परिचय (Introduction)
भारत में जनगणना का इतिहास 19वीं शताब्दी से शुरू होता है। यह जनसंख्या के बारे में डेटा संग्रह का एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीका है। जनगणना प्रशासन, नीति निर्माण और संसाधन आवंटन में एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
- तथ्य: भारत में पहली जनगणना 1872 में ब्रिटिश शासन के दौरान आयोजित की गई थी।
- भारत में हर 10 वर्षों में जनगणना की जाती है।
महत्त्वपूर्ण समयरेखा (Timeline of Census in India)
1. 1872: पहली गैर-व्यवस्थित जनगणना (First Non-Synchronous Census)
- 1872 में भारत की पहली जनगणना लॉर्ड मेयो के शासनकाल में शुरू हुई।
- यह जनगणना पूरे देश में एक साथ आयोजित नहीं की गई थी।
- इसमें जनसंख्या, जन्म-मृत्यु दर, जातियों, और धर्मों का डेटा संग्रह किया गया।
2. 1881: पहली व्यवस्थित जनगणना (First Synchronous Census)
- 1881 में पहली संपूर्ण और व्यवस्थित जनगणना आयोजित की गई।
- इसे डब्ल्यू.सी. प्लॉवडेन (W.C. Plowden) ने आयोजित किया।
- उद्देश्य: ब्रिटिश प्रशासन के लिए कर, सैन्य भर्ती, और कानून व्यवस्था का प्रबंधन।
3. 1901-1931: औपनिवेशिक जनगणना (Colonial Census)
- 1901: जाति, धर्म, और पेशा आधारित डेटा संग्रह।
- 1931:
- जाति आधारित जनगणना।
- इस जनगणना ने सामाजिक असमानताओं और वर्ग विभाजन को उजागर किया।
4. 1941: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जनगणना
- 1941 की जनगणना द्वितीय विश्व युद्ध के कारण प्रभावित हुई।
- डेटा संग्रह में कमी और खराब निष्पादन।
5. 1951: स्वतंत्र भारत की पहली जनगणना (First Census of Independent India)
- 1951 में स्वतंत्र भारत की पहली जनगणना आयोजित की गई।
- तथ्य:
- भारत की जनसंख्या: 36.1 करोड़।
- साक्षरता दर: 16.6%।
- यह जनगणना सामाजिक और आर्थिक नीतियों के लिए डेटा संग्रह का आधार बनी।
6. 2011: 15वीं जनगणना (15th Census)
- यह अब तक की सबसे बड़ी जनगणना थी।
- तथ्य:
- भारत की जनसंख्या: 121 करोड़।
- पुरुष: 62.31 करोड़, महिलाएँ: 58.74 करोड़।
- साक्षरता दर: 74.04%।
7. 2021: प्रस्तावित जनगणना (Proposed Census)
- 2021 की जनगणना COVID-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई।
- यह पहली डिजिटल जनगणना होगी।
महत्त्वपूर्ण पहलू (Key Aspects of Census)
- संविधान में मान्यता (Constitutional Recognition):
- अनुच्छेद 246 और 248 के तहत जनगणना केंद्र सरकार का विषय है।
- कानूनी प्रावधान (Legal Provisions):
- जनगणना अधिनियम, 1948:
- जनगणना प्रक्रिया को वैधानिक और अनिवार्य बनाता है।
- डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित करता है।
- जनगणना अधिनियम, 1948:
- डिजिटल प्रौद्योगिकी (Digital Technology):
- 2021 की जनगणना में मोबाइल ऐप और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग प्रस्तावित।
जनगणना का महत्त्व (Importance of Census)
- नीति निर्माण (Policy Making):
- जनसंख्या के आधार पर योजनाओं का निर्माण।
- उदाहरण: प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा।
- संसाधनों का आवंटन (Allocation of Resources):
- शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढाँचे के लिए बजट निर्धारण।
- प्रशासनिक कार्य (Administrative Functions):
- निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन।
- स्थानीय और राज्य स्तर पर योजनाओं का कार्यान्वयन।
- सामाजिक-आर्थिक डेटा (Socio-Economic Data):
- साक्षरता दर, रोजगार दर, और शहरीकरण के आँकड़े।
- तथ्य: 2011 में भारत की ग्रामीण जनसंख्या 68.84% थी।
भारत में जनगणना का इतिहास 1872 से शुरू होकर आधुनिक समय तक विकसित हुआ है। यह प्रशासन, योजना, और सामाजिक सुधारों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। डिजिटल युग में, जनगणना की प्रक्रिया और अधिक कुशल और सटीक बनने की उम्मीद है। जनगणना डेटा भारत के विकास के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है।