पूंजी बाजार (Capital Market)
परिभाषा: पूंजी बाजार वित्तीय बाजार का वह हिस्सा है जहाँ एक वर्ष से अधिक की परिपक्वता अवधि वाले दीर्घकालिक फंड का लेन-देन होता है। यह कंपनियों, सरकारों और संस्थानों को उद्योगों, बुनियादी ढांचे और अन्य दीर्घकालिक परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने में मदद करता है। भारत में पूंजी बाजार का मुख्य नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) है।
पूंजी बाजार के प्रकार
प्राथमिक बाजार (Primary Market)
इसे ‘नया निर्गम बाजार’ (New Issue Market) भी कहा जाता है। इस बाजार में, कंपनियां पहली बार प्रतिभूतियों (जैसे शेयर, बॉन्ड) को जारी करके सीधे निवेशकों से धन जुटाती हैं।
- उदाहरण: आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (Initial Public Offering – IPO), फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO)।
द्वितीयक बाजार (Secondary Market)
इसे ‘स्टॉक मार्केट’ या ‘शेयर बाजार’ भी कहा जाता है। इस बाजार में, पहले से जारी की गई प्रतिभूतियों को निवेशकों के बीच खरीदा और बेचा जाता है। यह प्रतिभूतियों को तरलता (liquidity) प्रदान करता है।
- उदाहरण: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)।
महत्वपूर्ण शब्दावली
- सेंसेक्स (Sensex): यह BSE का बेंचमार्क इंडेक्स है, जो 30 प्रमुख और सक्रिय रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।
- निफ्टी 50 (Nifty 50): यह NSE का बेंचमार्क इंडेक्स है, जो 50 प्रमुख भारतीय कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।
- IPO (Initial Public Offering): वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से एक निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर बेचकर सार्वजनिक होती है।
- इक्विटी/शेयर (Equity/Share): यह किसी कंपनी में स्वामित्व की एक इकाई का प्रतिनिधित्व करता है।
- बॉन्ड (Bond): यह एक निश्चित आय वाला साधन है जो एक निवेशक द्वारा एक उधारकर्ता (आमतौर पर कॉर्पोरेट या सरकारी) को दिए गए ऋण का प्रतिनिधित्व करता है।
- डिबेंचर (Debenture): यह भी एक प्रकार का ऋण साधन है जो बॉन्ड के समान है, लेकिन यह आमतौर पर किसी भी भौतिक संपत्ति द्वारा सुरक्षित नहीं होता है।
- म्यूचुअल फंड (Mutual Fund): यह कई निवेशकों से धन एकत्र करता है और उस धन को स्टॉक, बॉन्ड और अन्य संपत्तियों में निवेश करता है।
- FDI और FPI:
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI): किसी विदेशी निवेशक द्वारा किसी भारतीय कंपनी में किया गया दीर्घकालिक और पर्याप्त निवेश।
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI): विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार में किया गया अल्पकालिक निवेश।
- बुल और बियर मार्केट:
- बुल मार्केट (Bull Market): एक ऐसा बाजार जहाँ कीमतें बढ़ रही हैं या बढ़ने की उम्मीद है।
- बियर मार्केट (Bear Market): एक ऐसा बाजार जहाँ कीमतें गिर रही हैं।
अभ्यास प्रश्न (MCQs)
1. जब कोई कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर जारी करती है, तो उसे क्या कहते हैं?
2. भारत में पूंजी बाजार का मुख्य नियामक कौन है?
3. ‘सेंसेक्स’ किस स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स है?
4. निम्नलिखित में से कौन सा पूंजी बाजार का साधन नहीं है?
5. एक ऐसा बाजार जहाँ कीमतें लगातार गिर रही हों, उसे क्या कहा जाता है?
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1: पूंजी बाजार और मुद्रा बाजार के बीच अंतर स्पष्ट करें। भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक मजबूत पूंजी बाजार के महत्व पर चर्चा करें। (250 शब्द)