प्रमुख कृषि योजनाएं (Agricultural Schemes)
भारतीय कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करने, उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार करने के लिए भारत सरकार ने कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं। ये योजनाएं कृषि के विभिन्न पहलुओं, जैसे मृदा स्वास्थ्य, सिंचाई, फसल बीमा और आय सहायता पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme)
शुरुआत: फरवरी 2015
उद्देश्य: मृदा के स्वास्थ्य का मूल्यांकन करना और किसानों को उनकी भूमि में मौजूद पोषक तत्वों की स्थिति के बारे में जानकारी देना, ताकि वे उर्वरकों का संतुलित और विवेकपूर्ण उपयोग कर सकें।
प्रावधान: इस योजना के तहत, किसानों को हर दो साल में एक ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ जारी किया जाता है, जिसमें 12 मापदंडों (जैसे N, P, K, pH) पर मिट्टी की स्थिति का विवरण होता है।
नीम लेपित यूरिया (Neem Coated Urea)
शुरुआत: 2015 में 100% नीम लेपित यूरिया का उत्पादन अनिवार्य किया गया।
उद्देश्य: यूरिया के दुरुपयोग (औद्योगिक उपयोग के लिए डायवर्जन) को रोकना और नाइट्रोजन उपयोग दक्षता (Nitrogen Use Efficiency) को बढ़ाना। नीम का लेप यूरिया के घुलने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिससे पौधों को लंबे समय तक नाइट्रोजन मिलता है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)
शुरुआत: 1 जुलाई 2015
उद्देश्य: ‘हर खेत को पानी’ के आदर्श वाक्य के साथ, इस योजना का उद्देश्य सिंचाई के कवरेज का विस्तार करना और जल उपयोग दक्षता में सुधार करना है।
घटक: इसके प्रमुख घटकों में त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP), ‘हर खेत को पानी’, और ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ (Per Drop More Crop) शामिल हैं, जो सूक्ष्म-सिंचाई (ड्रिप और स्प्रिंकलर) को बढ़ावा देता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
शुरुआत: फरवरी 2016
उद्देश्य: प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के कारण फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को एक व्यापक बीमा कवर प्रदान करना।
प्रावधान: इसमें किसानों के लिए बहुत कम प्रीमियम दरें हैं (खरीफ के लिए 2%, रबी के लिए 1.5%, और बागवानी फसलों के लिए 5%)। शेष प्रीमियम का भुगतान केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समान रूप से किया जाता है।
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा)
शुरुआत: सितंबर 2018
उद्देश्य: यह सुनिश्चित करना कि किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिले, विशेष रूप से दलहन और तिलहन के लिए।
कुसुम योजना (KUSUM Yojana)
शुरुआत: 2019
उद्देश्य: किसानों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना।
प्रावधान: इसके तहत किसानों को सौर ऊर्जा पंप स्थापित करने के लिए सब्सिडी दी जाती है और उन्हें अपनी बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
शुरुआत: फरवरी 2019
उद्देश्य: देश के सभी भूमिधारक किसान परिवारों को आय सहायता प्रदान करना।
प्रावधान: इस योजना के तहत, पात्र किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 की राशि तीन समान किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है।