरण के साधनों पर किसका नियंत्रण है – सरकार का या निजी व्यक्तियों का।
1. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था (Capitalist Economy)
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था, जिसे बाजार अर्थव्यवस्था भी कहते हैं, में उत्पादन के साधनों पर निजी स्वामित्व होता है और आर्थिक गतिविधियाँ मुख्य रूप से लाभ कमाने के उद्देश्य से की जाती हैं। इसमें सरकार का हस्तक्षेप न्यूनतम होता है।
- विशेषताएं: निजी संपत्ति का अधिकार, लाभ का उद्देश्य, प्रतिस्पर्धा, और मांग-आपूर्ति द्वारा मूल्य निर्धारण।
- उदाहरण: संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जापान, जर्मनी।
2. समाजवादी अर्थव्यवस्था (Socialist Economy)
समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन और वितरण के साधनों पर समाज (या सरकार) का सामूहिक स्वामित्व होता है। इसका मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना नहीं, बल्कि सामाजिक कल्याण सुनिश्चित करना होता है।
- विशेषताएं: सामूहिक स्वामित्व, केंद्रीय नियोजन (सरकार द्वारा निर्णय), आर्थिक समानता पर जोर।
- उदाहरण: पूर्व सोवियत संघ (USSR), चीन (सैद्धांतिक रूप से, हालांकि अब बाजार समाजवाद है), क्यूबा।
3. मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy)
यह पूंजीवादी और समाजवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण है। इसमें निजी और सार्वजनिक (सरकारी) क्षेत्र दोनों का सह-अस्तित्व होता है। सरकार आवश्यक क्षेत्रों में हस्तक्षेप करती है जबकि बाकी क्षेत्रों को बाजार की शक्तियों के लिए छोड़ दिया जाता है।
- विशेषताएं: सार्वजनिक और निजी क्षेत्र का सह-अस्तित्व, आर्थिक नियोजन, और सामाजिक कल्याण के साथ व्यक्तिगत स्वतंत्रता।
- उदाहरण: भारत, फ्रांस, स्वीडन, नॉर्वे।
विकास की अवस्था के आधार पर वर्गीकरण
1. विकसित, विकासशील और अविकसित अर्थव्यवस्थाएं
- विकसित अर्थव्यवस्था (Developed Economy): ये वे देश हैं जहाँ औद्योगीकरण का स्तर बहुत ऊँचा होता है, प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) अधिक होती है, और मानव विकास सूचकांक (HDI) उच्च होता है। उदाहरण: अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया।
- विकासशील अर्थव्यवस्था (Developing Economy): ये वे देश हैं जो औद्योगीकरण और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। यहाँ प्रति व्यक्ति आय कम होती है और जीवन स्तर में सुधार हो रहा होता है। भारत एक विकासशील अर्थव्यवस्था है। उदाहरण: ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, चीन।
- अविकसित अर्थव्यवस्था (Underdeveloped Economy): इन देशों में गरीबी, बेरोजगारी, और निम्न प्रति व्यक्ति आय की समस्या गंभीर होती है। यहाँ औद्योगिक विकास न के बराबर होता है। उदाहरण: कई अफ्रीकी देश जैसे नाइजर, चाड।
विश्व बैंक का आय-आधारित वर्गीकरण
विश्व बैंक देशों को उनकी प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI per capita) के आधार पर चार समूहों में वर्गीकृत करता है। यह वर्गीकरण हर साल 1 जुलाई को अपडेट किया जाता है।
- उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाएं (High-income economies)
- उच्च-मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाएं (Upper-middle-income economies)
- निम्न-मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाएं (Lower-middle-income economies)
- निम्न आय वाली अर्थव्यवस्थाएं (Low-income economies)
नोट: भारत वर्तमान में निम्न-मध्यम आय वर्ग में आता है।
अन्य महत्वपूर्ण वर्गीकरण
- खुली और बंद अर्थव्यवस्था (Open and Closed Economy): खुली अर्थव्यवस्था अन्य देशों के साथ वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी का स्वतंत्र रूप से व्यापार करती है (जैसे आज के अधिकांश देश)। बंद अर्थव्यवस्था का शेष विश्व से कोई आर्थिक संबंध नहीं होता (जैसे उत्तर कोरिया)।
- नियोजित और गैर-नियोजित अर्थव्यवस्था (Planned and Non-Planned Economy): नियोजित अर्थव्यवस्था में सरकार एक निश्चित अवधि के लिए लक्ष्य निर्धारित करती है (जैसे भारत की पंचवर्षीय योजनाएं)। गैर-नियोजित अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बाजार की शक्तियों पर निर्भर करती है।
- आत्मनिर्भर और परस्पर निर्भर अर्थव्यवस्था (Self-Reliant and Interdependent Economy): आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था अपनी जरूरतों को स्वयं पूरा करने पर जोर देती है, जबकि परस्पर निर्भर अर्थव्यवस्था वैश्विक व्यापार और सहयोग पर निर्भर करती है।
अभ्यास प्रश्न (MCQs)
कारण R: भारत में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों का सह-अस्तित्व है।