जलवायु परिवर्तन पृथ्वी की जलवायु में दीर्घकालिक परिवर्तन को संदर्भित करता है, जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं और मानवजनित गतिविधियों के कारण होता है। यह पर्यावरण और मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है।
1. कारण (Causes)
प्राकृतिक कारण (Natural Causes)
- सौर विकिरण में परिवर्तन (Changes in Solar Radiation):
- सूर्य की ऊर्जा में परिवर्तन से पृथ्वी का तापमान प्रभावित होता है।
- तथ्य: पिछले 11 साल के सौर चक्र के दौरान विकिरण में परिवर्तन देखा गया।
- ज्वालामुखी विस्फोट (Volcanic Eruptions):
- ज्वालामुखीय राख और गैसें वातावरण को ठंडा कर सकती हैं।
- उदाहरण: 1991 में माउंट पिनातुबो विस्फोट ने वैश्विक तापमान में 0.5°C की कमी की।
- महासागरीय धाराएँ (Ocean Currents):
- महासागरों की धाराएँ जलवायु को प्रभावित करती हैं।
- उदाहरण: एल नीनो और ला नीना।
मानवजनित कारण (Anthropogenic Causes)
- ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन (Greenhouse Gas Emissions):
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), मीथेन (CH₄), और नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) उत्सर्जन।
- तथ्य: 2021 में CO₂ का वैश्विक उत्सर्जन 36.3 बिलियन टन था।
- वनों की कटाई (Deforestation):
- वनों का नष्ट होना, जो CO₂ अवशोषण को कम करता है।
- तथ्य: हर साल लगभग 1 करोड़ हेक्टेयर जंगल काटे जाते हैं।
- औद्योगिकीकरण और शहरीकरण (Industrialization and Urbanization):
- कोयला और तेल जैसे जीवाश्म ईंधनों का उपयोग।
- शहरी गर्मी द्वीप प्रभाव (Urban Heat Island Effect)।
- कृषि गतिविधियाँ (Agricultural Activities):
- चावल की खेती और पशुधन से मीथेन उत्सर्जन।
2. प्रभाव (Impacts)
ग्लेशियर पिघलना (Melting Glaciers)
- तथ्य:
- हिमालयी ग्लेशियर 1951-2010 के बीच 15-20% सिकुड़ गए।
- आर्कटिक समुद्री बर्फ हर दशक में 12.6% कम हो रही है।
- परिणाम (Consequences):
- नदियों में जल स्तर का उतार-चढ़ाव।
- जल संसाधनों पर दबाव।
समुद्र स्तर वृद्धि (Rising Sea Levels)
- तथ्य:
- 1901 से 2018 तक समुद्र स्तर 20 सेंटीमीटर बढ़ा।
- 2100 तक 1 मीटर तक वृद्धि की संभावना।
- परिणाम (Consequences):
- तटीय क्षेत्रों में बाढ़।
- प्रभावित क्षेत्र: सुंदरबन (भारत), मालदीव।
चरम मौसम (Extreme Weather)
- तथ्य:
- 2022 में भारत में 400 चरम मौसम घटनाएँ दर्ज की गईं।
- वैश्विक गर्मी के कारण सूखा और मूसलधार बारिश बढ़ रही है।
- परिणाम (Consequences):
- सूखा: कृषि उत्पादन में गिरावट।
- चक्रवात और बवंडर: अधिक विनाशकारी।
- उदाहरण: 2021 में तूफान “यास” ने भारत के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में व्यापक क्षति की।
जलवायु परिवर्तन का व्यापक प्रभाव
जलवायु परिवर्तन पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र, जलवायु पैटर्न, और मानव जीवन को गहराई से प्रभावित करता है। इसके प्रभावों को कम करने के लिए वैश्विक सहयोग, नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी की आवश्यकता है। सतत विकास और पर्यावरणीय जागरूकता के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के खतरों को नियंत्रित किया जा सकता है।