बैंकों का विलय (Merger of Banks)
परिचय: बैंकों के विलय का अर्थ है दो या दो से अधिक बैंकों को मिलाकर एक बड़ी और मजबूत इकाई बनाना। भारत में, सरकार ने बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने, दक्षता बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए, विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के विलय की नीति अपनाई है। इस विचार की सिफारिश सबसे पहले नरसिंहम समिति (1991 और 1998) ने की थी।
प्रमुख बैंक विलय
1993: न्यू बैंक ऑफ इंडिया का PNB में विलय
यह भारत में दो राष्ट्रीयकृत बैंकों का पहला विलय था।
2017: SBI और उसके सहयोगी बैंकों का विलय
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में उसके पांच सहयोगी बैंकों (स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर) के साथ-साथ भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया गया। इस विलय ने SBI को दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल कर दिया।
2019-20: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का बड़ा विलय (Mega Merger)
1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हुए इस विलय में, 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मिलाकर 4 बड़े बैंक बनाए गए, जिससे PSBs की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई।
- पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय हुआ।
- केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय हुआ।
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय हुआ।
- इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय हुआ।
विलय के उद्देश्य
- बड़े और मजबूत बैंक बनाना: बड़े बैंक अधिक ऋण दे सकते हैं और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
- दक्षता में सुधार: शाखाओं के दोहराव को कम करके और प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके परिचालन लागत को कम करना।
- NPA प्रबंधन में सुधार: बड़े बैंकों की जोखिम प्रबंधन क्षमता बेहतर होती है, जिससे वे गैर-निष्पादित आस्तियों (NPAs) से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं।
- पूंजी आधार को मजबूत करना: विलय से बैंकों का पूंजी आधार बढ़ता है, जिससे उनकी ऋण देने की क्षमता और वित्तीय स्थिरता में वृद्धि होती है।
विलय के लाभ और चुनौतियां
लाभ (Advantages)
- परिचालन लागत में कमी और दक्षता में वृद्धि।
- बेहतर जोखिम प्रबंधन और कम NPA।
- ग्राहकों को व्यापक नेटवर्क और बेहतर सेवाओं का लाभ।
- वैश्विक बाजार में भारतीय बैंकों की बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धात्मकता।
चुनौतियाँ (Challenges)
- मानव संसाधन एकीकरण: विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों और कार्य संस्कृतियों का एकीकरण एक बड़ी चुनौती है।
- प्रौद्योगिकी एकीकरण: अलग-अलग बैंकों के कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) और अन्य आईटी प्लेटफॉर्म को एकीकृत करना जटिल और समय लेने वाला है।
- क्षेत्रीय पहचान का नुकसान: छोटे बैंकों के विलय से उनकी क्षेत्रीय पहचान और स्थानीय जुड़ाव समाप्त हो सकता है।