1. डिबेंचर (Debentures)
1.1 परिभाषा (Definition)
डिबेंचर (Debenture) एक वित्तीय साधन (Financial Instrument) है जिसके माध्यम से कंपनियाँ लंबी अवधि के लिए धन जुटाती हैं। यह एक ऋण साधन (Debt Instrument) है, जिसमें निवेशक को कंपनी द्वारा निश्चित ब्याज दर (Fixed Interest Rate) पर एक निश्चित अवधि के बाद मूल राशि (Principal Amount) वापस करने का वचन दिया जाता है।
- जारीकर्ता: कंपनियाँ या सरकारी संस्थाएँ।
- प्रमुख विशेषता: निवेशक कंपनी के मालिक नहीं बल्कि ऋणदाता (Creditor) होते हैं।
- नियामक: सेबी (SEBI) और कंपनियाँ अधिनियम, 2013।
1.2 विशेषताएँ (Features)
- स्थिर आय: निश्चित ब्याज भुगतान।
- ऋण साधन: कंपनी का ऋण।
- परिपक्वता अवधि (Maturity Period): निर्धारित समय पर परिपक्वता।
- सुरक्षित या असुरक्षित: कुछ डिबेंचर परिसंपत्तियों के द्वारा सुरक्षित होते हैं।
- मतदान अधिकार नहीं (No Voting Rights): डिबेंचर धारकों को कंपनी के निर्णयों में मतदान का अधिकार नहीं होता।
1.3 डिबेंचर के प्रकार (Types of Debentures)
- सुरक्षित डिबेंचर (Secured Debentures): परिसंपत्तियों द्वारा सुरक्षित।
- असुरक्षित डिबेंचर (Unsecured Debentures): परिसंपत्तियों द्वारा सुरक्षित नहीं।
- परिवर्तनीय डिबेंचर (Convertible Debentures): इन्हें शेयर में बदला जा सकता है।
- अपरिवर्तनीय डिबेंचर (Non-Convertible Debentures): इन्हें शेयर में नहीं बदला जा सकता।
- प्रतिदेय डिबेंचर (Redeemable Debentures): निश्चित अवधि के बाद मूल राशि वापस।
- अप्रतिदेय डिबेंचर (Irredeemable Debentures): बिना किसी निश्चित पुनर्भुगतान तिथि के।
उदाहरण: टाटा स्टील ने ₹1,000 करोड़ के परिवर्तनीय डिबेंचर जारी किए।
2. शेयर (Shares)
2.1 परिभाषा (Definition)
शेयर (Share) कंपनी के स्वामित्व का एक हिस्सा (Ownership Stake) है, जिसे शेयरधारकों (Shareholders) को बेचा जाता है।
- प्रमुख विशेषता: शेयर धारक कंपनी के मालिक होते हैं।
- लाभ (Benefit): लाभांश (Dividend) और पूँजीगत लाभ (Capital Gain)।
- नियामक: SEBI (Securities and Exchange Board of India)।
2.2 विशेषताएँ (Features)
- स्वामित्व अधिकार (Ownership Rights): शेयरधारकों को कंपनी में स्वामित्व का अधिकार मिलता है।
- मतदान अधिकार (Voting Rights): कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के चुनाव में मतदान का अधिकार।
- लाभांश (Dividend): कंपनी के मुनाफे का हिस्सा।
- हस्तांतरणीयता (Transferability): शेयरों को खरीदा या बेचा जा सकता है।
3. शेयर के प्रकार (Types of Shares)
3.1 इक्विटी शेयर (Equity Shares)
- कंपनी का स्वामित्व प्रतिनिधित्व करते हैं।
- सबसे अधिक जोखिम भरे लेकिन उच्च लाभ की संभावना।
- मतदान का अधिकार।
3.2 वरीयता शेयर (Preference Shares)
- लाभांश और परिसमापन के समय प्राथमिकता।
- मतदान का अधिकार नहीं।
- प्रकार:
- परिवर्तनीय वरीयता शेयर (Convertible Preference Shares)
- अपरिवर्तनीय वरीयता शेयर (Non-Convertible Preference Shares)
3.3 अधिकार शेयर (Rights Shares)
- मौजूदा शेयरधारकों को विशेष अधिकारों के तहत शेयर जारी।
- छूट पर जारी किए जाते हैं।
3.4 बोनस शेयर (Bonus Shares)
- शेयरधारकों को उनके मौजूदा शेयरों के अनुपात में मुफ्त में शेयर दिए जाते हैं।
- कंपनी के भंडारित मुनाफे से जारी।
3.5 आईपीओ (IPO – Initial Public Offering)
- कंपनी पहली बार सार्वजनिक रूप से शेयर जारी करती है।
- SEBI के दिशानिर्देशों का पालन आवश्यक।
3.6 एफपीओ (FPO – Follow-on Public Offering)
- पहले से सूचीबद्ध कंपनी द्वारा अतिरिक्त शेयर जारी।
4. वित्त बाजार से संबंधित अन्य पहलू (Other Aspects of Financial Market)
4.1 प्राथमिक बाजार (Primary Market)
- नए प्रतिभूतियों (Shares, Debentures, Bonds) का निर्गम।
- उदाहरण: IPO, FPO।
4.2 द्वितीयक बाजार (Secondary Market)
- पहले से जारी प्रतिभूतियों का व्यापार।
- उदाहरण: NSE, BSE।
4.3 मुद्रा बाजार (Money Market)
- अल्पकालिक वित्तीय साधनों का व्यापार।
- उदाहरण: ट्रेजरी बिल, वाणिज्यिक पत्र (Commercial Paper)।
4.4 पूँजी बाजार (Capital Market)
- दीर्घकालिक वित्तीय साधनों का व्यापार।
- उदाहरण: इक्विटी शेयर, डिबेंचर।
4.5 डेरिवेटिव बाजार (Derivatives Market)
- वित्तीय अनुबंधों का व्यापार।
- उदाहरण: फॉरवर्ड्स (Forwards), ऑप्शन्स (Options)।
4.6 विदेशी मुद्रा बाजार (Foreign Exchange Market)
- विभिन्न मुद्राओं का विनिमय।
- उदाहरण: डॉलर-रुपया विनिमय।
5. शेयर और डिबेंचर के बीच अंतर (Difference Between Shares and Debentures)
शेयर (Shares) | डिबेंचर (Debentures) |
---|---|
स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। | ऋण का प्रतिनिधित्व करते हैं। |
लाभांश प्रदान किया जाता है। | ब्याज प्रदान किया जाता है। |
उच्च जोखिम और उच्च रिटर्न। | कम जोखिम और स्थिर रिटर्न। |
मतदान का अधिकार मिलता है। | मतदान का अधिकार नहीं मिलता। |
कंपनी के परिसमापन पर अंतिम भुगतान। | कंपनी के परिसमापन पर प्राथमिक भुगतान। |
6. वित्त बाजार का महत्त्व (Importance of Financial Market)
- पूँजी जुटाना (Capital Mobilization): कंपनियाँ और सरकारें वित्तीय संसाधन जुटाती हैं।
- तरलता (Liquidity): प्रतिभूतियों की आसानी से खरीद और बिक्री।
- निवेशकों को अवसर (Investment Opportunities): निवेशकों के लिए विविध विकल्प।
- जोखिम प्रबंधन (Risk Management): डेरिवेटिव्स और अन्य साधनों के माध्यम से।
- आर्थिक विकास (Economic Growth): पूँजी निवेश के माध्यम से।
7. निष्कर्ष (Conclusion)
शेयर और डिबेंचर दोनों ही वित्तीय बाजार में महत्वपूर्ण साधन हैं, जिनके माध्यम से कंपनियाँ और सरकारें धन जुटाती हैं।
- शेयर: स्वामित्व, उच्च जोखिम, और उच्च रिटर्न।
- डिबेंचर: ऋण, स्थिर ब्याज, और कम जोखिम।
वित्तीय बाजार (Financial Market) किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास का प्रमुख स्तंभ है, जो पूँजी, निवेश, और वित्तीय संसाधनों के कुशल वितरण को सुनिश्चित करता है।