किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य (Doubling Farmers’ Income)
परिचय: भारत सरकार ने 2016 में 2022 तक किसानों की आय को वास्तविक रूप में दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करने हेतु अशोक दलवई समिति का गठन किया गया। इसका उद्देश्य केवल कृषि उत्पादन बढ़ाने के बजाय कृषि को एक लाभदायक उद्यम के रूप में बदलना था।
प्रमुख रणनीतियाँ एवं घटक
1. उत्पादकता में वृद्धि
प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाकर उत्पादन लागत को कम करना। इसके लिए बेहतर बीज, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उर्वरकों का संतुलित उपयोग, और सूक्ष्म सिंचाई (Per Drop More Crop) जैसी तकनीकों पर जोर दिया गया।
2. कृषि विविधीकरण (Diversification)
किसानों को केवल पारंपरिक अनाज फसलों पर निर्भर रहने के बजाय आय के स्रोतों में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित करना। इसमें बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन जैसे संबद्ध क्षेत्रों को बढ़ावा देना शामिल है।
3. विपणन सुधार और बेहतर मूल्य प्राप्ति
किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना। इसके लिए e-NAM (राष्ट्रीय कृषि बाजार) जैसे प्लेटफॉर्म बनाए गए, APMC अधिनियम में सुधार किए गए, और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को बढ़ावा दिया गया ताकि किसान सामूहिक रूप से बेहतर सौदेबाजी कर सकें।
4. इनपुट लागत में कमी
किसानों की खेती की लागत को कम करना। इसके लिए नीम लेपित यूरिया, सौर पंपों के लिए कुसुम योजना, और जैविक खेती को प्रोत्साहित किया गया।
5. जोखिम प्रबंधन और आय सहायता
किसानों को फसल की विफलता और मूल्य में उतार-चढ़ाव के जोखिम से बचाना। इसके लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को नया रूप दिया गया और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) के तहत प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान की गई।
उपलब्धियां और चुनौतियां
उपलब्धियां
- बागवानी और डेयरी जैसे संबद्ध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है, जिससे किसानों की आय में विविधता आई है।
- PM-KISAN जैसी योजनाओं ने छोटे और सीमांत किसानों को एक निश्चित आय सहायता प्रदान की है।
- e-NAM ने मंडियों में पारदर्शिता बढ़ाने में मदद की है।
चुनौतियां
- 2022 तक आय को दोगुना करने का लक्ष्य पूरी तरह से हासिल नहीं हो सका।
- जलवायु परिवर्तन, छोटी जोत, और बाजार तक पहुंच की कमी प्रमुख बाधाएं बनी हुई हैं।
- सुधारों का कार्यान्वयन राज्यों में असमान रहा है।