आधुनिक वैश्विक संदर्भ में कुछ नई अवधारणाओं ने अर्थव्यवस्था के स्वरूप, प्रक्रियाओं और प्राथमिकताओं को प्रभावित किया है। इनमें गिग अर्थव्यवस्था (Gig Economy), चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy) और नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) प्रमुख रूप से चर्चा में रहती हैं। ये अर्थव्यवस्थाएँ पारंपरिक आर्थिक गतिविधियों से भिन्न होते हुए नए अवसर, चुनौतियाँ और संभावनाएँ प्रस्तुत करती हैं।
गिग अर्थव्यवस्था (Gig Economy)
- परिभाषा (Definition):
- गिग अर्थव्यवस्था वह व्यवस्था है जहाँ लघु अवधि के अनुबंध (Short-term Contracts) या स्व-नियोजित अस्थायी कार्य (Freelance Work) प्रचलित होते हैं, न कि स्थायी नौकरियाँ।
- इसमें काम करने वाले श्रमिक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से अपने कौशल और सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं।
- उदाहरण (Examples):
- ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेवा (Zomato, Swiggy), कैब सर्विस (Uber, Ola), फ्रीलांसिंग प्लेटफ़ॉर्म (Upwork, Fiverr) इत्यादि।
- लाभ (Benefits):
- लचीलापन (Flexibility): श्रमिक अपनी सुविधा के अनुसार कार्य के घंटे चुन सकते हैं।
- कम स्टार्टअप लागत (Low Startup Cost): एक कार्यकर्ता कम संसाधनों में काम शुरू कर सकता है।
- हानि और चुनौतियाँ (Drawbacks and Challenges):
- नौकरी की अनिश्चितता (Job Insecurity): स्थायी रोजगार न होने से सामाजिक सुरक्षा लाभ कम।
- न्यूनतम वेतन सुरक्षा (Minimum Wage Protection) या अन्य श्रम कानूनों का अभाव।
- कौशल असंतुलन (Skill Mismatch): लगातार अपडेट होते कौशल की आवश्यकता।
चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy)
- परिभाषा (Definition):
- चक्रीय अर्थव्यवस्था एक ऐसी आर्थिक प्रणाली है, जिसमें उत्पादों के उत्पादन, उपभोग, पुनःउपयोग (Reuse), पुनर्चक्रण (Recycle), मरम्मत (Repair) और नवीनीकरण (Refurbishment) पर जोर दिया जाता है।
- इसका उद्देश्य कचरा उत्पादन कम करना (Minimizing Waste) तथा संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना है।
- उदाहरण (Examples):
- इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट का पुनर्चक्रण, वस्त्रों का पुनः उपयोग, जैविक कचरे से खाद निर्माण।
- लाभ (Benefits):
- संसाधन दक्षता (Resource Efficiency): कम अपशिष्ट, प्राकृतिक संसाधनों का बचाव।
- पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection): प्रदूषण में कमी, कार्बन फुटप्रिंट घटाना।
- हानि और चुनौतियाँ (Drawbacks and Challenges):
- तकनीकी व नियामकीय बाधाएँ (Technical & Regulatory Hurdles): पर्याप्त पुनर्चक्रण इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव।
- प्रवर्तन और प्रोत्साहन (Enforcement & Incentives) की कमी: उपभोक्ताओं व व्यवसायों को पर्यावरण-अनुकूल आचरण के लिए प्रेरित करना एक चुनौती।
नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy)
- परिभाषा (Definition):
- नीली अर्थव्यवस्था समुद्रों, नदियों, झीलों और जलक्षेत्रों पर आधारित आर्थिक गतिविधियों को समाहित करती है।
- इसका उद्देश्य समुद्री संसाधनों का सतत उपयोग (Sustainable Use of Marine Resources) करना, पर्यावरण संतुलन बनाए रखना तथा तटीय समुदायों की आजीविका बेहतर करना है।
- उदाहरण (Examples):
- मत्स्यपालन (Fisheries), समुद्री पर्यटन (Marine Tourism), समुद्र से ऊर्जा उत्पादन (Offshore Wind Energy), समुद्री खनन (Seabed Mining), जलीय जैव प्रौद्योगिकी (Marine Biotechnology)।
- लाभ (Benefits):
- आर्थिक विकास (Economic Growth): नए अवसर, रोजगार का सृजन, वैश्विक व्यापार का विस्तार।
- पर्यावरणीय सततता (Environmental Sustainability): जैवविविधता संरक्षण, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा।
- हानि और चुनौतियाँ (Drawbacks and Challenges):
- पर्यावरणीय क्षति का जोखिम (Risk of Environmental Damage): अतिशोषण (Overexploitation) से मरीन लाइफ को खतरा।
- आबादी और औद्योगिक दबाव (Population & Industrial Pressure): बढ़ते शहरों व उद्योगों के कारण समुद्री प्रदूषण।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता (Need for International Cooperation): समुद्री संसाधन साझा हैं, अतः सामूहिक नीति की दरकार।
इन तीनों विशेष प्रकार की अर्थव्यवस्थाओं से स्पष्ट होता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था लगातार नए आयामों और विचारधाराओं को अपना रही है। गिग अर्थव्यवस्था रोजगार के नये स्वरूपों, चक्रीय अर्थव्यवस्था पर्यावरण हितैषी उत्पादन-वितरण चक्र, तथा नीली अर्थव्यवस्था जलीय संसाधनों के सतत उपयोग पर केंद्रित है। इन तीनों मॉडलों से परंपरागत आर्थिक सोच को चुनौती मिल रही है और एक दीर्घकालिक, न्यायसंगत एवं पर्यावरण-सुरक्षित विकास की राह खुल रही है।