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एनपीए से निपटने के उपाय (Measures to Address NPAs)

एनपीए की समस्या से निपटने के लिए भारतीय सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने विभिन्न योजनाएँ, अधिनियम, और सुधारात्मक कदम उठाए हैं। इन उपायों का उद्देश्य बैंकों की वित्तीय स्थिति को सुधारना और साख प्रणाली को स्थिर बनाना है।


1. ट्रिब्यूनल और अधिनियम (Tribunals and Acts)

a. डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (Debt Recovery Tribunal – DRT)

  • परिचय:
    • DRT की स्थापना 1993 में डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल अधिनियम, 1993 के तहत की गई।
  • उद्देश्य:
    • बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ₹10 लाख या उससे अधिक के ऋण वसूली मामलों को सुलझाने के लिए तेज़ और कुशल मंच प्रदान करना।
  • मुख्य बिंदु:
    • वसूली के मामलों को 180 दिनों के भीतर हल करना।
    • प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाना।

b. सरफेसी अधिनियम (SARFAESI Act, 2002)

  • परिचय:
    • SARFAESI (Securitisation and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of Security Interest Act) 2002 में लागू हुआ।
  • उद्देश्य:
    • बैंकों और वित्तीय संस्थानों को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों की वसूली में मदद करना।
  • प्रमुख प्रावधान:
    1. बैंकों को संपत्ति जब्त करने और नीलामी करने का अधिकार।
    2. एनपीए को परिसंपत्तियों में परिवर्तित करके पुनर्पूंजीकरण।

c. इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (Insolvency and Bankruptcy Code – IBC, 2016)

  • परिचय:
    • IBC का उद्देश्य ऋण समाधान प्रक्रिया को व्यवस्थित करना और वसूली प्रक्रिया को तेज़ करना है।
  • मुख्य बिंदु:
    1. दिवालिया कंपनियों के लिए 180 दिनों की समय सीमा।
    2. राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा मामलों का निपटारा।
    3. बैंकों को बकाया वसूली में प्राथमिकता।

d. ARC (Asset Reconstruction Companies)

  • परिचय:
    • इन कंपनियों का उद्देश्य एनपीए परिसंपत्तियों का अधिग्रहण और पुनर्गठन करना है।
  • उदाहरण:
    • ARCIL (Asset Reconstruction Company of India)।

2. मिशन इंद्रधनुष (Mission Indradhanush)

परिचय:

मिशन इंद्रधनुष को 2015 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) की स्थिति सुधारने के लिए शुरू किया गया। इसका उद्देश्य एनपीए को कम करना, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना, और बैंकों की दक्षता बढ़ाना है।

मुख्य घटक (Key Components)

  1. पुनर्पूंजीकरण (Recapitalization):
    • कमजोर बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराना।
    • 2017-19 के दौरान ₹2.11 लाख करोड़ का पुनर्पूंजीकरण पैकेज।
  2. सुधारात्मक कदम (Reforms):
    • बैंकों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बढ़ाना।
  3. बोर्ड में सुधार (Board Reforms):
    • बैंक बोर्ड ब्यूरो (BBB) की स्थापना।
    • वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति में सुधार।
  4. एनपीए की निगरानी (NPA Monitoring):
    • खराब ऋण के मामलों में तेजी से कार्रवाई।
    • समय पर एनपीए की पहचान और समाधान।
  5. डिजिटलाइजेशन और प्रोफेशनलाइजेशन:
    • प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं में सुधार।

परिणाम:

  • मिशन इंद्रधनुष ने बैंकों की बैलेंस शीट को सुधारने और एनपीए के समाधान में योगदान दिया।

3. भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (Fugitive Economic Offenders Act, 2018)

परिचय:

यह अधिनियम 2018 में लागू किया गया और इसका उद्देश्य भारत छोड़कर भागे हुए आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना है।

मुख्य प्रावधान (Key Provisions)

  1. भगोड़ा आर्थिक अपराधी (Fugitive Economic Offender):
    • ₹100 करोड़ या उससे अधिक के आर्थिक अपराध में शामिल व्यक्ति, जो जांच या सुनवाई से बचने के लिए विदेश भाग गया हो।
  2. संपत्ति जब्ती (Attachment of Property):
    • भगोड़े अपराधियों की संपत्ति को जब्त करना।
    • बेनामी संपत्ति और विदेशी संपत्ति भी इसमें शामिल।
  3. विशेष न्यायालय (Special Courts):
    • आर्थिक अपराधियों के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय स्थापित।

प्रमुख उदाहरण (Key Examples):

  1. विजय माल्या (Kingfisher Airlines):
    • ₹9,000 करोड़ से अधिक के ऋण धोखाधड़ी मामले में भगोड़ा घोषित।
  2. नीरव मोदी और मेहुल चौकसी (PNB Scam):
    • ₹13,000 करोड़ के घोटाले के आरोपी।

महत्व (Significance):

  • बैंकों की वसूली प्रक्रिया को मजबूत किया।
  • आर्थिक अपराधों में जवाबदेही और पारदर्शिता लाई।

एनपीए प्रबंधन के अन्य उपाय (Other Measures for NPA Management)

  1. 5:25 योजना (5:25 Scheme):
    • दीर्घकालिक परियोजनाओं के लिए पुनर्गठन योजना।
  2. S4A (Scheme for Sustainable Structuring of Stressed Assets):
    • आर्थिक रूप से व्यवहार्य परिसंपत्तियों का पुनर्गठन।
  3. बैड बैंक (Bad Bank):
    • एक नई इकाई जो एनपीए को बैंकों की बैलेंस शीट से हटाकर उसका समाधान करती है।
    • नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) का गठन 2021 में किया गया।
  4. ऋण वसूली एजेंसियाँ (Debt Recovery Agencies):
    • वसूली प्रक्रिया में तेजी।

इन उपायों ने एनपीए को कम करने, बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने, और अर्थव्यवस्था में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, एनपीए प्रबंधन में स्थिरता और सुधार लाने के लिए और अधिक नवाचार और सुधार की आवश्यकता है।

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