ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) की अवधारणा
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?
ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ता (user) और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच एक इंटरफ़ेस (मध्यस्थ) के रूप में कार्य करता है। यह कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है, जिसके बिना कंप्यूटर काम नहीं कर सकता। यह कंप्यूटर के सभी संसाधनों (resources) को प्रबंधित और नियंत्रित करता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के मुख्य कार्य (Functions of OS)
- प्रोसेस मैनेजमेंट (Process Management): विभिन्न प्रक्रियाओं और प्रोग्रामों को CPU का समय आवंटित करना और उनके निष्पादन को प्रबंधित करना।
- मेमोरी मैनेजमेंट (Memory Management): मुख्य मेमोरी (RAM) को विभिन्न प्रोग्रामों के बीच आवंटित और प्रबंधित करना।
- फाइल मैनेजमेंट (File Management): फाइलों और डायरेक्ट्री को बनाना, हटाना, व्यवस्थित करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- डिवाइस मैनेजमेंट (Device Management): सभी इनपुट और आउटपुट डिवाइस (जैसे की-बोर्ड, प्रिंटर) को नियंत्रित और प्रबंधित करना।
- सुरक्षा (Security): पासवर्ड और अन्य माध्यमों से सिस्टम को अनधिकृत पहुँच से सुरक्षित रखना।
- यूजर इंटरफ़ेस प्रदान करना (Providing User Interface): उपयोगकर्ता को कंप्यूटर के साथ इंटरैक्ट करने के लिए एक माध्यम प्रदान करना।
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार (Types of OS)
1. यूजर इंटरफ़ेस के आधार पर
- CUI (Character User Interface) / TUI (Text User Interface): इसमें उपयोगकर्ता को कमांड टाइप करके काम करना पड़ता है। यह ग्राफिक्स का उपयोग नहीं करता।
उदाहरण: MS-DOS, UNIX। - GUI (Graphical User Interface): इसमें आइकन, मेनू, विंडो और अन्य ग्राफिकल तत्वों का उपयोग होता है, जिससे कंप्यूटर का उपयोग करना आसान हो जाता है।
उदाहरण: Windows, macOS, Linux (जैसे Ubuntu)।
2. सोर्स कोड की उपलब्धता के आधार पर
- ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम (Open Source OS): इनका सोर्स कोड मुफ्त में उपलब्ध होता है और कोई भी इसे देख, संशोधित और वितरित कर सकता है।
उदाहरण: Linux, Android। - प्रोप्राइटरी/क्लोज्ड सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम (Proprietary/Closed Source OS): इनका सोर्स कोड निजी होता है और केवल मालिक कंपनी ही इसे बदल सकती है। इनके उपयोग के लिए लाइसेंस खरीदना पड़ता है।
उदाहरण: Microsoft Windows, Apple macOS, iOS।
3. काम करने के आधार पर
- सिंगल-यूजर, सिंगल-टास्किंग (Single-User, Single-Tasking): एक समय में केवल एक उपयोगकर्ता एक ही कार्य कर सकता है।
उदाहरण: MS-DOS। - मल्टी-यूजर, मल्टी-टास्किंग (Multi-User, Multi-Tasking): एक ही समय में कई उपयोगकर्ता कई कार्य कर सकते हैं।
उदाहरण: Windows, Linux, UNIX। - रियल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (RTOS): ये सिस्टम समय-संवेदनशील कार्यों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जहाँ प्रतिक्रिया समय बहुत महत्वपूर्ण होता है।
उदाहरण: वैज्ञानिक उपकरण, औद्योगिक नियंत्रण प्रणाली।