गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFCs)
परिभाषा: गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत एक कंपनी है जो ऋण और अग्रिम, शेयरों/स्टॉक/बॉन्ड की खरीद, बीमा व्यवसाय या चिट फंड जैसे व्यवसायों में लगी हुई है। हालांकि ये बैंकों जैसे कार्य करती हैं, लेकिन ये पूर्ण बैंक नहीं होतीं।
NBFCs और बैंकों में मुख्य अंतर
- NBFCs मांग जमा (Demand Deposits) स्वीकार नहीं कर सकतीं।
- NBFCs भुगतान और निपटान प्रणाली का हिस्सा नहीं होतीं और स्वयं पर आहरित चेक जारी नहीं कर सकतीं।
- NBFCs के जमाकर्ताओं को जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।
NBFCs के प्रकार
- संपत्ति वित्त कंपनियां (Asset Finance Companies – AFCs): ये वाहन या मशीनरी जैसी भौतिक संपत्तियों के वित्तपोषण में विशेषज्ञ होती हैं।
- निवेश कंपनियां (Investment Companies): ये प्रतिभूतियों (शेयर, बॉन्ड) के अधिग्रहण का कारोबार करती हैं।
- माइक्रोफाइनेंस संस्थाएं (Microfinance Institutions – MFIs): ये कम आय वाले समूहों को छोटे ऋण प्रदान करती हैं।
- हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (Housing Finance Companies – HFCs): ये घर खरीदने या बनाने के लिए ऋण प्रदान करती हैं।
पेमेंट बैंक (Payment Banks)
परिभाषा: पेमेंट बैंक एक नए प्रकार का विभेदित बैंक (differentiated bank) है, जिसकी अवधारणा नचिकेत मोर समिति की सिफारिशों पर की गई थी। इनका मुख्य उद्देश्य छोटे बचतकर्ताओं, प्रवासी श्रमिकों और कम आय वाले परिवारों को प्रेषण (remittance) और जमा सेवाएं प्रदान करके वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB)
IPPB भारत सरकार के डाक विभाग के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का पेमेंट बैंक है, जिसे 1 सितंबर 2018 को लॉन्च किया गया था।
- मुख्य सेवाएं:
- यह प्रति खाता ₹2 लाख तक की जमा राशि स्वीकार कर सकता है।
- यह ATM/डेबिट कार्ड जारी कर सकता है, लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकता।
- यह ऋण देने की गतिविधियों में संलग्न नहीं हो सकता।
- यह अपने विशाल डाकघर नेटवर्क के माध्यम से भुगतान और प्रेषण सेवाएं प्रदान करता है।
NBFCs और पेमेंट बैंक के बीच अंतर
| आधार | गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) | पेमेंट बैंक (Payment Bank) |
|---|---|---|
| ऋण देना | ऋण और क्रेडिट सुविधाएं प्रदान कर सकती हैं। | ऋण और क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकते। |
| जमा स्वीकार करना | मांग जमा स्वीकार नहीं कर सकतीं, केवल सावधि जमा स्वीकार कर सकती हैं। | ₹2 लाख प्रति ग्राहक तक की मांग और बचत जमा स्वीकार कर सकते हैं। |
| मुख्य उद्देश्य | लाभ कमाने के उद्देश्य से ऋण और निवेश। | वित्तीय समावेशन, भुगतान और प्रेषण सेवाएं प्रदान करना। |
अभ्यास प्रश्न (MCQs)
1. निम्नलिखित में से कौन सी एक NBFC की विशेषता नहीं है?
2. पेमेंट बैंकों की अवधारणा की सिफारिश किस समिति ने की थी?
3. एक पेमेंट बैंक प्रति ग्राहक अधिकतम कितनी जमा राशि स्वीकार कर सकता है?
4. निम्नलिखित में से कौन सा कार्य पेमेंट बैंक नहीं कर सकता है?
5. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) का स्वामित्व किसके पास है?
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1: भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और पेमेंट बैंकों की भूमिका का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। वे पारंपरिक बैंकों से कैसे भिन्न हैं और किन चुनौतियों का सामना करते हैं? (250 शब्द)