1. परिभाषा (Definition)
विदेशी व्यापार नीति (Foreign Trade Policy – FTP) का तात्पर्य उन नीतियों, नियमों और विनियमों से है, जो किसी देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (आयात और निर्यात) को नियंत्रित और प्रोत्साहित करती हैं। यह नीति वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को सुचारू बनाने, व्यापार असंतुलन को कम करने और विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने में मदद करती है।
- तथ्य: भारत की वर्तमान विदेशी व्यापार नीति 2023-2028 को 31 मार्च 2023 को जारी किया गया।
- मुख्य उद्देश्य:
- निर्यात को बढ़ावा देना।
- विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर रखना।
- व्यापार घाटे को कम करना।
- आत्मनिर्भर भारत को सशक्त बनाना।
2. भारत की विदेशी व्यापार नीति का इतिहास (History of Foreign Trade Policy in India)
- 1991: आर्थिक सुधार (Economic Reforms)
- उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण (LPG) नीति लागू हुई।
- विदेशी निवेश के लिए दरवाजे खोले गए।
- 2004-2009: विदेश व्यापार नीति
- निर्यात-आयात (EXIM) नीति को विदेशी व्यापार नीति में बदला गया।
- वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) द्वारा प्रबंधन।
- 2015-2020: विदेश व्यापार नीति
- निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान।
- सेवा निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जित करना।
- मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया अभियानों का एकीकरण।
- 2023-2028: नवीनतम विदेशी व्यापार नीति
- डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोर।
- छोटे और मध्यम निर्यातकों को प्रोत्साहन।
- नई बाजारों की खोज।
3. विदेश व्यापार नीति 2023-2028 के मुख्य बिंदु (Key Highlights of Foreign Trade Policy 2023-28)
- डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platforms):
- निर्यात और आयात प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाया गया।
- ई-आईसीईजीएटी (e-ICEGATE) प्रणाली का सशक्तिकरण।
- निर्यात संवर्धन (Export Promotion):
- निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तु योजना (EPCG) को सशक्त करना।
- भारत के “खादी उत्पाद” और “हस्तशिल्प” के निर्यात को प्रोत्साहन।
- सेवा क्षेत्र का विकास (Focus on Service Sector):
- भारत को सेवा निर्यात में वैश्विक अग्रणी बनाना।
- भारत सेवा निर्यात मिशन (India Services Export Mission) का लॉन्च।
- नई बाजारों की खोज (Exploration of New Markets):
- अफ्रीकी, लैटिन अमेरिकी और पश्चिम एशियाई बाजारों में विस्तार।
- स्वदेशी उत्पादों का बढ़ावा (Promotion of Indigenous Products):
- GI टैग उत्पादों का निर्यात बढ़ाना।
- प्रोत्साहन योजनाएँ (Incentive Schemes):
- मेचर्ड इन इंडिया (Merchandise Exports from India Scheme – MEIS)।
- सेवा निर्यात से भारत योजना (Service Exports from India Scheme – SEIS)।
- ग्रीन और सस्टेनेबल व्यापार (Green and Sustainable Trade):
- पर्यावरण-अनुकूल निर्यात।
- कार्बन फुटप्रिंट को कम करने पर ध्यान।
4. विदेशी व्यापार नीति के उद्देश्य (Objectives of Foreign Trade Policy)
- निर्यात वृद्धि (Export Growth):
- वस्तु और सेवा निर्यात में वृद्धि।
- विदेशी मुद्रा अर्जन (Foreign Exchange Earnings):
- विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर रखना।
- आर्थिक विकास (Economic Development):
- रोजगार के अवसर पैदा करना।
- व्यापार असंतुलन कम करना (Reducing Trade Imbalance):
- आयात-निर्यात में संतुलन।
- नवीन तकनीक को बढ़ावा (Promotion of Advanced Technologies):
- निर्यात में उच्च तकनीकी उत्पादों का विकास।
5. विदेशी व्यापार नीति के उपकरण (Instruments of Foreign Trade Policy)
- निर्यात संवर्धन योजनाएँ (Export Promotion Schemes):
- MEIS (Merchandise Exports from India Scheme)।
- SEIS (Service Exports from India Scheme)।
- आयात शुल्क (Import Duties):
- अनावश्यक आयात को हतोत्साहित करना।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zones – SEZs):
- निर्यात उन्मुख क्षेत्रों का निर्माण।
- विनिमय दर नीति (Exchange Rate Policy):
- निर्यातकों और आयातकों को स्थिर विनिमय दर देना।
6. विदेशी व्यापार नीति के लाभ (Benefits of Foreign Trade Policy)
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अवसर (Access to Global Markets):
- भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजारों में अवसर।
- उद्योगों का विकास (Development of Industries):
- नए उद्योगों को प्रोत्साहन।
- रोजगार सृजन (Employment Generation):
- निर्यात आधारित उद्योगों में रोजगार।
- विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves):
- विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाना।
7. चुनौतियाँ (Challenges in Foreign Trade Policy)
- वैश्विक अनिश्चितता (Global Uncertainty):
- वैश्विक मंदी और व्यापार युद्ध।
- बुनियादी ढाँचे की कमी (Lack of Infrastructure):
- पोर्ट और लॉजिस्टिक्स में कमी।
- निर्यात विविधता की कमी (Lack of Export Diversification):
- कुछ चुनिंदा उत्पादों पर अत्यधिक निर्भरता।
- प्रमुख आयात पर निर्भरता (Dependence on Key Imports):
- कच्चा तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स।
8. समाधान (Solutions for Effective Foreign Trade Policy)
- नई प्रौद्योगिकी का उपयोग (Adoption of New Technologies):
- डिजिटल प्लेटफॉर्म को मजबूत करना।
- बुनियादी ढाँचे में सुधार (Infrastructure Development):
- लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का विकास।
- निर्यात विविधता (Export Diversification):
- नए उत्पाद और सेवाएँ निर्यात करना।
- सरकारी योजनाओं का सख्त कार्यान्वयन (Strict Implementation of Government Policies):
- EPCG, SEZ को और प्रभावी बनाना।
विदेशी व्यापार नीति (Foreign Trade Policy) भारत की आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। 2023-28 की नई नीति डिजिटल अर्थव्यवस्था, सेवा निर्यात, और हरित व्यापार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यदि इसे सही तरीके से लागू किया जाए, तो यह भारत को वैश्विक व्यापार मंच पर मजबूत स्थिति में ला सकती है।