अर्थशास्त्र में वस्तुओं का वर्गीकरण
अर्थशास्त्र में, वस्तुओं को उनके अंतिम उपयोग, टिकाऊपन और एक-दूसरे के साथ संबंध के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाता है। यह वर्गीकरण किसी देश के उत्पादन, उपभोग और आर्थिक विकास के पैटर्न को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
1. उपभोक्ता वस्तुएं (Consumer Goods)
परिभाषा: वे वस्तुएं जो अंतिम उपभोक्ता द्वारा अपनी व्यक्तिगत जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए खरीदी जाती हैं, उपभोक्ता वस्तुएं कहलाती हैं। इनका उपयोग किसी अन्य वस्तु के उत्पादन के लिए नहीं किया जाता है।
2. पूंजीगत वस्तुएं (Capital Goods)
परिभाषा: वे वस्तुएं जिनका उपयोग अन्य वस्तुओं या सेवाओं के उत्पादन की प्रक्रिया में किया जाता है, पूंजीगत वस्तुएं कहलाती हैं। ये उत्पादकों द्वारा खरीदी जाती हैं, उपभोक्ताओं द्वारा नहीं। ये देश की उत्पादन क्षमता को बढ़ाती हैं। उदाहरण: मशीनरी, फैक्ट्री की इमारतें, वाणिज्यिक वाहन।
3. टिकाऊ और गैर-टिकाऊ वस्तुएं (Durable and Non-Durable Goods)
यह वर्गीकरण उपभोक्ता वस्तुओं के जीवनकाल पर आधारित है।
- टिकाऊ वस्तुएं (Durable Goods): ये वे वस्तुएं हैं जिनका उपयोग लंबे समय (आमतौर पर तीन साल से अधिक) तक बार-बार किया जा सकता है। इनकी खरीद को अक्सर टाला जा सकता है, इसलिए इनकी मांग आय और आर्थिक स्थिति के प्रति अधिक संवेदनशील होती है।
उदाहरण: कार, रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन, फर्नीचर, स्मार्टफोन। - गैर-टिकाऊ वस्तुएं (Non-Durable Goods): ये वे वस्तुएं हैं जिनका उपभोग एक बार में या बहुत कम समय में हो जाता है। इन्हें ‘एकल-उपयोग वस्तुएं’ भी कहते हैं। इनकी मांग स्थिर होती है क्योंकि ये दैनिक जीवन के लिए आवश्यक होती हैं।
उदाहरण: भोजन, दूध, साबुन, पेट्रोल, समाचार पत्र।
4. पूरक और स्थानापन्न वस्तुएं (Complementary and Substitute Goods)
यह वर्गीकरण दो वस्तुओं के बीच मांग के संबंध पर आधारित है।
- पूरक वस्तुएं (Complementary Goods): ये वे वस्तुएं हैं जिनका उपयोग एक साथ किया जाता है। एक वस्तु की कीमत बढ़ने पर, उसकी मांग कम हो जाती है, जिससे उसकी पूरक वस्तु की मांग भी कम हो जाती है।
उदाहरण: कार और पेट्रोल, प्रिंटर और कार्ट्रिज, चाय और चीनी। - स्थानापन्न वस्तुएं (Substitute Goods): ये वे वस्तुएं हैं जिनका उपयोग एक-दूसरे के स्थान पर किया जा सकता है। एक वस्तु की कीमत बढ़ने पर, उपभोक्ता उसकी सस्ती स्थानापन्न वस्तु की ओर आकर्षित होता है, जिससे स्थानापन्न वस्तु की मांग बढ़ जाती है।
उदाहरण: चाय और कॉफी, कोक और पेप्सी, गुड़ और चीनी।