परिचय (Introduction)
जेपी नायक समिति का गठन 2014 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा बैंकों के स्वायत्तता और संचालन को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया।
- अध्यक्ष: जयप्रकाश नायक (JP Nayak)।
- उद्देश्य:
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks – PSBs) के शासन (Governance) को बेहतर बनाना।
- बैंकों के कामकाज में स्वायत्तता और पारदर्शिता बढ़ाना।
मुख्य सिफारिशें (Key Recommendations)
- बैंक बोर्ड ब्यूरो (Bank Board Bureau – BBB) की स्थापना:
- सरकारी बैंकों में स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक अलग संस्था का गठन।
- भूमिका:
- बैंक बोर्ड के सदस्यों और सीईओ की नियुक्ति।
- बैंकिंग रणनीति और विकास पर ध्यान देना।
- गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) को नियंत्रित करना:
- एनपीए प्रबंधन को प्राथमिकता देना।
- जोखिम प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना।
- स्वायत्तता में वृद्धि (Increase in Autonomy):
- बैंकों को सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त करना।
- बैंकों को निर्णय लेने की स्वतंत्रता प्रदान करना।
- पुनर्पूंजीकरण (Recapitalisation):
- कमजोर बैंकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- पूंजी जुटाने के लिए बाजार आधारित दृष्टिकोण अपनाना।
- बैंकों का पुनर्गठन (Restructuring of Banks):
- छोटे और कमजोर बैंकों को क्षेत्रीय स्तर पर सीमित करना।
- बड़े और सक्षम बैंकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के लिए प्रोत्साहित करना।
परिणाम (Outcomes)
- बैंक बोर्ड ब्यूरो की स्थापना (2016):
- सरकार ने जेपी नायक समिति की सिफारिशों के आधार पर BBB का गठन किया।
- मुख्य कार्य:
- वरिष्ठ बैंक अधिकारियों की नियुक्ति।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए नीतिगत सुझाव।
- बैंकों के संचालन में सुधार:
- बैंकों को अधिक स्वायत्तता और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान की गई।
- एनपीए प्रबंधन में सुधार:
- 2018 के बाद से आईबीसी (Insolvency and Bankruptcy Code) के माध्यम से एनपीए में कमी आई।