परिचय (Introduction)
मानव-वन्यजीव संघर्ष ऐसी स्थिति को संदर्भित करता है, जब मानव गतिविधियाँ और वन्यजीवों के स्वाभाविक व्यवहार एक-दूसरे के लिए खतरनाक बन जाते हैं। यह संघर्ष वन्यजीवों के निवास स्थान पर अतिक्रमण और मानव जीवन तथा संपत्ति पर वन्यजीवों के हमलों के कारण उत्पन्न होता है।
- तथ्य: भारत में हर साल औसतन 500 मानव हत्याएँ और 100 से अधिक बाघों की मृत्यु मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण होती हैं।
मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण (Causes of Human-Wildlife Conflict)
1. निवास स्थान का ह्रास (Habitat Loss)
- कारण: वनों की कटाई, शहरीकरण, और औद्योगिकीकरण।
- प्रभाव: वन्यजीव भोजन और आवास के लिए मानव बस्तियों की ओर रुख करते हैं।
- उदाहरण: उत्तराखंड और असम में हाथियों द्वारा फसल नष्ट करना।
2. वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास में अतिक्रमण (Encroachment in Wildlife Habitats)
- खेती, सड़क निर्माण, और खनन जैसी गतिविधियाँ वन्यजीवों के आवास को बाधित करती हैं।
- तथ्य: भारत में 2020 तक 14% से अधिक वन क्षेत्र में कटौती हुई।
3. फसल और पशु पालन (Crop and Livestock Losses)
- जंगली जानवर, जैसे हाथी, नीलगाय, और बंदर, फसलों को नष्ट करते हैं।
- बाघ, तेंदुए, और जंगली कुत्ते मवेशियों पर हमला करते हैं।
4. जल स्रोतों की कमी (Scarcity of Water)
- सूखा और जलवायु परिवर्तन के कारण वन्यजीव जल की तलाश में मानव बस्तियों के करीब आ जाते हैं।
5. वन्यजीव गलियारों का अवरोध (Obstruction of Wildlife Corridors)
- मानव बस्तियाँ और सड़कें वन्यजीव गलियारों को बाधित करती हैं, जिससे उनकी आवाजाही में समस्या होती है।
- उदाहरण: उत्तराखंड में राजाजी और कार्बेट टाइगर रिज़र्व के बीच हाथी गलियारे का अवरोध।
मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रभाव (Impacts of Human-Wildlife Conflict)
1. मानव जीवन और संपत्ति का नुकसान
- वन्यजीवों के हमलों से जान-माल का नुकसान।
- तथ्य: 2015-2020 के बीच भारत में 2,361 लोगों की मृत्यु हाथियों के हमलों में हुई।
2. वन्यजीवों की मृत्यु
- बदले की भावना से मानव वन्यजीवों को मारते हैं।
- उदाहरण: केरल में हाथी की हत्या (2020) जब वह अनानास में छिपे पटाखों से घायल हुआ।
3. जैव विविधता पर नकारात्मक प्रभाव
- वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास में गिरावट।
- वन्यजीवों के प्रवास और प्रजनन पर प्रभाव।
मानव-वन्यजीव संघर्ष के रोकथाम उपाय (Mitigation Measures)
1. जैविक गलियारों का संरक्षण (Conservation of Wildlife Corridors)
- वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए गलियारों का निर्माण।
- उदाहरण: मध्य प्रदेश में पन्ना टाइगर रिज़र्व में गलियारे।
2. फसल और संपत्ति की सुरक्षा (Crop and Property Protection)
- सौर ऊर्जा आधारित बाड़ों का उपयोग।
- मधुमक्खी बाड़ (Beehive Fences): हाथियों को दूर रखने का प्राकृतिक उपाय।
- मुआवजा योजनाएँ:
- उदाहरण: मध्य प्रदेश में “मानव-वन्यजीव संघर्ष राहत योजना”।
3. सामुदायिक सहभागिता (Community Participation)
- ग्रामीण और स्थानीय समुदायों को वन्यजीव संरक्षण के लिए जागरूक करना।
- पर्यावरण-अनुकूल आजीविका विकल्प।
4. प्रौद्योगिकी का उपयोग (Use of Technology)
- ड्रोन और कैमरा ट्रैप का उपयोग।
- मोबाइल अलर्ट सिस्टम और GPS-ट्रैकिंग।
5. कानूनी और नीतिगत पहल (Legal and Policy Initiatives)
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: वन्यजीव संरक्षण के लिए कड़े नियम।
- CAMPA (Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority)।
6. पुनर्वास (Rehabilitation)
- वन्यजीव गलियारों और बस्तियों के पुनर्वास के लिए प्रभावी योजना।
मानव-वन्यजीव संघर्ष जैव विविधता संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती है। समुदाय-आधारित संरक्षण प्रयास, प्रौद्योगिकी, और सरकार की नीतियाँ इस समस्या का समाधान कर सकती हैं। स्थानीय समुदायों की भागीदारी और दीर्घकालिक रणनीतियाँ इस संघर्ष को कम करने और जैव विविधता संरक्षण में सहायक हो सकती हैं।