परिचय (Introduction)
मिशन इंद्रधनुष भारतीय सरकार द्वारा 2015 में शुरू किया गया एक सुधारात्मक कदम है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks – PSBs) को अधिक कुशल, पारदर्शी और वित्तीय रूप से मजबूत बनाना है।
- इस मिशन का नाम सात सुधारात्मक कदमों के आधार पर रखा गया है, जो बैंकों के सुधार के सात पहलुओं को दर्शाते हैं।
- इसका मुख्य उद्देश्य एनपीए प्रबंधन, पूंजी पुनर्पूंजीकरण, और बैंकों की प्रशासनिक क्षमताओं को सुधारना है।
उद्देश्य (Objectives)
- एनपीए कम करना:
- गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) की वसूली में सुधार करना।
- बैंकों का वित्तीय सशक्तिकरण:
- बैंकों की बैलेंस शीट को मजबूत करना।
- गवर्नेंस सुधार:
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
- डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा:
- बैंकिंग सेवाओं में तकनीकी सुधार।
मिशन इंद्रधनुष के सात चरण (Seven Steps of Mission Indradhanush)
1. नियुक्ति (Appointments)
- बैंकों में नेतृत्व सुधार:
- वरिष्ठ प्रबंधन और सीईओ की नियुक्ति में सुधार।
- बेहतर नेतृत्व के लिए योग्य और अनुभवी अधिकारियों का चयन।
- बैंक बोर्ड ब्यूरो (Bank Board Bureau – BBB) की स्थापना।
- BBB की भूमिका:
- बैंक के शीर्ष अधिकारियों की नियुक्ति।
- बैंकिंग सुधारों के लिए नीतिगत सुझाव।
- BBB की भूमिका:
2. बैंक बोर्ड ब्यूरो (Bank Board Bureau – BBB)
- स्थापना:
- 2016 में स्थापित।
- कार्य:
- बैंक बोर्ड की संरचना और कार्यप्रणाली में सुधार।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करना।
3. पूंजी पुनर्पूंजीकरण (Recapitalization)
- उद्देश्य:
- कमजोर बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराना।
- आर्थिक सहायता:
- 2017-2019 के दौरान ₹2.11 लाख करोड़ का पुनर्पूंजीकरण पैकेज प्रदान किया गया।
- महत्व:
- बैंकों की बैलेंस शीट को मजबूत बनाना और ऋण देने की क्षमता में वृद्धि।
4. एनपीए प्रबंधन (NPA Management)
- सख्त निगरानी और वसूली तंत्र:
- एनपीए की समय पर पहचान और समाधान।
- SARFAESI Act और IBC (Insolvency and Bankruptcy Code) जैसे कानूनी उपकरणों का उपयोग।
- बैड बैंक की अवधारणा:
- एनपीए को प्रबंधित करने के लिए बैड बैंक की स्थापना।
5. डिजिटलीकरण (Digitization)
- तकनीकी सुधार:
- बैंकिंग प्रणाली को डिजिटल तकनीक से लैस करना।
- कोर बैंकिंग समाधान (Core Banking Solutions) को बढ़ावा।
- डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ:
- UPI, IMPS, और इंटरनेट बैंकिंग का विस्तार।
6. उत्तरदायित्व और पारदर्शिता (De-stressing PSBs)
- कार्यप्रणाली में सुधार:
- पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम।
- वित्तीय अनुशासन:
- ऋण स्वीकृति और निगरानी में सुधार।
7. समर्पित बैंकिंग संरचना (Focused Banking Structure)
- विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान:
- MSME, कृषि, और बुनियादी ढाँचे जैसे प्राथमिकता क्षेत्रों के लिए विशेष बैंकिंग सेवाएँ।
- विलय और एकीकरण:
- कमजोर बैंकों को बड़े और मजबूत बैंकों के साथ मिलाना।
महत्वपूर्ण तथ्य (Key Facts)
- बैंक बोर्ड ब्यूरो की स्थापना: 2016।
- पुनर्पूंजीकरण पैकेज: ₹2.11 लाख करोड़ (2017-2019)।
- एनपीए प्रबंधन सुधार: SARFAESI और IBC जैसे कानूनों के माध्यम से।
मिशन इंद्रधनुष ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में वित्तीय स्थिरता लाने, एनपीए की समस्या से निपटने, और बैंकिंग प्रणाली में सुधार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके सात सुधारात्मक चरणों ने बैंकिंग प्रणाली को अधिक पारदर्शी, कुशल, और प्रौद्योगिकी समर्थ बनाया है। यह पहल भारतीय बैंकिंग प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है।