भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीति के विभिन्न उपकरणों का उपयोग करके देश में मुद्रा आपूर्ति, ब्याज दर, और तरलता को नियंत्रित करता है। इन उपकरणों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
- परिमाणात्मक उपकरण (Quantitative Tools)
- गुणात्मक उपकरण (Qualitative Tools)
नकद आरक्षित अनुपात (CRR – Cash Reserve Ratio)
परिभाषा (Definition)
CRR वह प्रतिशत है जो प्रत्येक वाणिज्यिक बैंक को अपनी कुल जमा राशि का एक हिस्सा भारतीय रिज़र्व बैंक के पास नकद के रूप में जमा करना अनिवार्य होता है।
विशेषताएँ (Features)
- बैंक के पास उपलब्ध नकदी में कमी:
- CRR बढ़ाने से बैंकों के पास ऋण देने के लिए कम नकदी होती है।
- मुद्रास्फीति नियंत्रण:
- CRR बढ़ाकर RBI बाजार से अतिरिक्त मुद्रा को हटा सकता है।
- कोई ब्याज नहीं:
- बैंकों को CRR पर कोई ब्याज नहीं मिलता।
वर्तमान स्थिति (Current Status)
- CRR (2023): 4.50%।
उदाहरण
- यदि किसी बैंक के पास ₹100 करोड़ जमा हैं और CRR 4.5% है, तो उसे ₹4.5 करोड़ RBI के पास जमा करना होगा।
सांविधिक तरलता अनुपात (SLR – Statutory Liquidity Ratio)
परिभाषा (Definition)
SLR वह न्यूनतम प्रतिशत है जो प्रत्येक बैंक को अपनी कुल जमा का एक हिस्सा नकद, सोना, या सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) के रूप में अपने पास रखना होता है।
विशेषताएँ (Features)
- मुद्रा आपूर्ति का नियंत्रण:
- SLR बढ़ाने से बैंक बाजार में कम कर्ज दे सकते हैं।
- सुरक्षा और तरलता:
- यह सुनिश्चित करता है कि बैंकों के पास पर्याप्त तरलता और सुरक्षा हो।
- ऋण देने की सीमा:
- SLR सीधे बैंकों की ऋण देने की क्षमता को प्रभावित करता है।
वर्तमान स्थिति (Current Status)
- SLR (2023): 18.00%।
उदाहरण
- यदि किसी बैंक के पास ₹200 करोड़ की जमा है और SLR 18% है, तो उसे ₹36 करोड़ सोना, नकद, या सरकारी बॉन्ड में रखना होगा।
सीमांत स्थायित्व सुविधा (MSF – Marginal Standing Facility)
परिभाषा (Definition)
MSF वह सुविधा है जिसके तहत बैंक RBI से अपनी वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) में कमी के बावजूद अतिरिक्त नकदी उधार ले सकते हैं।
विशेषताएँ (Features)
- अल्पकालिक धनराशि:
- यह बैंकों के लिए आपातकालीन धनराशि का स्रोत है।
- ब्याज दर:
- MSF पर ब्याज दर रेपो रेट से 0.25% अधिक होती है।
- अवधि:
- आमतौर पर 1 दिन के लिए।
वर्तमान स्थिति (Current Status)
- MSF दर (2023): 6.75%।
उदाहरण
- जब बैंकों को तरलता की कमी होती है, तो वे अपनी SLR सीमा से परे जाकर RBI से उधार लेते हैं।
एलएएफ (LAF – Liquidity Adjustment Facility)
परिभाषा (Definition)
LAF वह सुविधा है जिसके तहत RBI बैंकों को अल्पकालिक आधार पर तरलता प्रबंधन के लिए धनराशि उधार देता है या उनसे धनराशि लेता है।
- यह दो प्रमुख दरों पर आधारित है:
- रेपो रेट (Repo Rate)।
- रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate)।
विशेषताएँ (Features)
- रेपो रेट:
- जब बैंक RBI से नकदी उधार लेते हैं।
- रिवर्स रेपो रेट:
- जब बैंक अपनी अतिरिक्त नकदी RBI के पास जमा करते हैं।
वर्तमान स्थिति (Current Status)
- रेपो रेट (2023): 6.50%।
- रिवर्स रेपो रेट (2023): 3.35%।
उदाहरण
- यदि बैंक के पास नकदी की कमी है, तो वह RBI से रेपो रेट पर उधार ले सकता है।
बैंक दर (Bank Rate)
परिभाषा (Definition)
बैंक दर वह दर है जिस पर RBI बैंकों को दीर्घकालिक आधार पर उधार देता है।
विशेषताएँ (Features)
- अल्पकालिक तरलता नहीं:
- बैंक दर का उपयोग दीर्घकालिक ऋण के लिए किया जाता है।
- मुद्रास्फीति और विकास का प्रबंधन:
- बैंक दर में परिवर्तन का उपयोग मुद्रास्फीति या आर्थिक विकास को प्रभावित करने के लिए किया जाता है।
वर्तमान स्थिति (Current Status)
- बैंक दर (2023): 6.75%।
उदाहरण
- यदि बैंक के पास दीर्घकालिक परियोजनाओं के लिए धन की आवश्यकता है, तो वह बैंक दर पर RBI से उधार ले सकता है।
ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO – Open Market Operations)
परिभाषा (Definition)
OMO RBI द्वारा बाजार में मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री है।
विशेषताएँ (Features)
- मुद्रा आपूर्ति बढ़ाना:
- RBI प्रतिभूतियों की खरीद करता है, जिससे बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ता है।
- मुद्रा आपूर्ति घटाना:
- RBI प्रतिभूतियों को बेचता है, जिससे नकदी प्रवाह घटता है।
- मुद्रास्फीति का नियंत्रण:
- OMO का उपयोग मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
वर्तमान स्थिति (Current Status)
- 2023 में RBI ने मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए OMO का उपयोग किया।
उदाहरण
- यदि बाजार में मुद्रा की अधिकता है, तो RBI सरकारी प्रतिभूतियों को बेचकर अतिरिक्त नकदी को हटा सकता है।
इन उपकरणों का उपयोग भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा देश की अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति, तरलता, और ब्याज दर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। ये उपकरण आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।