ऋण की परिभाषा (Definition of Loan)
ऋण एक वित्तीय साधन है, जिसमें कोई बैंक, वित्तीय संस्थान, या व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को एक निश्चित अवधि के लिए धनराशि उधार देता है, जिसे ब्याज सहित वापस चुकाना होता है।
ऋण के प्रकार (Types of Loans)
1. व्यक्तिगत ऋण (Personal Loan):
- उद्देश्य: व्यक्तिगत आवश्यकताओं जैसे चिकित्सा, यात्रा, या अन्य खर्चों के लिए।
- विशेषताएँ:
- बिना संपत्ति की गारंटी (Unsecured Loan)।
- ब्याज दर: 10-15% प्रति वर्ष।
- अवधि: 1 से 5 वर्ष।
2. गृह ऋण (Home Loan):
- उद्देश्य: मकान खरीदने, बनाने, या मरम्मत के लिए।
- विशेषताएँ:
- संपत्ति को गारंटी के रूप में रखा जाता है।
- ब्याज दर: 6.5-8% प्रति वर्ष।
- अवधि: 10 से 30 वर्ष।
3. शिक्षा ऋण (Education Loan):
- उद्देश्य: उच्च शिक्षा के लिए।
- विशेषताएँ:
- ट्यूशन फीस, रहने का खर्च शामिल।
- ब्याज दर: 7-9% प्रति वर्ष।
- अवधि: 5-15 वर्ष।
4. वाहन ऋण (Vehicle Loan):
- उद्देश्य: दोपहिया या चारपहिया वाहन खरीदने के लिए।
- विशेषताएँ:
- ब्याज दर: 7-10% प्रति वर्ष।
- अवधि: 3-7 वर्ष।
5. व्यावसायिक ऋण (Business Loan):
- उद्देश्य: व्यापार की स्थापना या विस्तार के लिए।
- विशेषताएँ:
- बिना गारंटी के (Unsecured) या गारंटी के साथ (Secured)।
- ब्याज दर: 8-12% प्रति वर्ष।
6. कृषि ऋण (Agricultural Loan):
- उद्देश्य: खेती, उपकरण, बीज, और उर्वरक के लिए।
- विशेषताएँ:
- ब्याज दर: 4-7% प्रति वर्ष (सब्सिडी के साथ)।
- अवधि: 1-10 वर्ष।
पीएलआर (PLR – Prime Lending Rate)
परिभाषा (Definition):
पीएलआर वह न्यूनतम ब्याज दर है जिस पर बैंक अपने सबसे भरोसेमंद और क्रेडिटवर्थी ग्राहकों को ऋण प्रदान करता है।
विशेषताएँ:
- ब्याज की गणना का आधार:
- अन्य ऋणों के लिए ब्याज दर को पीएलआर के ऊपर कुछ प्रतिशत जोड़ा जाता है।
- उदाहरण: यदि पीएलआर 8% है और व्यक्तिगत ऋण 2% ऊपर है, तो व्यक्तिगत ऋण की ब्याज दर 10% होगी।
- नियंत्रण:
- प्रत्येक बैंक का अपना पीएलआर होता है।
- यह आरबीआई के दिशा-निर्देशों पर आधारित है।
बेस रेट और एमसीएलआर (Base Rate and MCLR)
बेस रेट (Base Rate)
परिभाषा (Definition):
बेस रेट वह न्यूनतम ब्याज दर है जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को ऋण प्रदान कर सकते हैं। यह पीएलआर की जगह 2010 में लागू किया गया।
विशेषताएँ:
- पारदर्शिता (Transparency):
- बेस रेट ने ब्याज दर को अधिक पारदर्शी बनाया।
- प्रभाव:
- बैंक बेस रेट से नीचे ब्याज दर पर ऋण नहीं दे सकते।
- निर्धारण का आधार:
- बैंक के परिचालन खर्च, नकदी लागत, और लाभ मार्जिन पर आधारित।
एमसीएलआर (MCLR – Marginal Cost of Funds Based Lending Rate)
परिभाषा (Definition):
एमसीएलआर वह दर है जिस पर बैंक अपने ऋणों की न्यूनतम ब्याज दर तय करते हैं। यह बेस रेट प्रणाली की जगह 1 अप्रैल 2016 को लागू हुई।
विशेषताएँ:
- आधारित प्रणाली (Cost-Based System):
- यह बैंक की धन की सीमांत लागत (Marginal Cost of Funds) पर आधारित है।
- समीक्षा:
- एमसीएलआर को हर महीने अपडेट किया जाता है।
- लाभ:
- ब्याज दर में गिरावट तेजी से ग्राहकों तक पहुँचती है।
पीएलआर, बेस रेट और एमसीएलआर में अंतर (Difference between PLR, Base Rate, and MCLR)
पैरामीटर | पीएलआर (PLR) | बेस रेट (Base Rate) | एमसीएलआर (MCLR) |
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परिभाषा | न्यूनतम ब्याज दर, सबसे भरोसेमंद ग्राहकों के लिए। | न्यूनतम ब्याज दर, 2010 में लागू। | सीमांत लागत पर आधारित, 2016 में लागू। |
पारदर्शिता | कम पारदर्शी। | पारदर्शी। | अधिक पारदर्शी। |
निर्धारण का आधार | बैंक की लागत और लाभ। | परिचालन खर्च और लाभ। | धन की सीमांत लागत। |
समयावधि | आरंभ से 2010 तक। | 2010 से 2016। | 2016 से वर्तमान। |
अद्यतन | समय-समय पर। | समय-समय पर। | मासिक आधार पर। |
उदाहरण
- एमसीएलआर प्रणाली:
यदि बैंक का एमसीएलआर 6.5% है और गृह ऋण के लिए 0.5% का मार्जिन जोड़ा जाता है, तो ब्याज दर 7% होगी। - बेस रेट प्रणाली:
यदि बैंक का बेस रेट 8% है, तो किसी ऋण पर ब्याज दर बेस रेट से नीचे नहीं हो सकती।
ऋण प्रणाली को समय के साथ अधिक पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाने के लिए पीएलआर, बेस रेट, और एमसीएलआर जैसी प्रणालियाँ लागू की गईं। एमसीएलआर प्रणाली वर्तमान में भारतीय बैंकिंग प्रणाली में ऋण देने की सबसे व्यापक प्रणाली है।