मुद्रा (Money)
परिभाषा: मुद्रा कोई भी ऐसी वस्तु है जिसे विनिमय के माध्यम, मूल्य के मापक, मूल्य के संचय और ऋणों के भुगतान के मानक के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। यह वस्तु विनिमय प्रणाली (Barter System) की कठिनाइयों को दूर करती है।
मुद्रा की विशेषताएँ
- सर्वस्वीकार्यता (General Acceptability): इसे सभी लोग लेन-देन के लिए स्वीकार करते हैं।
- सुवाह्यता (Portability): इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।
- टिकाऊपन (Durability): यह जल्दी नष्ट नहीं होती।
- विभाज्यता (Divisibility): इसे छोटे मूल्यों में विभाजित किया जा सकता है।
- एकरूपता (Homogeneity): एक ही मूल्य की सभी इकाइयां समान होती हैं।
मुद्रा के कार्य
- प्राथमिक कार्य (Primary Functions):
- विनिमय का माध्यम (Medium of Exchange): यह वस्तुओं और सेवाओं की खरीद-बिक्री को सुगम बनाती है।
- मूल्य का मापक (Measure of Value): यह सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को मापने के लिए एक सामान्य इकाई प्रदान करती है।
- गौण कार्य (Secondary Functions):
- मूल्य का संचय (Store of Value): धन को भविष्य के उपयोग के लिए बचाया जा सकता है।
- स्थगित भुगतानों का मान (Standard of Deferred Payments): यह भविष्य में किए जाने वाले भुगतानों (ऋण) के लिए एक मानक प्रदान करती है।
- मूल्य का हस्तांतरण (Transfer of Value): मुद्रा के रूप में मूल्य को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से हस्तांतरित किया जा सकता है।
मुद्रा के प्रकार
वस्तु मुद्रा (Commodity Money)
यह मुद्रा उस वस्तु से बनी होती है जिसका स्वयं में आंतरिक मूल्य (intrinsic value) होता है। उदाहरण: प्राचीन काल में सोना, चांदी, अनाज, नमक।
आदिष्ट/फिएट मुद्रा (Fiat Money)
यह वह मुद्रा है जिसका अपना कोई आंतरिक मूल्य नहीं होता, लेकिन सरकार के आदेश द्वारा इसे विनिमय का माध्यम घोषित किया जाता है। इसका अंकित मूल्य (face value) इसके वस्तु मूल्य से बहुत अधिक होता है। उदाहरण: सभी आधुनिक सिक्के और कागजी नोट।
साख मुद्रा (Fiduciary Money)
यह वह मुद्रा है जो भुगतानकर्ता और प्राप्तकर्ता के बीच विश्वास पर आधारित होती है। इसे स्वीकार करना कानूनी रूप से अनिवार्य नहीं है। उदाहरण: चेक, डिमांड ड्राफ्ट (DD), विनिमय पत्र (Bill of Exchange)।
प्लास्टिक मुद्रा (Plastic Money)
यह नकदी के विकल्प के रूप में उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक कार्ड को संदर्भित करता है। उदाहरण: डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड।
ई-मुद्रा (E-Money) / डिजिटल मुद्रा
यह मुद्रा का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जो कंप्यूटर नेटवर्क, विशेष रूप से इंटरनेट के माध्यम से लेन-देन के लिए उपयोग की जाती है। उदाहरण: डिजिटल वॉलेट (Paytm, Google Pay), UPI, इंटरनेट बैंकिंग, क्रिप्टोकरेंसी (Bitcoin, Ethereum)।
भारत में मुद्रा से संबंधित तथ्य
- जारीकर्ता: भारत में ₹1 के नोट और सभी सिक्कों को छोड़कर सभी करेंसी नोट जारी करने का एकमात्र अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास है। ₹1 का नोट वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है।
- डिजिटल भुगतान: भारत का एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) दुनिया की सबसे सफल डिजिटल भुगतान प्रणालियों में से एक बन गया है, जो हर महीने अरबों लेन-देन संसाधित करता है।
- वैध मुद्रा (Legal Tender): वह मुद्रा जिसे कोई भी व्यक्ति या संस्था ऋण के भुगतान के लिए स्वीकार करने से कानूनी रूप से इनकार नहीं कर सकता। भारत में, सभी सिक्के और नोट वैध मुद्रा हैं।