एटीएम (Automated Teller Machines – ATMs)
परिभाषा: एटीएम एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो ग्राहकों को बिना किसी बैंक कर्मचारी की सहायता के बुनियादी बैंकिंग लेन-देन, जैसे नकद निकासी, बैलेंस पूछताछ और मिनी स्टेटमेंट प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती है। यह 24×7 बैंकिंग सेवाएं प्रदान करके वित्तीय पहुंच को सुगम बनाता है।
बैंक एटीएम (Bank ATMs)
परिचय: ये वे एटीएम हैं जिनका स्वामित्व और संचालन सीधे बैंकों द्वारा किया जाता है। इन पर संबंधित बैंक का लोगो और ब्रांडिंग होती है।
- विशेषताएं: ये अपने ग्राहकों को नकद निकासी के अलावा नकद जमा, फंड ट्रांसफर और बिल भुगतान जैसी कई अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं।
- उदाहरण: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) एटीएम, HDFC बैंक एटीएम, ICICI बैंक एटीएम।
व्हाइट लेबल एटीएम (White Label ATMs – WLAs)
परिचय: व्हाइट लेबल एटीएम वे एटीएम हैं जिनका स्वामित्व और संचालन गैर-बैंकिंग संस्थाओं द्वारा किया जाता है। इन पर किसी विशेष बैंक की ब्रांडिंग नहीं होती है।
- उद्देश्य: इनका मुख्य उद्देश्य उन अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम की पहुंच बढ़ाना है जहां बैंकों की उपस्थिति कम है।
- संचालक: भारत में प्रमुख WLA ऑपरेटर टाटा कम्युनिकेशंस पेमेंट सॉल्यूशंस (ब्रांड नाम – Indicash) है।
ब्राउन लेबल एटीएम (Brown Label ATMs – BLAs)
परिचय: ब्राउन लेबल एटीएम एक हाइब्रिड मॉडल है। इसमें एटीएम मशीन का हार्डवेयर और लीज एक सेवा प्रदाता के स्वामित्व में होता है, लेकिन नकदी प्रबंधन और बैंक के नेटवर्क से कनेक्टिविटी प्रायोजक बैंक द्वारा प्रदान की जाती है।
- विशेषताएं: इन एटीएम पर प्रायोजक बैंक का लोगो होता है। यह मॉडल बैंकों को अपनी पहुंच का विस्तार करने में मदद करता है बिना एटीएम के हार्डवेयर में सीधे निवेश किए।
व्हाइट और ब्राउन लेबल एटीएम में अंतर
| आधार | व्हाइट लेबल एटीएम (WLA) | ब्राउन लेबल एटीएम (BLA) |
|---|---|---|
| स्वामित्व और संचालन | गैर-बैंकिंग कंपनी द्वारा। | हार्डवेयर सेवा प्रदाता का, नकदी प्रबंधन बैंक का। |
| ब्रांडिंग | किसी बैंक का लोगो नहीं होता। | प्रायोजक बैंक का लोगो होता है। |
भारत में एटीएम का विकास
- पहली एटीएम मशीन: भारत में पहला एटीएम 1987 में HSBC बैंक द्वारा मुंबई में स्थापित किया गया था।
- वर्तमान संख्या: भारत में 2.5 लाख से अधिक एटीएम हैं, जिनमें व्हाइट लेबल एटीएम की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
- प्रभाव: एटीएम ने बैंकिंग को आम आदमी के लिए सुलभ बनाया है और बैंक शाखाओं पर बोझ कम किया है।