1. परिभाषा (Definition)
भुगतान संतुलन (Balance of Payments – BoP) किसी देश के आर्थिक लेन-देन का एक व्यवस्थित विवरण है, जिसमें एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वित्तीय वर्ष) में अन्य देशों के साथ वस्तुओं, सेवाओं, और पूँजी का आदान-प्रदान शामिल होता है।
- यह देश के अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक स्वास्थ्य का सूचक है।
- BoP में दो प्रमुख खंड होते हैं:
- चालू खाता (Current Account)
- पूंजी खाता (Capital Account)
तथ्य: भारत का भुगतान संतुलन भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा प्रबंधित और प्रकाशित किया जाता है।
2. भुगतान संतुलन के घटक (Components of Balance of Payments)
2.1 चालू खाता (Current Account)
परिभाषा: चालू खाता उन लेन-देन का विवरण है, जो देश में वस्तुओं, सेवाओं, और आय के आयात-निर्यात को दर्शाता है।
मुख्य घटक (Key Components of Current Account):
- वस्तुओं का व्यापार (Merchandise Trade):
- वस्तुओं का आयात और निर्यात।
- उदाहरण: भारत का तेल आयात और चावल निर्यात।
- 2022-23 में भारत का वस्तु व्यापार घाटा: $267 बिलियन।
- सेवाओं का व्यापार (Services Trade):
- सेवाओं का आयात और निर्यात (आईटी सेवाएँ, पर्यटन, परिवहन)।
- उदाहरण: TCS का सॉफ्टवेयर निर्यात।
- 2022-23 में सेवाओं से शुद्ध आय: $144 बिलियन।
- आय (Income):
- विदेशों में किए गए निवेशों से लाभांश, ब्याज, वेतन।
- उदाहरण: भारतीय कंपनियों का विदेशी निवेश से प्राप्त लाभ।
- स्थानांतरण (Transfers):
- विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा अपने देश में भेजी गई राशि (रेमिटेंस)।
- उदाहरण: खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतीयों द्वारा भेजे गए पैसे।
- 2022-23 में भारत में कुल रेमिटेंस: $107 बिलियन।
चालू खाता घाटा (Current Account Deficit – CAD):
- जब चालू खाता से होने वाली कुल आय चालू खाता में होने वाले खर्च से कम होती है।
- 2022-23 में चालू खाता घाटा: $67 बिलियन (2% of GDP)।
2.2 पूंजी खाता (Capital Account)
परिभाषा: पूंजी खाता उन लेन-देन का विवरण है, जो विदेशी निवेश, ऋण, और वित्तीय संपत्तियों के प्रवाह को दर्शाता है।
मुख्य घटक (Key Components of Capital Account):
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI – Foreign Direct Investment):
- विदेशी कंपनियों या व्यक्तियों द्वारा देश में सीधे निवेश।
- 2022-23 में भारत में कुल FDI प्रवाह: $71 बिलियन।
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI – Foreign Portfolio Investment):
- विदेशी निवेशकों द्वारा शेयर बाजार, बांड आदि में निवेश।
- 2022-23 में कुल FPI प्रवाह: $8.4 बिलियन।
- विदेशी ऋण (External Borrowings):
- सरकार और निजी कंपनियों द्वारा लिए गए विदेशी ऋण।
- 2022 में भारत का कुल विदेशी ऋण: $620 बिलियन।
- आरक्षित परिसंपत्तियाँ (Reserve Assets):
- विदेशी मुद्रा भंडार, सोना, और IMF में विशेष आहरण अधिकार (SDRs)।
- 2023 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार: $600 बिलियन।
3. भुगतान संतुलन का महत्त्व (Importance of Balance of Payments)
- आर्थिक स्थिरता (Economic Stability):
- अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन में संतुलन बनाए रखना।
- विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves):
- आयात आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भंडार।
- नीति निर्माण (Policy Formulation):
- व्यापार और मौद्रिक नीतियाँ बनाने में सहायक।
- अंतर्राष्ट्रीय साख (International Creditworthiness):
- देश की वित्तीय साख को बनाए रखना।
4. चालू खाता और पूंजी खाता के बीच अंतर (Difference Between Current Account and Capital Account)
चालू खाता (Current Account) | पूंजी खाता (Capital Account) |
---|---|
वस्तुओं, सेवाओं, आय, और स्थानांतरण को कवर करता है। | विदेशी निवेश, ऋण, और वित्तीय परिसंपत्तियों को कवर करता है। |
अल्पकालिक लेन-देन पर ध्यान केंद्रित करता है। | दीर्घकालिक लेन-देन पर ध्यान केंद्रित करता है। |
इसमें चालू खाता घाटा (CAD) हो सकता है। | इसमें पूंजी खाता अधिशेष (Surplus) हो सकता है। |
निर्यात, आयात, और रेमिटेंस शामिल। | FDI, FPI, विदेशी ऋण, और मुद्रा भंडार शामिल। |
5. भारत में भुगतान संतुलन की स्थिति (BoP Status in India)
- चालू खाता घाटा (CAD): $67 बिलियन (2022-23)।
- विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves): $600 बिलियन (2023)।
- FDI प्रवाह: $71 बिलियन (2022-23)।
- FPI प्रवाह: $8.4 बिलियन (2022-23)।
6. भुगतान संतुलन से संबंधित चुनौतियाँ (Challenges in Balance of Payments)
- तेल आयात पर निर्भरता (Dependence on Oil Imports): आयातित तेल की उच्च लागत।
- मुद्रा अवमूल्यन (Currency Depreciation): रुपये का मूल्य घटना।
- अंतर्राष्ट्रीय अस्थिरता (Global Instability): वैश्विक आर्थिक मंदी।
7. भुगतान संतुलन सुधार के उपाय (Measures to Improve BoP)
- निर्यात को बढ़ावा (Boosting Exports): निर्यात प्रोत्साहन योजनाएँ।
- आयात प्रतिस्थापन (Import Substitution): घरेलू उत्पादन को बढ़ावा।
- विदेशी निवेश आकर्षित करना (Attracting Foreign Investments): FDI और FPI प्रोत्साहन।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार (Technology and Innovation): उत्पादन में सुधार।
भुगतान संतुलन (BoP) किसी देश की आर्थिक स्थिरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। चालू खाता और पूंजी खाता मिलकर किसी देश की विदेशी मुद्रा स्थिति और वैश्विक व्यापार संबंधों की स्थिति को स्पष्ट करते हैं। भारत को अपनी चालू खाता घाटा (CAD) को नियंत्रित करने, निर्यात बढ़ाने, और विदेशी निवेश आकर्षित करने पर ध्यान देना होगा ताकि संतुलित और स्थिर आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा सके।