स्थापना (Establishment)
- स्थापना तिथि: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई।
- संविधानात्मक आधार: इसे भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत स्थापित किया गया।
- शुरुआती भूमिका:
- ब्रिटिश सरकार के अधीन मुद्रा और क्रेडिट प्रणाली का प्रबंधन।
- भारत में इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया के कार्यभार को संभालना।
राष्ट्रीयकरण (Nationalisation)
- कब हुआ: 1 जनवरी 1949।
- क्यों किया गया:
- भारतीय अर्थव्यवस्था को नियंत्रित और संगठित करने के लिए।
- कृषि, उद्योग, और व्यापार क्षेत्रों में संतुलन स्थापित करना।
- परिणाम:
- RBI एक पूर्ण सरकारी स्वामित्व वाला संस्थान बन गया।
- यह आर्थिक विकास के लिए नीतिगत निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा।
मुख्यालय (Headquarters)
- शुरुआत में: भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्यालय शुरुआत में कोलकाता में स्थित था।
- वर्तमान में: 1937 में इसका मुख्यालय मुंबई (महाराष्ट्र) स्थानांतरित कर दिया गया।
- पता:
- रिजर्व बैंक भवन, शाहिद भगत सिंह रोड, फोर्ट, मुंबई।
- महत्व: मुख्यालय RBI के संचालन और निर्णय लेने का प्रमुख केंद्र है।
भारतीय रिजर्व बैंक का संगठन (Organization of Reserve Bank of India)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का प्रबंधन एक केन्द्रीय बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा किया जाता है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत स्थापित किया गया है। यह बोर्ड RBI की नीतियों और संचालन के लिए जिम्मेदार है।
प्रमुख पदाधिकारी (Key Officials)
- गवर्नर (Governor):
- गवर्नर RBI का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) होता है।
- वह बैंक के सभी कार्यों और नीतियों का नेतृत्व करता है।
- कार्यकाल: गवर्नर का कार्यकाल 3 वर्ष होता है, जिसे सरकार द्वारा बढ़ाया जा सकता है।
- वर्तमान गवर्नर (2023): शक्तिकांत दास।
- डिप्टी गवर्नर्स (Deputy Governors):
- गवर्नर की सहायता के लिए 4 डिप्टी गवर्नर होते हैं।
- इनमें से दो आरक्षित बैंक कैडर से होते हैं, एक वाणिज्यिक बैंकिंग से और एक आर्थिक नीति विशेषज्ञ होता है।
- कार्यकाल: डिप्टी गवर्नर्स का कार्यकाल 3 से 5 वर्ष तक हो सकता है।
- निदेशक मंडल (Board of Directors):
- यह बोर्ड गवर्नर और डिप्टी गवर्नर्स के साथ काम करता है।
- बोर्ड में 21 सदस्य होते हैं:
- गवर्नर और डिप्टी गवर्नर्स।
- भारत सरकार द्वारा नामित 10 निदेशक।
- 2 सरकारी अधिकारी।
- 4 क्षेत्रीय निदेशक।
- कार्यकारी निदेशक (Executive Directors):
- कार्यकारी निदेशक RBI के विभागीय कार्यों की निगरानी करते हैं।
- सचिवालय और विभाग:
- RBI के संचालन के लिए कई विभाग हैं, जैसे मुद्रा नीति विभाग, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, विदेशी मुद्रा प्रबंधन विभाग।
महत्वपूर्ण बिंदु (Key Highlights):
- स्वायत्तता: RBI एक स्वायत्त निकाय है, लेकिन इसके निर्णयों में भारत सरकार का भी प्रभाव होता है।
- बैठकें: मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक हर दो महीने में होती है।
- निर्णय लेने की प्रक्रिया: गवर्नर और बोर्ड सामूहिक रूप से RBI की नीति निर्धारण में भाग लेते हैं।
कार्य (Functions)
भारतीय रिजर्व बैंक भारतीय वित्तीय प्रणाली का केंद्रीय स्तंभ है। इसके कार्यों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
- मुद्रा जारी करना (Issuance of Currency):
- ₹2 और उससे अधिक मूल्य के नोटों को छापने का अधिकार RBI के पास है।
- ₹1 का नोट भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है।
- मुद्रा जारी करने का आधार न्यूनतम आरक्षित प्रणाली (Minimum Reserve System) है।
- मौद्रिक नीति का संचालन (Implementation of Monetary Policy):
- अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और तरलता को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, और नकद आरक्षित अनुपात (CRR) का उपयोग।
- उदाहरण: मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए ब्याज दरों में बदलाव।
- वाणिज्यिक बैंकों का नियमन (Regulation of Commercial Banks):
- बैंकों के लाइसेंस जारी करना।
- नकद आरक्षित अनुपात और सांविधिक तरलता अनुपात (SLR) का निर्धारण।
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन (Forex Management):
- विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन।
- भारतीय रुपये के विनिमय दर को स्थिर बनाए रखना।
- कर्ज नियंत्रण (Credit Control):
- अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति को नियंत्रित करना।
- उदाहरण: कृषि और सूक्ष्म उद्योगों के लिए विशेष ऋण योजनाएँ।
- वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना (Ensuring Financial Stability):
- वित्तीय संकट के समय बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सहायता प्रदान करना।
- सिस्टमिक रिस्क को कम करना।
क्षेत्रीय परिषदें (Regional Councils)
- भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियों को पूरा करने और विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए हैं।
- कुल क्षेत्रीय कार्यालय: 31 (जिनमें से 4 मुख्य क्षेत्रीय कार्यालय हैं)।
मुख्य क्षेत्रीय कार्यालय (Principal Regional Offices):
- नई दिल्ली (उत्तरी क्षेत्र)।
- मुंबई (पश्चिमी क्षेत्र)।
- कोलकाता (पूर्वी क्षेत्र)।
- चेन्नई (दक्षिणी क्षेत्र)।
प्रमुख भूमिकाएँ:
- प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय अपने क्षेत्र की वित्तीय आवश्यकताओं का विश्लेषण और समाधान करता है।
- बैंकों की निगरानी और स्थानीय व्यवसायों के लिए आर्थिक सहायता।
भारतीय रिजर्व बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो मुद्रा प्रबंधन, वित्तीय स्थिरता और बैंकिंग प्रणाली के संचालन के माध्यम से देश के आर्थिक विकास में योगदान देता है।