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बैंकों का वर्गीकरण (Classification of Banks)

बैंकों का वर्गीकरण (Classification of Banks)

भारतीय बैंकिंग प्रणाली एक विविध संरचना है जिसमें विभिन्न प्रकार के बैंक शामिल हैं, जो देश की विभिन्न आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। इन बैंकों को मुख्य रूप से उनकी कानूनी स्थिति, स्वामित्व और कार्यों के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।

1. कानूनी आधार पर (On Legal Basis)

अनुसूचित बैंक (Scheduled Banks)

परिभाषा: वे बैंक जिनके नाम भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल हैं, अनुसूचित बैंक कहलाते हैं।

  • शर्तें: इन बैंकों की चुकता पूंजी और आरक्षित निधि कम से कम ₹25 लाख होनी चाहिए और उन्हें RBI के नियमों का पालन करना होता है।
  • सुविधाएं: इन्हें RBI से बैंक दर पर ऋण लेने और समाशोधन गृह (Clearing House) का सदस्य बनने का अधिकार होता है।
  • उदाहरण: भारतीय स्टेट बैंक (SBI), HDFC बैंक, ICICI बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB)।

गैर-अनुसूचित बैंक (Non-Scheduled Banks)

परिभाषा: वे बैंक जो RBI अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल नहीं हैं। इन्हें RBI से सामान्य बैंकिंग प्रयोजनों के लिए ऋण प्राप्त करने का अधिकार नहीं होता है।

2. स्वामित्व के आधार पर (On Ownership Basis)

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Banks – PSBs)

परिभाषा: वे बैंक जिनमें सरकार की 51% या उससे अधिक हिस्सेदारी होती है।

  • उदाहरण: भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा।

निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Banks)

परिभाषा: वे बैंक जिनका अधिकांश स्वामित्व निजी व्यक्तियों या संस्थाओं के पास होता है।

  • उदाहरण: HDFC बैंक, ICICI बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक।

विदेशी बैंक (Foreign Banks)

परिभाषा: वे बैंक जिनका मुख्यालय विदेश में होता है, लेकिन वे भारत में अपनी शाखाओं के माध्यम से काम करते हैं।

  • उदाहरण: सिटी बैंक, HSBC, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक।

3. विशिष्ट बैंक (Specialised Banks)

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Banks – RRBs)

परिभाषा: इनकी स्थापना 1975 में ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, व्यापार और अन्य उत्पादक गतिविधियों के लिए ऋण और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।

  • स्वामित्व: केंद्र सरकार (50%), प्रायोजक बैंक (35%), और संबंधित राज्य सरकार (15%)।

सहकारी बैंक (Cooperative Banks)

परिभाषा: ये बैंक सहकारी सिद्धांतों पर काम करते हैं और अपने सदस्यों द्वारा नियंत्रित होते हैं। ये मुख्य रूप से ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को ऋण प्रदान करते हैं।

विकास बैंक (Development Banks)

परिभाषा: ये विशिष्ट क्षेत्रों जैसे उद्योग, कृषि, और आवास के विकास के लिए मध्यम और दीर्घकालिक वित्त प्रदान करते हैं।

  • उदाहरण: नाबार्ड (NABARD – कृषि और ग्रामीण विकास), सिडबी (SIDBI – लघु उद्योग), NHB (राष्ट्रीय आवास बैंक)।

अभ्यास प्रश्न (MCQs)

1. एक बैंक को ‘अनुसूचित बैंक’ कब कहा जाता है?
  • (a) जब वह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत पंजीकृत हो।
  • (b) जब उसका नाम RBI अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल हो।
  • (c) जब उसमें सरकार की 51% से अधिक हिस्सेदारी हो।
  • (d) जब उसकी स्थापना 1975 में हुई हो।
2. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी कितनी होती है?
  • (a) 35%
  • (b) 50%
  • (c) 15%
  • (d) 51%
3. निम्नलिखित में से कौन सा एक विकास बैंक का उदाहरण है जो कृषि और ग्रामीण विकास पर केंद्रित है?
  • (a) SIDBI
  • (b) NABARD
  • (c) EXIM बैंक
  • (d) NHB
4. HDFC और ICICI बैंक किस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं?
  • (a) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक
  • (b) निजी क्षेत्र के बैंक
  • (c) विदेशी बैंक
  • (d) सहकारी बैंक
5. अनुसूचित बैंकों को निम्नलिखित में से कौन सी सुविधा प्राप्त होती है जो गैर-अनुसूचित बैंकों को नहीं होती?
  • (a) वे जनता से जमा स्वीकार कर सकते हैं।
  • (b) वे ऋण प्रदान कर सकते हैं।
  • (c) वे RBI से बैंक दर पर ऋण ले सकते हैं।
  • (d) वे अपनी ब्याज दरें स्वयं निर्धारित कर सकते हैं।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1: भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्र के बैंकों की भूमिकाओं की तुलना और विषमता पर प्रकाश डालें। वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में कौन अधिक प्रभावी रहा है? विश्लेषण करें। (250 शब्द)
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