डिबेंचर और शेयर (Debentures and Shares)
कंपनियां और सरकारें अपनी दीर्घकालिक वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पूंजी बाजार से धन जुटाती हैं। इसके लिए दो प्रमुख साधन हैं: डिबेंचर (ऋण पूंजी) और शेयर (स्वामित्व पूंजी)।
1. डिबेंचर (Debentures)
परिभाषा: डिबेंचर एक दीर्घकालिक ऋण साधन है जिसके माध्यम से कंपनियां जनता से धन उधार लेती हैं। यह एक तरह का ऋण प्रमाण पत्र है जो कंपनी द्वारा जारी किया जाता है। डिबेंचर धारक कंपनी के ऋणदाता (Creditors) होते हैं, मालिक नहीं।
विशेषताएँ
- निश्चित ब्याज: डिबेंचर धारकों को एक निश्चित दर पर नियमित रूप से ब्याज मिलता है।
- कोई मतदान अधिकार नहीं: इन्हें कंपनी के प्रबंधन में कोई मतदान अधिकार नहीं होता है।
- पुनर्भुगतान में प्राथमिकता: कंपनी के परिसमापन (liquidation) की स्थिति में, शेयरधारकों से पहले डिबेंचर धारकों को उनका पैसा वापस किया जाता है।
डिबेंचर के प्रकार
- परिवर्तनीय डिबेंचर (Convertible Debentures): जिन्हें एक निश्चित अवधि के बाद कंपनी के शेयरों में बदला जा सकता है।
- अपरिवर्तनीय डिबेंचर (Non-Convertible Debentures – NCDs): जिन्हें शेयरों में नहीं बदला जा सकता।
2. शेयर (Shares)
परिभाषा: शेयर किसी कंपनी की कुल पूंजी के सबसे छोटे हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। जब कोई निवेशक किसी कंपनी के शेयर खरीदता है, तो वह उस कंपनी में आनुपातिक हिस्सेदारी या स्वामित्व (Ownership) खरीदता है और शेयरधारक (Shareholder) बन जाता है।
विशेषताएँ
- स्वामित्व: शेयरधारक कंपनी के आंशिक मालिक होते हैं।
- मतदान अधिकार: इक्विटी शेयरधारकों को कंपनी के महत्वपूर्ण निर्णयों में मतदान करने का अधिकार होता है।
- लाभांश (Dividend): कंपनी के मुनाफे में से शेयरधारकों को हिस्सा मिलता है, जिसे लाभांश कहते हैं। यह निश्चित नहीं होता।
शेयर के प्रकार
- इक्विटी शेयर (Equity Shares): ये वास्तविक स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं और इनके धारकों को मतदान का अधिकार होता है। इनमें जोखिम और रिटर्न दोनों अधिक होते हैं।
- वरीयता शेयर (Preference Shares): इन शेयरधारकों को लाभांश प्राप्त करने और परिसमापन के समय पूंजी वापसी में इक्विटी शेयरधारकों पर वरीयता (priority) मिलती है। हालांकि, इन्हें आमतौर पर मतदान का अधिकार नहीं होता।
शेयर और डिबेंचर के बीच अंतर
| आधार | शेयर (Shares) | डिबेंचर (Debentures) |
|---|---|---|
| प्रकृति | स्वामित्व पूंजी (Ownership Capital) | ऋण पूंजी (Debt Capital) |
| धारक की स्थिति | मालिक (Owner) | ऋणदाता (Creditor) |
| प्रतिफल (Return) | लाभांश (अनिश्चित) | ब्याज (निश्चित) |
| मतदान अधिकार | हाँ (केवल इक्विटी शेयर) | नहीं |
| जोखिम | अधिक | अपेक्षाकृत कम |
अभ्यास प्रश्न (MCQs)
1. निम्नलिखित में से कौन कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करता है?
- (a) डिबेंचर
- (b) इक्विटी शेयर
- (c) बॉन्ड
- (d) वचन पत्र
2. डिबेंचर धारकों को कंपनी से क्या प्राप्त होता है?
- (a) लाभांश
- (b) निश्चित ब्याज
- (c) मतदान का अधिकार
- (d) कंपनी के मुनाफे में हिस्सा
3. कंपनी के परिसमापन की स्थिति में, किसे सबसे पहले भुगतान किया जाता है?
- (a) इक्विटी शेयरधारक
- (b) वरीयता शेयरधारक
- (c) डिबेंचर धारक
- (d) सरकार
4. वे डिबेंचर जिन्हें भविष्य में इक्विटी शेयरों में बदला जा सकता है, क्या कहलाते हैं?
- (a) असुरक्षित डिबेंचर
- (b) परिवर्तनीय डिबेंचर
- (c) अपरिवर्तनीय डिबेंचर
- (d) प्रतिदेय डिबेंचर
5. निम्नलिखित में से किसे आमतौर पर मतदान का अधिकार नहीं होता है?
- (a) इक्विटी शेयरधारक
- (b) वरीयता शेयरधारक
- (c) कंपनी के संस्थापक
- (d) प्रमोटर
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1: किसी कंपनी के लिए पूंजी जुटाने के स्रोतों के रूप में शेयर और डिबेंचर के बीच के अंतरों का विश्लेषण करें। एक निवेशक के दृष्टिकोण से प्रत्येक के फायदे और नुकसान क्या हैं? (250 शब्द)