1. स्थापना (Establishment)
- स्थापना (Founded): जुलाई 1944, ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference) में।
- कार्य शुरू (Operations Began): 27 दिसंबर, 1945।
- मुख्यालय (Headquarters): वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका।
- सदस्य देश (Member Countries): 190 (2023 तक)।
- अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (Managing Director): क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) (2019 से)।
- आधिकारिक भाषा (Official Language): अंग्रेजी।
- मूल उद्देश्य (Primary Objective):
- वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना।
- विनिमय दर स्थिरता सुनिश्चित करना।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करना।
- आर्थिक संकटों को रोकना।
तथ्य: IMF का गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सहयोग के लिए किया गया था।
2. सदस्यता (Membership)
- सदस्य देश (Member Countries):
- वर्तमान में 190 सदस्य देश।
- सदस्य बनने की शर्तें (Membership Requirements):
- IMF की शर्तों और नीतियों को स्वीकार करना।
- देश को अपनी आर्थिक नीतियों की जानकारी IMF को देनी होगी।
- मतदान प्रणाली (Voting System):
- मतदान का अधिकार (Voting Rights) देश के कोटा (Quota) पर आधारित है।
- सबसे अधिक वोटिंग शक्ति अमेरिका (17.43%) के पास है।
- भारत का योगदान (India’s Contribution):
- भारत IMF का संस्थापक सदस्य है।
- भारत का कोटा 2.76% है।
3. संरचना (Structure of IMF)
3.1 बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (Board of Governors)
- IMF का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय।
- प्रत्येक सदस्य देश का एक गवर्नर (आमतौर पर वित्त मंत्री या सेंट्रल बैंक गवर्नर)।
3.2 कार्यकारी बोर्ड (Executive Board)
- 24 कार्यकारी निदेशकों का एक समूह।
- IMF के दिन-प्रतिदिन के कार्यों का संचालन करता है।
3.3 प्रबंध निदेशक (Managing Director)
- IMF का मुख्य कार्यकारी अधिकारी।
- वर्तमान में: क्रिस्टालिना जॉर्जीवा।
3.4 अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति (International Monetary and Financial Committee – IMFC)
- आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर सलाह देता है।
- नीतिगत दिशानिर्देश तैयार करता है।
4. कार्य (Functions of IMF)
4.1 आर्थिक स्थिरता (Economic Stability)
- वैश्विक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना।
- सदस्य देशों को वित्तीय संकटों से उबारना।
4.2 ऋण सहायता (Financial Assistance)
- वित्तीय संकट में फँसे देशों को ऋण प्रदान करना।
- उदाहरण: IMF ने 1991 में भारत को आर्थिक संकट से उबारने के लिए ऋण दिया।
4.3 विनिमय दर की स्थिरता (Exchange Rate Stability)
- मुद्रा विनिमय दरों में स्थिरता बनाए रखना।
- अवमूल्यन (Devaluation) और अतिमूल्यन (Overvaluation) को रोकना।
4.4 तकनीकी सहायता (Technical Assistance)
- सदस्य देशों को आर्थिक प्रबंधन में तकनीकी सहायता प्रदान करना।
- राजकोषीय नीति, मुद्रा नीति, बैंकिंग।
4.5 वैश्विक आर्थिक निगरानी (Global Economic Surveillance)
- सदस्य देशों की आर्थिक नीतियों की निगरानी।
- संकटों की पहचान और निवारण।
4.6 गरीबी उन्मूलन (Poverty Reduction)
- विकासशील देशों में गरीबी कम करने की दिशा में प्रयास।
- कार्यक्रम: PRGF (Poverty Reduction and Growth Facility)।
5. IMF की प्रमुख रिपोर्ट्स (Major Reports of IMF)
5.1 वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (World Economic Outlook – WEO)
- वैश्विक आर्थिक प्रवृत्तियों का पूर्वानुमान।
- आर्थिक विकास दर, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी के आंकड़े।
5.2 ग्लोबल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट (Global Financial Stability Report – GFSR)
- वैश्विक वित्तीय बाजारों में स्थिरता का आकलन।
- वित्तीय जोखिमों की पहचान।
5.3 फिस्कल मॉनिटर (Fiscal Monitor)
- सदस्य देशों की राजकोषीय नीतियों का विश्लेषण।
- वित्तीय घाटे और ऋण पर रिपोर्ट।
5.4 रीजनल इकोनॉमिक आउटलुक (Regional Economic Outlook)
- विभिन्न क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति और नीतियाँ।
- क्षेत्रीय आर्थिक रुझान।
5.5 भारत के लिए IMF रिपोर्ट (IMF Country Report on India)
- भारत की आर्थिक स्थिति और नीतिगत सिफारिशें।
- IMF द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था पर वार्षिक रिपोर्ट।
6. IMF की उपलब्धियाँ (Achievements of IMF)
- वैश्विक वित्तीय स्थिरता (Global Financial Stability): वैश्विक वित्तीय संकटों को नियंत्रित करना।
- अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन की निगरानी (Monitoring of International Transactions): सदस्य देशों की आर्थिक नीतियों का मूल्यांकन।
- वित्तीय सहायता (Financial Assistance): आर्थिक संकट के समय सहायता।
- तकनीकी सहायता (Technical Assistance): विकासशील देशों की मदद।
7. IMF की आलोचना (Criticisms of IMF)
- नीतिगत हस्तक्षेप (Policy Interference): IMF सदस्य देशों की नीतियों में अनावश्यक हस्तक्षेप करता है।
- विकासशील देशों पर दबाव (Pressure on Developing Nations): कठोर शर्तें लागू करता है।
- अमेरिका का प्रभुत्व (US Dominance): IMF पर विकसित देशों, विशेषकर अमेरिका का नियंत्रण।
- गरीबी उन्मूलन में असफलता (Failure in Poverty Alleviation): गरीब देशों में सुधार लाने में असफलता।
8. भारत और IMF (India and IMF)
- सदस्यता: भारत IMF का संस्थापक सदस्य है।
- ऋण सहायता (Loan Assistance): 1991 के आर्थिक संकट में IMF ने भारत को वित्तीय सहायता प्रदान की।
- नीति समर्थन (Policy Support): IMF भारत की आर्थिक नीतियों को तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
- IMF के कोटे में सुधार: भारत IMF में अपना कोटा और वोटिंग पावर बढ़ाने की माँग कर रहा है।
9. निष्कर्ष (Conclusion)
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) वैश्विक वित्तीय स्थिरता और आर्थिक सहयोग को सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण संगठन है। यह न केवल वित्तीय संकटों में देशों की मदद करता है, बल्कि आर्थिक नीतियों के निर्माण और प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हालांकि IMF को विकसित और विकासशील देशों के बीच संतुलन स्थापित करने और अपनी नीतियों में अधिक पारदर्शिता लाने की आवश्यकता है। भारत जैसे देशों के लिए IMF वैश्विक मंच पर आर्थिक नीतियों और निर्णयों में भागीदारी का एक महत्वपूर्ण मंच है।