परिभाषा (Definition):
मुद्रा किसी भी वस्तु या उपकरण को कहते हैं जिसे लेन-देन के माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाता है। यह मूल्य का मापदंड, विनिमय का साधन, और संपत्ति का संग्रहण उपकरण है।
- पॉल सैमुएलसन के अनुसार: “मुद्रा वह है जिसे लोग सामान्यत: वस्तुओं और सेवाओं की अदला-बदली के लिए स्वीकार करते हैं।”
मुद्रा की विशेषताएँ (Characteristics of Money):
- स्वीकृति (Acceptability): मुद्रा को सभी लोग लेन-देन के माध्यम के रूप में स्वीकार करते हैं।
- संपत्ति का भंडारण (Store of Value): मुद्रा का उपयोग धन को भविष्य के लिए संग्रहित करने में किया जा सकता है।
- सुवाह्यता (Portability): मुद्रा को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जा सकता है।
- समानता (Uniformity): हर मुद्रा का एक समान मूल्य होता है।
- दृढ़ता (Durability): मुद्रा लंबे समय तक उपयोग के लिए टिकाऊ होनी चाहिए।
- विभाज्यता (Divisibility): मुद्रा को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित किया जा सकता है।
मुद्रा के कार्य (Functions of Money):
- विनिमय का माध्यम (Medium of Exchange): वस्तुओं और सेवाओं की खरीद-बिक्री में मदद करता है।
- मूल्य का मापदंड (Measure of Value): वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को मापने के लिए एक सामान्य मापदंड प्रदान करता है।
- संपत्ति का संग्रहण (Store of Value): मुद्रा का उपयोग भविष्य के लिए संपत्ति को सुरक्षित रखने में किया जाता है।
- ऋण का निपटान (Settlement of Debt): उधार को चुकाने में मदद करता है।
मुद्रा के प्रकार (Types of Money)
1. वस्तु मुद्रा (Commodity Money):
- यह मुद्रा उस वस्तु से बनी होती है जिसका स्वयं में मूल्य होता है।
- उदाहरण: सोना, चांदी, अनाज, नमक।
- विशेषताएँ:
- इसका आंतरिक मूल्य होता है।
- प्राचीन समय में इसका उपयोग किया जाता था।
2. प्रतीक मुद्रा (Token Money):
- ऐसी मुद्रा जिसका आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) कम और बाजार मूल्य अधिक होता है।
- उदाहरण: सिक्के, कागज मुद्रा।
- विशेषताएँ:
- यह सरकारी मान्यता पर आधारित होती है।
- इसे वैधानिक मुद्रा माना जाता है।
3. वैकल्पिक मुद्रा (Alternative Money)
डीडी (Demand Draft):
- एक बैंक द्वारा जारी किया गया लिखित आदेश, जिसमें एक निश्चित राशि को निर्दिष्ट व्यक्ति को भुगतान किया जाता है।
- उपयोग: बड़े लेन-देन और सुरक्षित भुगतान।
चेक और चालान (Cheque and Challan):
- चेक: यह एक बैंक खाते से राशि निकालने का आदेश है।
- विशेषताएँ:
- गैर-नकद भुगतान का साधन।
- सुरक्षित और सुविधाजनक।
- विशेषताएँ:
- चालान: यह एक दस्तावेज़ है जो भुगतान की जानकारी दर्ज करने के लिए उपयोग होता है।
- उपयोग: कर या शुल्क का भुगतान।
प्लास्टिक मुद्रा (Plastic Money):
- डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, और प्रीपेड कार्ड को प्लास्टिक मुद्रा कहा जाता है।
- विशेषताएँ:
- सुरक्षित और नकदी रहित लेन-देन।
- ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में उपयोगी।
4. वैध और अवैध मुद्रा (Legal and Illegal Money)
वैध मुद्रा (Legal Money):
- यह सरकार द्वारा जारी की गई मुद्रा होती है, जिसे कानूनन लेन-देन के लिए स्वीकार किया जाता है।
- उदाहरण: भारतीय रुपया, अमेरिकी डॉलर।
अवैध मुद्रा (Illegal Money):
- ऐसी मुद्रा जो कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है या नकली मुद्रा।
- उदाहरण: नकली नोट, चोरी की गई मुद्रा।
5. ई-मुद्रा (E-Money):
- ई-मुद्रा डिजिटल रूप में जारी की गई मुद्रा है, जो इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन के लिए उपयोग की जाती है।
- उदाहरण: वॉलेट (Paytm, Google Pay), क्रिप्टोकरेंसी (Bitcoin)।
- विशेषताएँ:
- तेज और सुरक्षित।
- भौतिक मुद्रा की आवश्यकता नहीं।
भारत में मुद्रा से संबंधित तथ्य (Key Facts about Money in India)
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): भारत में मुद्रा जारी करने का अधिकार केवल भारतीय रिजर्व बैंक के पास है।
- कागजी मुद्रा का इतिहास: भारत में कागजी मुद्रा पहली बार 1770 में जारी की गई थी।
- डिजिटल लेन-देन:
- 2023 में डिजिटल भुगतान का वार्षिक मूल्य: ₹20 लाख करोड़।
- यूपीआई (UPI) भुगतान ने ई-मुद्रा के उपयोग को तेज़ी से बढ़ाया।
- सिक्के:
- वर्तमान में ₹1, ₹2, ₹5, ₹10 और ₹20 के सिक्के प्रचलन में हैं।
- प्लास्टिक मुद्रा:
- भारत में 2023 तक डेबिट कार्ड धारकों की संख्या 90 करोड़ थी।