परिचय: भारतीय अर्थव्यवस्था के सकारात्मक पहलू
चुनौतियों के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था में कई अंतर्निहित ताकतें हैं जो इसे वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती हैं। ये सकारात्मक पहलू न केवल देश के विकास को गति देते हैं बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार करते हैं।
1. तीव्र आर्थिक विकास और विशाल अर्थव्यवस्था
भारत को वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- उच्च विकास दर: हाल के वर्षों में भारत की जीडीपी विकास दर औसतन 7% से अधिक रही है, जो अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी अधिक है।
- वैश्विक रैंकिंग: नॉमिनल जीडीपी के मामले में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वहीं, क्रय शक्ति समता (Purchasing Power Parity – PPP) के आधार पर यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
2. विशाल घरेलू बाजार (Large Domestic Market)
1.4 अरब से अधिक की आबादी के साथ, भारत एक विशाल और बढ़ता हुआ उपभोक्ता बाजार प्रदान करता है।
- मांग का स्रोत: यह विशाल घरेलू मांग अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंदी के झटकों से बचाने में मदद करती है।
- निवेश का आकर्षण: बड़ा बाजार भारत को विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाता है।
3. जनसांख्यिकीय लाभांश (Demographic Dividend)
भारत की युवा आबादी इसकी सबसे बड़ी संपत्तियों में से एक है।
- युवा कार्यबल: भारत की लगभग 65% जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। यह एक विशाल और ऊर्जावान कार्यबल प्रदान करता है।
- आर्थिक विकास में सहायक: एक बड़ी कार्यशील आबादी बचत, निवेश और उत्पादकता को बढ़ाती है, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलती है।
4. मजबूत और विविध सेवा क्षेत्र (Strong Service Sector)
भारत का सेवा क्षेत्र इसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
- GDP में प्रमुख योगदान: सेवा क्षेत्र का भारत की जीडीपी में 50% से अधिक का योगदान है।
- वैश्विक शक्ति: सूचना प्रौद्योगिकी (IT), बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO), और सॉफ्टवेयर सेवाओं में भारत एक वैश्विक शक्ति है, जो बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा अर्जित करता है।
5. बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार (Improvement in Infrastructure)
सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास पर भारी निवेश किया है, जिससे कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स में सुधार हुआ है।
- राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP): इसके तहत 2020-2025 के दौरान विभिन्न परियोजनाओं में ₹111 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
- पीएम गति शक्ति योजना: यह योजना विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करके लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और परियोजनाओं को गति देने पर केंद्रित है।
- सड़क और रेल नेटवर्क: भारतमाला परियोजना के तहत राजमार्गों का तेजी से निर्माण हो रहा है, और रेलवे नेटवर्क का आधुनिकीकरण और विद्युतीकरण किया जा रहा है।
6. स्थिर लोकतंत्र और बढ़ता विदेशी निवेश
- राजनीतिक स्थिरता: भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जो निवेशकों को एक स्थिर और पूर्वानुमेय नीतिगत वातावरण प्रदान करता है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI): नीतिगत सुधारों और एक बड़े बाजार के कारण भारत लगातार महत्वपूर्ण FDI आकर्षित कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत में लगभग $81.04 बिलियन का FDI आया।
- बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार: भारत के पास एक बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है, जो बाहरी झटकों से निपटने के लिए एक सुरक्षा कवच प्रदान करता है।