1. परिचय (Introduction)
विश्व व्यापार संगठन (WTO) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो वैश्विक व्यापार को सुविधाजनक बनाने, व्यापार विवादों को हल करने, और व्यापारिक बाधाओं को कम करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।
- स्थापना (Establishment): 1 जनवरी, 1995
- मुख्यालय (Headquarters): जिनेवा, स्विट्जरलैंड
- सदस्य देश (Member Countries): 164 देश (2023 तक)
- महानिदेशक (Director General): Ngozi Okonjo-Iweala (नाइजीरिया)
- आधिकारिक भाषा (Official Languages): अंग्रेजी, फ्रेंच, और स्पेनिश
तथ्य: WTO का मुख्य उद्देश्य “मुक्त, निष्पक्ष, और पारदर्शी वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देना” है।
2. इतिहास (History of WTO)
- ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference, 1944)
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए IMF (International Monetary Fund) और विश्व बैंक (World Bank) की स्थापना की गई।
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक संस्थान की आवश्यकता महसूस हुई।
- GATT (General Agreement on Tariffs and Trade, 1947)
- 1947 में 23 देशों द्वारा GATT स्थापित किया गया।
- उद्देश्य: व्यापार बाधाओं को कम करना और टैरिफ घटाना।
- उरुग्वे दौर (Uruguay Round, 1986-1994)
- GATT के अंतर्गत अंतिम दौर।
- सेवा क्षेत्र, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR), कृषि उत्पादों को शामिल किया गया।
- WTO का गठन (Formation of WTO, 1995)
- 1 जनवरी, 1995 को GATT को समाप्त कर WTO की स्थापना की गई।
तथ्य: भारत WTO का संस्थापक सदस्य है।
3. संरचना (Structure of WTO)
3.1 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (Ministerial Conference)
- WTO का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय।
- प्रत्येक 2 वर्ष में बैठक होती है।
- सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि इसमें भाग लेते हैं।
3.2 सामान्य परिषद (General Council)
- WTO के दिन-प्रतिदिन के कार्यों का प्रबंधन करता है।
- विवाद निवारण और व्यापार नीति की समीक्षा करता है।
3.3 विवाद निवारण निकाय (Dispute Settlement Body – DSB)
- व्यापार विवादों का निपटारा करता है।
- निष्पक्ष निर्णय सुनिश्चित करता है।
3.4 व्यापार नीति समीक्षा निकाय (Trade Policy Review Body)
- सदस्य देशों की व्यापार नीतियों की समीक्षा करता है।
3.5 अन्य परिषदें (Other Councils)
- वस्तु व्यापार परिषद (Council for Trade in Goods)
- सेवा व्यापार परिषद (Council for Trade in Services)
- बौद्धिक संपदा अधिकार परिषद (Council for TRIPS – Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights)
4. प्रमुख संधियाँ और समझौते (Major Agreements and Treaties)
4.1 कृषि पर समझौता (Agreement on Agriculture – AoA)
- कृषि उत्पादों पर टैरिफ और सब्सिडी में कमी।
- उद्देश्य: कृषि व्यापार को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना।
4.2 व्यापार से संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकार (TRIPS Agreement)
- बौद्धिक संपदा (Intellectual Property) को संरक्षण प्रदान करता है।
- तथ्य: पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क आदि शामिल हैं।
4.3 व्यापार से संबंधित निवेश उपाय (TRIMS Agreement)
- निवेश नीतियों को व्यापार के अनुकूल बनाना।
- उदाहरण: निवेशकों को समान अवसर देना।
4.4 सेवा व्यापार पर सामान्य समझौता (GATS Agreement)
- सेवा क्षेत्र में मुक्त व्यापार को बढ़ावा।
- सेवा क्षेत्र: बैंकिंग, पर्यटन, दूरसंचार।
4.5 विवाद निवारण तंत्र (Dispute Settlement Mechanism – DSM)
- व्यापारिक विवादों का निपटारा।
- निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया।
5. WTO की उपलब्धियाँ (Achievements of WTO)
- व्यापार विवाद समाधान (Trade Dispute Resolution): WTO ने कई व्यापार विवादों को हल किया।
- टैरिफ में कमी (Reduction in Tariffs): आयात शुल्क में कमी।
- ग्लोबल सप्लाई चेन (Global Supply Chain): अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सहूलियत।
- बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा (Protection of Intellectual Property Rights): TRIPS के माध्यम से।
- कमजोर देशों को सहायता (Support to Least Developed Countries – LDCs): व्यापार में समान अवसर।
6. WTO की आलोचनाएँ (Criticisms of WTO)
- विकासशील देशों के साथ भेदभाव (Discrimination Against Developing Countries): विकसित देश अपने हितों को प्राथमिकता देते हैं।
- ट्रेड-रिलेटेड मुद्दे (Trade-Related Issues): गरीब देशों को व्यापार समझौतों का लाभ नहीं मिलता।
- समानता का अभाव (Lack of Equality): कुछ शक्तिशाली देश छोटे देशों पर दबाव बनाते हैं।
- कृषि सब्सिडी (Agricultural Subsidies): विकसित देश अपनी कृषि को भारी सब्सिडी प्रदान करते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय लॉबिंग (International Lobbying): बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रभाव।
7. भारत और WTO (India and WTO)
- भारत का रुख (India’s Stand):
- कृषि सब्सिडी का समर्थन।
- सेवा क्षेत्र को बढ़ावा।
- महत्त्वपूर्ण मुद्दे (Key Issues):
- खाद्य सुरक्षा।
- पेटेंट और बौद्धिक संपदा अधिकार।
- उपलब्धियाँ (Achievements):
- सौर ऊर्जा विवाद का समाधान।
- वैश्विक व्यापार में बढ़ता हिस्सा।
8. हालिया घटनाएँ (Recent Developments)
- WTO मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (2022):
- COVID-19 वैक्सीन पेटेंट माफी।
- मछली पकड़ने पर सब्सिडी नियंत्रण।
- भारत का रुख:
- कृषि उत्पादों पर सब्सिडी जारी रखने की माँग।
- डिजिटल व्यापार में संतुलन।
9. निष्कर्ष (Conclusion)
विश्व व्यापार संगठन (WTO) वैश्विक व्यापार के नियमन और निगरानी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, फिर भी यह एक ऐसा मंच है, जहाँ देश अपने व्यापारिक मतभेदों को हल कर सकते हैं। भारत जैसे विकासशील देशों के लिए WTO एक महत्वपूर्ण मंच है, जो वैश्विक व्यापार में अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता, और अवसर प्रदान करता है।
सदस्य देशों को आपसी सहयोग और पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए, ताकि वैश्विक व्यापारिक प्रणाली को और अधिक संतुलित और प्रभावी बनाया जा सके।