कोर बैंकिंग (Core Banking)
परिभाषा: कोर बैंकिंग एक बैंकिंग सेवा प्रणाली है जो बैंकों के एक समूह द्वारा प्रदान की जाती है जो अपने ग्राहकों को अपनी किसी भी सदस्य शाखा से लेन-देन करने की अनुमति देती है। “CORE” का पूर्ण रूप “सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन रियल-टाइम एक्सचेंज” (Centralized Online Real-Time Exchange) है। इस प्रणाली के तहत, बैंक की सभी शाखाएं एक केंद्रीय सर्वर से जुड़ी होती हैं, जिससे ग्राहकों का डेटा केंद्रीकृत हो जाता है।
कोर बैंकिंग का परिचय: भारत में कोर बैंकिंग की शुरुआत 1990 के दशक में हुई। इससे पहले, ग्राहक केवल अपनी ‘होम ब्रांच’ तक ही सीमित थे। कोर बैंकिंग ने ‘कहीं भी, कभी भी’ बैंकिंग (Anywhere, Anytime Banking) की अवधारणा को साकार किया।
कोर बैंकिंग के प्रमुख कार्य
- केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन: सभी ग्राहकों का डेटा और लेन-देन एक केंद्रीय सर्वर पर संग्रहीत होता है, जिससे जानकारी तक पहुंच आसान हो जाती है।
- कहीं भी बैंकिंग (Anywhere Banking): ग्राहक देश भर में बैंक की किसी भी शाखा से नकद जमा करने, निकालने, पासबुक अपडेट करने जैसी सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।
- वास्तविक समय में लेन-देन (Real-Time Transactions): लेन-देन तुरंत अपडेट हो जाते हैं, चाहे वे किसी भी शाखा या चैनल से किए गए हों।
- बहु-चैनल सेवा (Multi-Channel Service): यह एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और यूपीआई जैसे विभिन्न चैनलों के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं को सक्षम बनाता है।
कोर बैंकिंग के लाभ
ग्राहकों के लिए लाभ
- भौगोलिक बाधाओं को समाप्त करता है; ग्राहक किसी भी शाखा से बैंकिंग कर सकते हैं।
- एटीएम, इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से 24×7 सेवाओं तक पहुंच।
- तेज और कुशल सेवा।
बैंकों के लिए लाभ
- परिचालन दक्षता में वृद्धि और लागत में कमी।
- बेहतर ग्राहक संबंध प्रबंधन (CRM)।
- प्रभावी जोखिम प्रबंधन और धोखाधड़ी का पता लगाना आसान।
- नई डिजिटल सेवाओं को तेजी से लॉन्च करने की क्षमता।
कोर बैंकिंग की चुनौतियाँ
- उच्च लागत: कोर बैंकिंग समाधान (CBS) सॉफ्टवेयर को स्थापित करने और बनाए रखने की लागत बहुत अधिक होती है।
- साइबर सुरक्षा: केंद्रीकृत डेटा प्रणाली साइबर हमलों और डेटा उल्लंघनों के प्रति संवेदनशील होती है।
- तकनीकी निर्भरता: नेटवर्क विफलता या सर्वर समस्याओं से बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो सकती हैं।
- कर्मचारियों का प्रशिक्षण: कर्मचारियों को नई तकनीक और प्रक्रियाओं पर लगातार प्रशिक्षित करने की आवश्यकता होती है।
कोर बैंकिंग का भविष्य
कोर बैंकिंग का भविष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), क्लाउड कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन जैसी नई तकनीकों के एकीकरण पर निर्भर करता है। ये प्रौद्योगिकियां बैंकिंग को और अधिक व्यक्तिगत, सुरक्षित और कुशल बनाएंगी।